Wednesday, July 3, 2024
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21 अगस्त दोपहर 2:30 बजे, 10 सेकेंड में ऐसे गिराया जाएगा सुपरटेक ट्विन टॉवर

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जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: सेक्टर-93ए में सुपरटेक के ट्विन टावर 21 अगस्त को दोपहर 2:30 बजे आठ से दस सेकेंड में ढहा दिए जाएंगे। इसके लिए 3500 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया जाएगा। ट्विन टावर के अंतिम ब्लास्ट के लिए एडिफिस इंजीनियरिंग ने मंगलवार को कार्ययोजना पेश की।

बैठक में प्राधिकरण, प्रदूषण विभाग, दक्षिण अफ्रीका की कंपनी जेट डिमोलिशन, एडिफिस इंजीनियरिंग, बिल्डर, आरडब्ल्यूए के अलावा अन्य एजेंसियों के पदाधिकारी शामिल हुए। जेट डिमोलिशन के केविन स्मिथ व मार्टिनेस समेत एडिफिस के अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि अंतिम ब्लास्ट के लिए सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। 99.96 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। 11 प्राइमरी और सात सेकेंडरी तल पर पिलर में छेद किए जा चुके हैं।

सभी पिलर पर जिओ फाइबर टेक्सटाइल लपेटा गया है। केवल नौ पिलरों में यह काम बचा है। विस्फोट के बाद बचे हुए मलबे के निस्तारण के लिए 31 जुलाई तक एडिफिस इंजीनियरिंग अंतिम कार्ययोजना प्रस्तुत करेगी। विस्फोट के बाद उड़ने वाली धूल से लॉन और आसपास के छोटे पौधों को बचाने के लिए प्लास्टिक शीट से ढहा जाएगा। इसकी भी अंतिम कार्ययोजना 31 जुलाई तक देनी होगी।

2 से 20 अगस्त तक ट्विन टावर में विस्फोटक लगाने का काम शुरू होगा। जेट डिमोलिशन के वरिष्ठ पदाधिकारी इस दौरान नोएडा में उपस्थित रहेंगे। पलवल में 60 प्रतिशत विस्फोटक आ चुका है। जल्द ही इसे नोएडा लाया जाएगा। विस्फोटकों को लगाने के बाद इसकी सुरक्षा के लिए कैमरे से निगरानी होगी। एडिफिस इंजीनियरिंग के पदाधिकारियों को छोड़कर कोई भी इमारत परिसर में नहीं जा सकेगा।

एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज आरडब्ल्यूए की ओर से ट्विन टावर के नजदीकी टावरों की मजबूती की जांच के लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने की मांग की गई है। हालांकि, एडिफिस ने यूके की एक कंपनी से विस्फोट से होने वाले संभावित कंपन को लेकर एक रिपोर्ट तैयार कराई है। इसमें बताया गया है कि टावर गिरने के बाद अधिकतम कंपन 34एमएम प्रति सेकेंड की संभावना है। यहां की इमारतें भूकंप के जोन-5 के तहत 300 एमएम प्रति सेकेंड के कंपन के मानक को आधार बनाकर तैयार की गईं हैं।

ऐसे में एडिफिस का कहना है कि स्ट्रक्चरल ऑडिट की कोई जरूरत नहीं है। हालांकि, प्राधिकरण की ओर से दिए गए निर्देश के मुताबिक, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) जांच करने के बाद सलाह देगा। अगर सुझाव में ऑडिट कराने के लिए कहा जाता है तो इसे कराना होगा। इसके लिए सीबीआरआई को बिल्डर 70 लाख रुपये का भुगतान तीन दिन में करेगा।

बैठक में बताया गया कि पुलिस व फायर विभाग और एडिफिस इंजीनियरिंग के लोग समन्वय स्थापित करते हुए एक सप्ताह में यह तय करेंगे कि कहां-कहां के स्थानों को अंतिम ब्लास्ट के दिन खाली कराया जाएगा। पहले 50 मीटर के दायरे के सभी टावरों को खाली कराने का फैसला किया गया था।

विस्फोट के बाद मलबे और धूल को एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज परिसर में जाने से रोकने के लिए 30 मीटर ऊंची लोहे की चादर लगाई जा रही है। इसकी ऊंचाई और बढ़ाई जाएगी। इस बाबत 30 जुलाई तक ऊंचाई के निर्धारण पर फैसला हो जाएगा।

अंतिम ब्लास्ट के दिन 150 मीटर की दूरी पर रिमोट होगा। यहां छह वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहेंगे, जो विस्फोट के लिए रिमोट का बटन दबाएंगे। इमारत में विस्फोट के दौरान 30 मिनट तक के लिए आसपास की सभी सड़कों पर ट्रैफिक रोका जाएगा। एक्सप्रेसवे पर भी यह लागू होगा। ध्वस्तीकरण के बाद कितनी धूल उड़ेगी। इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। कुछ देर तक आसमान में धूल ही धूल रहेगी।

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