जनवाणी संवाददाता |
कैराना: रविवार को विश्व गौरैया दिवस के अवसर पर प्राथमिक विद्यालय बदलूगढ़ में गौरैया के संरक्षण और संवर्धन की जानकारी दी गई।
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प्रधानाध्यापक राकेश सैनी व सहायक अध्यापिका रीता चौहान ने प्रांगण में खड़े पेड़ों पर गौरैया के लिए घौंसले लगाए और गर्मी को देखते हुए इनके साथ-साथ अन्य दूसरे पक्षियों के लिए दाने पानी का प्रबंध किया गया। इस अवसर पर प्रधानाध्यापक राकेश सैनी ने बच्चों को बताया की हमारे परिवेश और पर्यावरण में जो भी जीव जन्तु उपस्थित हैं वो हम सब के लिए बहुत ही उपयोगी हैं।
पृथ्वी पर जीवन बना रहे इसलिए सब की उपस्थिति अनिवार्य हैं, परंतु आजकल सभी लोगों ने अपने पक्के घर बना लिए हैं। इसलिए गौरैया को अपना घौंसला बनाने के लिए उचित जगह ही नही मिल पाती। जिस कारण कुछ विलुप्त हो गई और कुछ ने अपना स्थान परिवर्तन कर लिया। इसके अलावा मोबाइल फोन के टावर से निकलने वाली किरणें गौरैया सहित दूसरे पक्षियों के लिए एक बड़ा खतरा हैं।
इससे निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक किरणें पक्षियों की प्रजनन क्षमता को कमजोर कर देती हैं। यहीं कारण है कि पिछले 10 सालों मे इनकी संख्या में 60 से 70 फीसदी तक कम हो गयी। अगर हम किसी भी जीव का संरक्षण चाहते हैं हमें उनके अनुकूल माहौल तैयार करना होगा। इसी को ध्यान मे रखते हुए विद्यालय प्रांगण में खड़े पेड़ों पर गौरैया के घौंसलों का प्रबंध किया गया।