तबलीगी जमात को लेकर कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य
जनवाणी संवाददाता |
देवबंद: तब्लीगी जमात को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद डिवीजन बेंच द्वारा दिए गए फैसले को जमीयत उलमा-ए-हिंद ने ऐतिहासिक करार दिया है। जमीयत के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने फैसले को उन लोगों के मुंह पर तमाचा बताया जो देश की शांति को भंग करने तथा शत्रुता फैलाने के प्रयास कर रहे थे।
रविवार को जारी बयान में मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि तबलीगी जमात को लेकर जिस तरह से मीडिया के एक धड़े ने देश के सामाजिक ताने-बाने और भाईचारे को नष्ट करने का प्रयास किया था, यह फैसला उनके मुंह पर एक तमाचा है। उम्मीद है कि वे लोग अदालत के फैसले से सीख लेंगे और गांधी के देश में शत्रुता की जगह प्यार और मोहब्बत को बढ़ाने का प्रयास करेंगे।
उन्होंने कहा कि औरंगाबाद की डिवीजन बेंच के फैसले के बाद भी अगर मीडिया की विभाजनकारी नीतियों और भारत की एकता व सभ्यता को नष्ट करने के प्रयासों पर लगाम नहीं लगाया गया तो यह देश की एकता के लिए घातक साबित होगा। ज्ञात रहे की औरंगाबाद की डिवीजन बेंच ने विदेशी तबलीगी जमात के मामले की सुनवाई करते हुए एफआईआर को रद्द करने के निर्देश दिए हैं। जमीयत उलमा बॉम्बे हाईकोर्ट में इस केस की पैरवी कर रहा था।