Wednesday, July 3, 2024
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हाइटेंशन लाइन लील गई छह कांवड़िये

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  • डेढ़ दर्जन से अधिक घायल, मेरठ के राली चौहान गांव के पास हुआ हादसा

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: भावनपुर थानांतर्गत राली चौहान गांव के पास हरिद्वार से गंगा जल लेकर आ रहे कांवड़ियों से भरा ट्रैक्टर-ट्रॉला हाइटेंशन लाइन से टकरा गया। इसमें छह कांवड़ियों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि डेढ़ दर्जन से अधिक कांवड़िये घायल हो गए हैं। मृतकों के नाम हिमांशु पुत्र सुरेश, प्रशांत पुत्र सुरेश, महेंद्र पुत्र कमल सैनी, लखमी पुत्र भागीरथ, मनीष पुत्र सुशील और लक्ष्य पुत्र सुनील हैं। सभी मृतक राली चौहान के रहने वाले हैं।

हादसे की सूचना मिलते ही कमिश्नर, एडीजी और आईजी समेत पुलिस और प्रशासनिक के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। घटना शाम साढ़े सात बजे के करीब की है। राली चौहान गांव के बीस से अधिक युवक हरिद्वार गंगाजल लेकर ट्रैक्टर-ट्रॉला में सवार होकर लौट रहे थे। 15 फीट से अधिक ऊंचाई वाले डीजे के कारण ट्रॉला काफी ऊंचा हो गया था। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि शाम साढ़े सात बजे के करीब ट्रॉला गांव से करीब एक किलोमीटर पहले पहुंचा तभी कुछ युवक और बच्चे डीजे पर बैठकर डांस करने लगे तभी डीजे का संपर्क हाइटेंशन विद्युत लाइन से टकरा गया।

टक्कर होते ही तेज धमाका हुआ और डीजे पर बैठे कांवड़िये करंट की चपेट में आ गए। छह कांवड़ियों को तेज झटका लगने से करंट ने नीचे फेंक दिया जिससे उनकी हालत बेहद गंभीर हो गई। घायलों को तुरंत आनंद और वेदांत अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, करंट की चपेट में आने की सूचना मिलते ही ग्रामीणों ने बिजली विभाग को फोन किया, लेकिन एसडीओ से लेकर किसी भी अधिकारी ने फोन नहीं उठाया। इससे आक्रोशित होकर ग्रामीणों ने गांव के बाहर रास्ता जाम कर दिया।

मांगने गए थे शिव से मन्नत लौटने पर मिली मौत

इससे ज्यादा दुख किसी परिवार के लिये और क्या हो सकता है कि उसके बेटे अपने जेब खर्च से डीजे लेकर गए और भोले के भजनों से कठिन, थका देने वाले पथरीले रास्ते को पार करने में हौसला तक नहीं खोया लेकिन जब मंजिल करीब आई तो एक हादसे ने परिवार को गम के सागर में डुबो दिया। परचून का काम करने वाले अभागे पिता के लिये यह शिवरात्रि जिंदगी भर न भूलने वाली साबित हो गई।

चार जुलाई को गांव के पच्चीस से अधिक उत्साही युवाओं ने 15 फीट ऊंची झांकी वाली कांवड़ लेकर भगवान शिव से खुद और परिवार के कुशल कामना की मन्नत मांगने के लिये हरिद्वार गंगाजी की शरण में गए थे। वहां से जल लेकर अपने गांव के मंदिर में जलाभिषेक करने के लिये उमंग और उत्साह के साथ वापस आ रहे थे। गांव में परचून की दुकान करने वाले सुरेश के दो बेटों हिमांशु और प्रशांत ने खुद का डीजे झांकी में लगवाया था।

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दोनों ही हादसे में दर्दनाक मौत का शिकार हो गए। जबकि तीसरा बेटा विशाल सीरियस हालत में है। दो बेटों के शव को देखकर सुरेश गश खाकर गिर पड़े और बस यही बोले भगवान शंकर क्या बेटों को मन्नत के बदले मौत मिलनी थी। ग्रामीणों की आंखों के सामने जब महेन्द्र पुत्र कमल सैनी, लखमी पुत्र भागीरथी और मनीष पुत्र सुनील के शव आए तो सभी की आंखों में आंसू आ गए।

युवाओं की मौत ने गांव को गमगीन कर दिया। जिस भगवान शिव को जलाभिषेक होना था, वहां ढोल नगाड़ों की जगह मातम का माहौल बना हुआ था। परिवार की महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल था। दस साल के लक्ष्य की मौत ने परिवार को तोड़ दिया। बच्चे का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने कांवड़ हाथ में पकड़ी हुई थी।

राली चौहान में खुशियां बदली मातम में

राली चौहान में हाइटेंशन लाइन की चपेट में आने से मरे छह लोगों की मौत से पूरा गांव गमगीन हो गया है। किसी भी घर में चूल्हे तक नहीं जले और कुछ लोग नियति को कोसते रहे। राली चौहान गांव में हादसे के बाद जिन घरों में शिवरात्रि के जल की तैयारी चल रही थी, अब उन घरों में रविवार को मरने वालों के अंतिम संस्कार की तैयारियां की जाएंगी। इन छह लोगों के कल पोस्टमार्टम हो जाएंगे।

पूरे गांव के लिये शिवरात्रि का पर्व फीका पड़ गया। दो बच्चों को इस हादसे में गवाने वाले सुरेश सैनी ने रोते हुए कहा था कि भगवान शिव मेरा पूरा परिवार हमेशा पूजा जुटा रहता है लेकिन मेरे बेटे मर गए और आपने कुछ नहीं किया। अब मेरा विश्वास भगवान शिव पर से डगमगाने लगा है। मारे गए प्रशांत की बुआ बोली भोले तेरा गंगा जल पानी पानी हो गया। देर रात दो बजे के बाद तक ग्रामीण रास्ता जाम किये बैठे थे।

ग्रामीणों का आरोप

ग्रामीणों ने दुखी अंदाज में कहा कि कांवड़ जिस वक्त गांव से निकली थी,उस वक्त लड़ाई हुई थी। लौटते वक्त जेल चुंगी पर विवाद हुआ था तब पुलिस ने मदद की थी। तीसरी बार अब्दुल्लापुर में विवाद को ग्रामीण अपशकुन मान रहे हैं।

पहली बार देखा इतना बड़ा हादसा

ग्रामीणों का कहना है कि गांव वालों ने इतना बड़ा हादसा कभी नहीं देखा था जब एक साथ छह लोग मारे गए हों और दर्जनों घायल हुए हों। हर कोई इस बात से दुखी था कि बिजली विभाग वालों की लापरवाही के कारण बेकसूरों की जानें गई है।

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