नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। कल यानि शनिवार से सूर्य भगवानव वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। जैसे ही सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करेंगे उसके बाद खरमास शुरू हो जाएगा। यानि 16 दिसंबर से खरमास प्रारंभ हो जाएगा। यह मास अगले 15 जनवरी तक रहेगा। बताया जाता है कि, इस मास के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं होते हैं। इस दौरान कुछ नियम बताए गएं हैं जो कि हमें करने चाहिए या नहीं। तो चलिए जानते हैं कि खरमास के दौरान क्या करें और क्या न करें।
खरमास के दौरान क्या न करें..
- खरमास के दौरान शुभ और मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है, इसलिए इन दिनों में किसी भी शुभ कार्य का आयोजन न करें।
- खरमास में बेटी या बहू की विदाई नहीं करनी चाहिए।
- खरमास के दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे संस्कारों का आयोजन नहीं करना चाहिए।
- साथ ही इस दौरान नया वाहन, घर, प्लाट, रत्न-आभूषण और वस्त्र आदि नहीं खरीदना चाहिए।
- इन दिनों गाजर, मूली, तेल, चावल, तिल, बथुआ, मूंग, सोंठ और आंवला का सेवन नहीं करना चाहिए।
- शास्त्रों के अनुसार खरमास की अवधि के दौरान तामसिक भोजन भी नहीं करना चाहिए।
- साथ ही इस दौरान लहसुन, प्याज, मांस-मदिरा आदि का भी सेवन नहीं करना चाहिए।
खरमास के दौरान करें ये कार्य
- खरमास में सूर्य उपासना का बहुत महत्व होता है, इसलिए इस दौरान प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्य दें।
- इन दिनों चारपाई या पलंग का त्याग कर भूमि पर बिस्तर लगाकर शयन करना चाहिए।
- शास्त्रों के अनुसार खरमास की अवधि में थाली की बजाए पत्तल में भोजन करना उत्तम रहता है।
- ये माह आराधना और जप, उपवास आदि के लिए शुभ माना जाता है।
- इस दौरान पूरी तरह से शुद्धता बनाए रखें। मन में किसी के प्रति बुरी भावना लाने से बचें।
- खरमास के दौरान भगवान विष्णु की पूजा करना भी बेहद शुभ रहता है।
- इसके अलावा खरमास में नियमित रूप से तुलसी पूजन भी करना चाहिए।
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