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400 करोड़ की लागत से सीनियर सिटीजनों के लिये बनेगा कलाओं का संग्रहालय
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दुनियाभर से आने वाले सीनियर सिटीजनों के लिये कलाओं का महासंगम बनेगा अद्भुत मिसाल
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50 एकड़ में बनने वाले इस संग्रहालय के लिये यूके हैप्पीनेस होम लि0 का मोदी ग्रुप से हुआ अनुबंध
संजय तिवारी |
मोदीनगर: मोदीनगर के संस्थापक स्वर्गीय राय बहादुर गुजर मल मोदी ने एक सपना देखा था। जिसको वह अपने जीते जी पूरा नहीं कर पाए। लेकिन, उनके बेटे सेठ सतीश कुमार मोदी ने अपनी कंपनी मोदी ग्लोबल इंटरप्राइजेज और एक अमेरिकन कंपनी हैप्पीनेस होम लिमिटेड के साथ मिलकर विश्वस्तरीय हैप्पीनेस होम बनाने का समझौता हो गया है।
आपको बता दें कि यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो वृद्धजनों के स्तर में सुधार के लिये यहां मोदीनगर में विश्वस्तरीय हैप्पीनेस होम बनेगा। 50 एकड़ भूमि में तकरीबन 400 करोड़ की लागत से मोदीनगर तहसील परिसर क्षेत्र में बनने वाले इस स्थल के लिये यूके के हैप्पीनेस होम लिमिटेड ओर मोदी ग्लोबल इंटरप्राइजेज के बीच समझौता हो गया है। दुनियाभर से लोग इस संग्रहालय में वातावरण के अनुरूप दुनिया के किसी भी कोने से आकर पुस्तकालय, संगीतकला मनोरंजन, व्यायाम, ध्यान, स्वास्थ्य, खेल से लेकर आदि गतिविधियों के जरिए प्रकृति की छटा का भी आंनद ले सकेंगे।
हाल ही में अमेरिका के जाने माने मूवी प्रोडूयसर कैंट वालविन ने इस योजना को साकार रूप देने के लिये मोदीनगर संस्थापक स्व. राय बहादुर गुजर मल मोदी के पुत्र मोदी ग्लोबल एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सेठ सतीश कुमार मोदी के साथ अपनी इकाई हैप्पीनेस होम्स लिमिटेड के जरिये अनुबंध करार किया है। अपने पिता के सपनों को साकार करने के लिये यूके की हैप्पीनेस होम्स लिमिटेड के सहयोग से यहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सिनियर सिटीजनों के लिये हैप्पीनेस होम बनाकर ड्रीम सिटी का सपना साकार करने के लिये खाका तैयार किया गया है। जिसके तहत ललित कला विश्वविद्यालय (आईफा) की भी विशेष भूमिका होगी।
चेयरमैन सतीश कुमार मोदी की माने तो इस बनने वाले संग्रहालय में जहां विभिन्न देशों की कला, संस्कृति, संगीत से लेकर खेल, व्यायाम का आकर्षक प्रदर्शन सिनियर सिटीजनों को लुभायेगा। वहीं पहाड़ों से गिरने वाले झरने के रूप में प्रकृति की अलग ही छटा बिखरती दिखाई देगी। विभिन्न कलाओं का महासंगम वृद्धजनों के चेहरे पर अलग ही मुस्कान बिखेरेगा। इस केंद्र पर वृद्धजनों की देखभाल के लिये आधुनिक स्तर से सुविधाओं से लैस स्वास्थ्य केंद्र होगा। देश-विदेश के लेखकों से जुड़ी पुस्तकालय में पुस्तकें उपलब्ध रहेंगी। पाश्चत्य से लेकर भारतीय संस्कृति से जुड़े संगीतों की धुन पर विदेशी थिरक सकेंगे। सीनियर सिटीजनों की जरूरतमंद चीजों व साधनों की आसानी से उपलब्धता रहेगी।
खास बात यह है कि इस संग्रहालय पर आसपास के स्कूल कालेजों से शिक्षक, कलाकार, योगाचार्य व चिकित्सक आदि आकर सिनियर सिटीजन के बीच अपना अनुभव साझा कर सकेंगे। यहां विदेश के किसी भी कोने से आकर सीनियर सिटीजन अपना कुछ समय बिता सकेंगे। मोदी ग्रुप के उच्च प्रबंधक एलआर शर्मा की माने तो इस संग्रहालय पर सभी कलाओं का मिश्रित महासंगम होगा जो कि यह सपना जल्द ही मोदीनगर में वास्तविकता बन जायेगा। इसके लिये अनुबंध के तहत केंद्र व राज्य सरकार से भी सहयोग मांगा गया है। हैप्पीनेस होम के जरिये शिक्षा, चिकित्सा से लेकर अन्य कलाओं के विशेषज्ञ व उनके सहयोगियों को बड़े स्तर पर रोजगार मिल सकेगा।
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