Monday, July 14, 2025
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…तो मई, जून में मुश्किल से कटेंगे दिन

  • वेस्ट यूपी में पिछले सालों से गर्म रहा मार्च
  • लू का ज्यादा दिखेगा असर, आधी मार्च के बाद बदलेगा मौसम
  • ग्लोबल वार्मिग का बढ़ता असर, मौसम हो रहा बेईमान

जनवाणी संवाददाता |

मोदीपुरम: वेस्ट यूपी में मार्च से ही मौसम में बदलाव आएगा। आधा मार्च बीतने के बाद तापमान में भी बढ़ोतरी होगी और आने वाले समय में गर्मी का असर इस बार ज्यादा रहेगा। मई और जून के दिन काटने मुश्किल हो जाएंगे। लगातार ग्लोबल वार्मिंग के असर के चलते मौसम में काफी परिवर्तन देखने को मिल रहा है।

पिछले 8-10 सालों में वेस्ट यूपी का मौसम बदला है। यहां पर ग्लोबल वार्मिंग का असर और लगातार बढ़ते प्रदूषण के लेवल के कारण मौसम पर प्रतिकूल प्रभाव दिखाई दे रहा है। मौसम में काफी परिवर्तन दिख रहा है, तेजी से तापमान का बढ़ा और बेमौसम बारिश होने का कारण ग्लोबल वार्मिंग ही सामने आ रही है। यहां पर पिछले कुछ सालों से गर्मी का असर बढ़ा है और सर्दी का थोड़ा कम हुआ है।

मार्च माह में भी इस बार मौसम में बदलाव दिखाई देगा, आधा मार्च बीतने के बाद तापमान में बढ़ोतरी होगी और अप्रैल आते-आते तापमान सामान्य से आठ से 10 डिग्री ऊपर पहुंच सकता है। लगातार ग्लोबल वार्मिंग के असर के चलते मौसम में भी काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। बुधवार को भी तापमान पहली बार सीजन में 27 डिग्री के ऊपर पहुंचा है। अधिकतम तापमान 27.0 डिग्री व न्यूनतम तापमान 9.8 डिग्री सेल्सिययस रिकॉर्ड किया गया।

ये रहेगा मौसम का हाल

  • अप्रैल, मई और जून के महीने पिछले सालों से गर्म रहेने के आसार।
  • लू के दिनों की संख्या में इस बारर अन्य सालों से वृद्वि हो सकती है।
  • वेस्ट यूपी में इस बार तापमान में एक से दो डिग्री की बढ़ोतरी सामान्य तौर पर संभव है।
  • इस बार राजस्थान की और से आने वाले गर्म हवाओं की गति तेज रहेगी।
  • उत्तरी मैदानी इलाकों में मार्च के अंत तक लू का असर दिख सकता है।
  • अप्रैल माह में तापमान में सामान्य से भी ज्यादा बढ़ोतरी होगी।

फसलों पर पड़ रहा असर

सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा. यूपी शाही का कहना है कि मौसम का असर फसलों पर भी दिख रहा है।

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ग्लोबल वार्मिंग के चलते मौसम के साथ साथ फसलों पर भी असर साफ दिख रहा है। फसलों के उत्पादन पर भी इसका असर ज्यादा है। खासकर गेहूं और सरसों और गन्ना आलू पर भी इसका असर दिखाई दे रहा है। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के चलते फसल को काफी नुकसान पहुंचता है। जिसका नुकसान किसानों को उठाना पड़ता है।

मौसम में दिखेगा बदलाव

पिछलों सालों की तुलना में इस बार गर्मी का दौर लंबा रहेगा। शुरुआत में ही मौसम बदेगला और अप्रैल के से ही गर्मी का असर तेज होने लगेंगा और यह गर्मी का स्पैल अन्य सालों की अपेक्षा 20 से 25 दिन अधिक रह सकता है। जिस कारण से मौसम इस बार ज्यादा गर्म रहेगा और अधिकतम तापमान मई में ही 44-45 तक जा सकता है।

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-डा. एन सुभाष, मौसम वैज्ञानिक भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान, मोदीपुरम

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