- पल्लवपुरम में आधे से अधिक आबादी कुत्तों की सुरक्षा के हवाले
- चुनाव के कारण पुलिस की उपलब्धता न होना बना परेशानी का सबब
जनवाणी संवाददाता |
मोदीपुरम: जिले में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। दरअसल, शहर की सुरक्षा के लिए रात में पेट्रोलिंग करने वाली पुलिस टीम इन दिनों अपनी जिम्मेदारियों से बच रही है। जबकि पुलिस के कंधों पर लोगों की रक्षा करने की बड़ी जिम्मेदारी होती है।
बावजूद इसके जिले की पुलिस लापरवाही बरत रही है। यह सच है कि शहर और गांव में लोगों के रात में चैन की नींद सोने के पीछे मुख्य कारण पुलिस द्वारा रात में गश्ती करना है। पुलिस हर इलाके और गली-मोहल्ले में अपनी पेट्रोलिंग गाड़ी से गश्ती करती है। ऐसे में लोगों की उस सुख-चैन को देने में पुलिस की अहम् भूमिका होती है, लेकिन अब वो पुलिस कहीं न कहीं अपने कर्तव्यों का पालन सही तरीके से नहीं कर रही है।
न्यू मेरठ के नाम से पहचान बनाने वाले पल्लवपुरम की आबादी लगभग डेढ़ लाख के करीब है, लेकिन इस न्यू मेरठ शहर की सुरक्षा रामभरोसे हैं। कहने को तो यहां सुरक्षा के लिहाज से थाना स्थापित है, लेकिन यह थाना सिर्फ कागजों तक ही सीमित है। इस क्षेत्र की आधे से अधिक आबादी तो अपनी सुरक्षा का जिम्मा खुद उठा रही है।
पल्लवपुरम क्षेत्र के हर दूसरे मकान में सुरक्षा के लिहाज से कुत्तों को सहारा लिया जा रहा है। क्योंकि आधे से अधिक आबादी की सुरक्षा कुत्तों के हवाले है। पल्लवपुरम में सुरक्षा के लिए थाना के अलावा दो चौकियां स्थापित है, लेकिन यह चौकियां सिर्फ हाइवे पर ही बनी हुई है।
अंदर क्षेत्र में रहने वाली आबादी की सुरक्षा तो सिर्फ रामभरोसे चल रही है। हालांकि रुड़की रोड क्षेत्र में छठी वाहिनी आरआरएफ होने के कारण यहां उनकी सुरक्षा ठीक है, लेकिन इस क्षेत्र में भी सुरक्षा के लिहाज से पुलिस यहां भी फेल साबित होती दिखाई दे रही है।
पल्लवपुरम के साथ-साथ रुड़की रोड़ क्षेत्र में चोरी, मोबाइल लूट का औसतन औसत दिन में दो है। इस लिहाज से इस क्षेत्र की सुरक्षा के लिए बडी तादाद में पुलिस फोर्स की उपलब्धता होनी चाहिए, लेकिन यह क्षेत्र सिर्फ कम पुलिस फोर्स की उपलब्धता के चलते अपनी सुरक्षा रामभरोसे बनाए हुए हैं।
वहीं, इस संबंध में क्षेत्राधिकारी आशीष शर्मा का कहना है कि चुनाव में ड्यूटी लगने के कारण पुलिस फोर्स की कमी आई है चुनाव के बाद थाने पर पुलिस की आमद हो जाएगी पल्लवपुरम क्षेत्र के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की भी अधिकारियों से मांग की गई है पल्लवपुरम के लोगों की जल्द ही सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए जाएंगे।
ये है पल्लवपुरम क्षेत्र में पुलिस की उपलब्धता
उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव का चौथा चरण समाप्त हो गया है। पांचवां चरण भी पूर्वी क्षेत्र में होगा। ऐसे में पश्चिमी क्षेत्र के पुलिस फोर्स को वहां चुनाव में लगाया है। ऐसे में पुलिस की उपलब्धता पल्लवपुरम थाने में और भी कम हो गई है। क्योंकि मोदीपुरम चौकी पर एक दारोगा और एक सिपाही के हवाले सुरक्षा का जिम्मा है।
ऐसा ही दुल्हैड़ा चुंगी पर स्थापित चौकी पर भी एक दारोगा और दीवान तैनात है। जबकि पल्लवपुरम थाने पर एक थाना प्रभारी दो दारोगा और चार सिपाही ही मौजूद है। ऐसे में अगर कोई बड़ी आपराधिक घटना हो जाए तो क्या होगा? पल्लवपुरम क्षेत्र में जहां आबादी बढ़ रही है। वहीं, लगातार इस क्षेत्र का एरिया भी बढ़ रहा है। क्योंकि कच्ची कालोनियों के स्थापित होने से इस क्षेत्र की आबादी में एकदम इजाफा हुआ है।
कुत्तों के सहारे परिवार
पल्लवपुरम में रह रहे प्रत्येक घर में कुत्तों की अलग-अलग नस्ल के कुत्ते आपको मिलेंगे। क्योंकि यहां पुलिस की उपलब्धता न होने के कारण सुरक्षा लोगों को नही मिल पाती। जिसके चलते लोगों ने अपनी सुरक्षा को देखते हुए कुत्तों को पालकर अपना सुरक्षा का सहारा बनाया है। इस लिहाज से इस क्षेत्र में सुरक्षा के दावों की पोल लगातार खुल रही है।