Wednesday, June 11, 2025
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मल्टी टेलेंटेड एक्ट्रेस हैं श्वेता बासुप्रसाद


फिल्म और छोटे पर्दे की एक्ट्रेस श्वेता बासुप्रसाद का जन्म 11 जनवरी 1991 को झारखंड के जमशेदपुर में हुआ था लेकिन बाद में वह अपने परिवार के साथ मुंबई आ गईं। श्वेता ने सांताक्रूज के आर एन पोद्दार हाई स्कूल से शुरुआती पढाई की। अभिनय में रूचि होने के चलते वह बचपन में ही सिनेमा से जुड़ गईं।

वह टीवी सीरियल्स सहित कई फिल्में और वेब सीरीज कर चुकी हैं। सबसे पहले श्वेता, शाहरुख खान के साथ फिर भी दिल है हिंदुस्तानी (2000) में नजर आई थीं। इसके बाद ‘मकड़ी’ में श्वेता ने दोहरी भूमिका निभाई जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार के राष्ट्रीय पुरस्कार के साथ ही साथ घर घर में पहचान मिली।

नागेश कुकुनूर की ‘इकबाल’ में श्वेता ने खदीजा का शानदार किरदार निभाया था। यह उनकी पहली लीड रोल वाली फिल्म थी। इसके बाद वह ‘वाह लाइफ हो तो ऐसी’ (2005) और डरना जरूरी है (2006) जैसी फिल्मों में नजर आर्इं। 2008 में श्वेता ने ‘कोथा बंगारू लोकम’ से तेलुगू सिनेमा में डेब्यू किया।

फिल्मों और टेलीविजन के अलावा श्वेता ने कैमरे के पीछे काम करते हुए फेंटम फिल्मस के लिए स्क्रिप्ट एडवाइजर के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं। उसी दरमियान उन्होंने अप्लॉज प्रोडक्शन की एक शॉर्ट फिल्म भी डायरेक्ट की। इसमें अनुपम खेर, जरीना वहाब, दानिश हुसैन थे।

इस फिल्म की कहानी खुद श्वेता ने लिखते हुए एक मल्टी टेलेंटेड एक्ट्रेस होने का परिचय दिया। छोटे पर्दे के धारावाहिक ‘कहानी घर घर की’ और वेब सीरीज क्रिमिनल जस्टिस में एक वकील के रूप में श्वेता ने कमाल की अदाकारी करते हुए आॅडियंस का दिल जीत लिया। सस्पेंस ड्रामा थ्रिलर ‘द ताशकंद फाइल्स’ में एक नौसिखिया पत्रकार रागिनी फुले की केन्द्रीय भूमिका में श्वेता को लोगों की खूब प्रशंसा मिली।


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