
- छात्रवृत्ति की मांग को लेकर छात्रों ने किया कॉलेज के गेट पर हंगामा-प्रदर्शन
जनवाणी संवाददाता |
गंगानगर: सरकार छात्र-छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए स्कॉलरशिप देती है। जिससे बच्चों की शिक्षा में रुकावट न आए, लेकिन जब वक्त पर पैसा न मिले तो बच्चे विरोध में उतर जाते हैं। मवाना रोड स्थित एआरआईएमटी कॉलेज के छात्रों ने यूनिवर्सिटी फीस को लेकर जमकर हंगामा-प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रबंधन ने स्कॉलरशिप में मिलने वाली यूनिवर्सिटी फीस छात्रों को नहीं दी।
बीएड सेकेंड ईयर के छात्र शेखर गौतम, सोनू कुमार, तरुण चौधरी, विकास कुमार, अनिल कुमार, संजय संदीप, राधा, रजनी ने बताया कि उनका एडमिशन स्कॉलरशिप बेस पर हुआ था। फर्स्ट ईयर के लिए सरकार द्वारा 60 हजार रुपये से ज्यादा की स्कॉलरशिप दी गई थी। जबकि उस समय एडमिशन फीस 50 हजार रुपये थी।
इसके बावजूद कॉलेज प्रबंधन की ओर से बची हुई धनराशि छात्रों को नहीं दी गई थी। सोमवार दोपहर छात्रों ने कॉलेज के गेट के बाहर जमकर हंगामा-प्रदर्शन करते हुए बताया कि इस बार करीब 34 हजार रुपये की स्कॉलरशिप सरकार द्वारा भेजी गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रबंधन ने 30 हजार रुपये सेकेंड ईयर की फीस जमा करने के बाद बचे हुए चार हजार रुपये छात्रों को नहीं लौटाए।
उन्होंने बताया कि वह इस बात की शिकायत डीएम के. बालाजी से करेंगे। वहीं कॉलेज के डीन विक्रांत चौहान ने बताया कि छात्रों के आरोप बेबुनियाद है। उनकी स्कॉलरशिप के पैसे सेकेंड ईयर की फीस में काट लिए गए है।
नहीं मिल रही छात्रवृत्ति
मेरठ के हजारों छात्रों का भविष्य छात्रवृत्ति न मिलने से दांव पर लगा है। सोमवार को एआरआईएमटी कॉलेज के छात्रों ने कॉलेज के गेट पर जमकर हंगामा काटा। आक्रोशित छात्रों ने कॉलेज प्रबंधन का घेराव करते हुए स्कॉलरशिप न मिलने के विरोध में छात्रों ने जमकर नारेबाजी की। आरोप है कि विभाग जानबूझकर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है तो वहीं शुल्क प्रतिपूर्ति न होने और छात्रवृत्ति न मिलने से उनका भविष्य अधर में है।
हजारों छात्रों का भविष्य दांव पर
गौरतलब है कि करीब पांच से छह हजार छात्रों का डाटा अभी तक क्लियर नहीं हुआ है। ये वे छात्र हैं जिनके फार्म तो मुख्यालय तक गए किंतु रिकार्ड चेकिंग के दौरान किसी कमी के चलते उन्हें सस्पेक्टेड में डाल दिया गया। इसमें कुछ अनुसूचित जाति के छात्र हैं। शासन की ओर से वेबसाइट को बंद करने के बाद इन छात्रों के डाटा को संशोधित नहीं किया जा पा रहा है। छात्रों का कहना है कि उनकी स्कॉलरशिप नहीं मिल रही है और इसका सबसे बड़ा कारण है कि आॅनलाइन फीडिंग के दौरान कॉलेज के कर्मचारियों ने गलती की है?