Monday, July 1, 2024
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विशेष बीमारियां, विशेष रख रखाव

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आधुनिक भागमभाग जिंदगी ने बस भागना ही सिखाया है। यह नहीं सिखाया कि इस भागमभाग में अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी उतनी ही अहमियत रखता है ताकि हम रेस में पीछे न छूट जाएं। खाली भागने से हम कई बिन बुलाई बीमारियों के शिकार बन सकते हैं। इनसे बचने के लिए सही डाइट और जरूरत पड?े पर दवाइयॉं लेकर स्वयं को संभाल सकते हैं और अपने इम्यून सिस्टम को सही रख सकते हैं। आइए देंखे किस बीमारी में क्या खाएं और बीमारी से फाइट करने की क्ष्मता अपने में उत्पन्न करें।

जब दिल हो अस्वस्थ

दिल के बीमार पड़ने पर हर प्रकार की सब्जी खाने की सलाह दी जाती है बस ध्यान रखना होता है नमक, तेल और कैलोरी का। इनका सेवन सीमित मात्रा में करना होता है। हरी पत्तेदार सब्जियां आप नियमित ले सकते हैं। गाजर, चुकंदर, टमाटर का सेवन सलाद के रूप में कर सकते हैं। इससे शरीर में खून की कमी में भी लाभ मिलता है। ब्रोकली, फूलगोभी, परवल, लहसुन, घीया, बैंगन सभी प्रकार की सब्जियों का सेवन कम नमक और कम तेल वाला कर सकते हैं। फलों में भी जूस के स्थान पर फल का सेवन करें जो फाइबर देता हे। एवोकाडो, बेरीज और अंगूर का सेवन हमारे अच्छे कॉलेस्ट्राल को बढ़ाता है।

पपीते में बहुत से विटामिन्स होते हैं और केले में पोटेशियम होता है इनका सेवन आप करते रहें। सभी प्रकार की साबुत दालें कम से कम एक घंटा पूर्व भिगोकर और उसका पानी गिराकर बनानी चाहिए। पनीर और सोयाबीन का सेवन 30 से 40 ग्राम तक प्रतिदिन कर सकते हैं। दलिए का सेवन नियमित कर सकते हैं। इसमें फाइबर की मात्रा भी खूब होती है और कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस भी होता है जो दिल के लिए उसके अच्छे दोस्त हैं।

चावलों में सेला, ब्राउन और रेड राइस दिन भर में 1 से दो कटोरी का सेवन कर सकते हैं। मल्टीग्रेन आटे के सेवन से शुगर धीरे-धीरे बनती है। इसमें हरी सब्जियां मिलाकर इस आटे की रोटी का सेवन कर सकते हैं। सरसों का तेल, आलिव आॅयल और नारियल तेल का सेवन दिल की बेहतरी के लिए बेहतर माना जाता है पर इसकी मात्र बहुत सीमित होनी चाहिए जैसे सारे दिन में 1 से दो च?मच तक 1 मैदा, शुगर, डीप फ्राई खाद्य पदार्थों का सेवन कम से कम करें। अल्कोहल, तंबाकू, सिगरेट भी दिल को कमजोर करते हैं। इनका प्रयोग न करें।

लिवर की दिक्कत होने पर

लिवर की समस्या होने ेपर खाना आसानी से पचने वाला और कम तेल का ही खाएं। गाजर, चुकंदर लिवर के दोस्त हैं इनसे दोस्ती करें और इनका सेवन सलाद में करें। ब्रोकली में विटामिन ए, सी, प्रोटीन, कैल्शियम आयरन होता है इसका सेवन लाभप्रद है। आंवला, टमाटर, पालक, मैथी ये सब लिवर के लिए लाभप्रद हैं इनका सेवन करें।

घीया पचने में आसान है और पाचक रसों को सुचारू करता है इसका सेवन अवश्य करें। पपीता लिवर के लिए काफी लाभप्रद होता हैं अनार खून बढ़ाने में मदद करता है और इसमें विटामिन होते हैं। सेब, नाशपती का भी सेवन कर सकते हैं। पर मात्रा डाक्टर के परामर्शनुसार ही लें।

शुगर सताने पर

शुगर के रोगी होने पर फल का सेवन 100 से 200 ग्राम तक ही करें। वो भी बदल कर जैसे पपीता, अमरूद, संतरा, मौसमी, सेब, नाशपती , तरबूज आदि लें। कभी-कभी थोड़ा सा केला, अंगूर, चीकू, आम ले सकते हैं पर इनके सेवन के बाद तेज वॉक करें। घीया, भिंडी, पत्तागोभी, पालक, मेथी का सेवन करें। हरी पत्तेदार सब्जियों में रेशा भरपूर होता है। मौसम अनुसार गाजर, मूली, टमाटर, चुकंदर, खीरा, ककड़ी के सलाद का सेवन करें। मटन कम से कम खाएं क्योंकि इसमें चर्बी अधिक होती है जो शुगर बढ़ाने में मदद करती है। मछली और चिकन रोस्टेड या स्टीम्ड ही लें। अंडों का सफेद भाग ही लें इसमें प्रोटीन की मात्रा काफी होती है।

मूंग, मिक्सड दालें खा सकते हैं पर दालों को पहले 1 घंटा भिगोकर फिर उसका पानी गिराकर दाल बनाएं। शुगर के रोगियों को भी रिफाइंड प्राडक्ट्स का सेवन नहीं करना जैसे रिफाइंड आफयल, मैदा, नमक चीनी आदि। डीप फ्राइड भोज्य पदार्थों का सेवन भी नहीं करना, अल्कोहल, तंबाकू का सेवन भी नहीं करना चाहिए। नमक का सेवन कम करें। खाना बनाने के लिए सरसों, नारियल और आॅलिव आॅयल ही सीमित मात्र में प्रयोग करें।

किडनी की समस्या होने पर

किडनी रोगी को पोटेशियम और सोडियम की मात्रा कम लेनी चाहिए, इसलिए इन्हें फलों का सेवन कम करना चाहिए। 200 ग्राम से अधिक नहीं। अनन्नास, तरबूज, आम, लाल अंगूर खा सकते हैं कम मात्रा में। जामुन एंटीआक्सीडेंट से भरपूर होता है जो किडनी के लिए बेहतर है। पपीता भी फाइबर युक्त होने के कारण पचने में आसान है। इससे आंतरिक सूजन कम होती है। नाशपती और सेब शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं। विशेषकर नाशपाती जरूर लें पर सीमित मात्रा में। दाल बहुत पतली खाएं।

बनाने से 1 घंटा पूर्व गर्म पानी में भिगो कर पानी गराकर बनाएं। क्रि एटिनिन की मात्र अगर 2 है या कम तो सप्ताह में से 3 अंडों का सफेद भाग खा सकते हैं। 2 से 3 पीस मछली या चिकन के स्टीम्ड पीस सप्ताह में लें। बिना दूध के दलिया लें, मल्टीग्रेन आटे की रोटंी खाएं ताकि प्रोटीन भी मिल सके। चावल मांड निकाल कर खाएं। खाना बनाते समय 1 चम्मच सरसों का तेल प्रयोग करें। मुमकिन हो मशीन का निकला तेल खाएं। देसी घी 1 चम्मच तक हर दिन ले सकते हैं। नमक का सेवन कम करें। बाजारी सूप, जूस, नमकीन, चिप्स आदि न लें। अल्कोहल, तंबाकू, सिगरेट का सेवन बंद कर दें। रिफाइंड और डीप फ्राई खाद्य पदार्थों का सेवन भी बिलकुल न करें।

                                                                                                                  नीतू गुप्ता


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