Monday, January 20, 2025
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अजब-गजब: ये कैसी गुहार, मंत्रालय सतीश महाना का, बातचीत पीडब्ल्यूडी मंत्री मौर्य से

  • भाजपा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल गंगा एक्सप्रेस-वे को लेकर पीडब्ल्यूडी मंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मिले

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: गंगा एक्सप्रेस-वे के एलाइनमेंट पर सवाल उठ रहे हैं। जनप्रतिनिधियों से जनता पूछ रही है कि आखिर गंगा एक्सप्रेस-वे का एलाइनमेंट एक बार निर्धारित हो गया तथा उसके चिन्ह भी बना दिये गए, फिर एलाइनमेंट क्यों बदला गया ? इस मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष व विपक्ष आमने-सामने आ गया है।

भाजपा के नेता ठीक से इसमें सफाई भी नहीं दे पा रहे है, जिसके चलते पूरा मामला भाजपा नेताओं की गले की फांस बनता जा रहा है।

मंगलवार को भाजपा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने एक प्रेस नोट जारी किया है, जिसमें कहा है कि गंगा एक्सप्रेस-वे के एलाइनमेंट के मामले को लेकर यूपी के केशव प्रसाद मोर्य से मिले तथा गंगा एक्सप्रेस-वे का एलाइनमेंट क्यों बदला गया? इसको लेकर बातचीत की।

बड़ा सवाल यह है कि यूपीडा के मंत्री सतीश महाना है, वहीं गंगा एक्सप्रेस-वे के पूरे प्रोजेक्ट को देख रहे हैं। फिर इसके सीओ है अवनीश अवस्थी। इनसे मिलना चाहिए था, मगर पीडब्ल्यूडी मंत्री से मिलना और फिर एलाइनमेंट की बात करने का क्या औचित्य बनता है।

इससे तो यही लग रहा है कि भाजपा नेता इस मामले में लीपापोती कर रहे हैं। एलाइनमेंट किसने बदला? इसके बारे में स्थानीय भाजपा नेता नहीं जानते या फिर पूरे मामले में लीपापोती कर रहे हैं। इस पूरे मामले को लेकर खरखौदा के किसान एकजुट हो गए हैं।

उधर, विपक्षी नेता शाहिद मंजूर भी मैदान में कूद गए हैं। एक तरह से विपक्ष भी इस मुद्दे को हवा दे रहा है, ताकि भाजपा नेताओं की एलाइनमेंट को लेकर किरकरी हो।

भाजपा नेता भी किरकिरी से बचने के लिए कोई सटीक जानकारी किसानों को नहीं दे पा रहे हैं, जिसके चलते किसान पंचायत दर पंचायत कर भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं।

ये दिया ज्ञापन

भाजपा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने जो ज्ञापन यूपी के डिप्टी सीएम कैशव प्रसाद मोर्य को दिल्ली में दिया है। उसमें कहा है कि गंगा एक्सप्रेस-वे का फाइनल सर्वे 2019 में हो गया था।

अब एलाइनमेंट 2020 में बदल दिया गया है। इस एलाइनमेंट पर पुन: विचार करने के लिए कहा गया है। कहा गया है कि किसानों का जो पहले एलाइनमेंट बना था, उसे ही फाइनल कराया जाए।

अब नये एलाइनमेंट पर बवाल चल रहा है। डिप्टी सीएम ने आश्वासन दिया है कि इस पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद जांच कराई जाएगी।

ये शामिल है गांव

धनौटा, खंदावली, खानपुर, नंगला पातू, चुड़ियाला, खेड़ा बलरामपुर, इटायरा, बधोली समेत 14 गांव के किसान है। इनके रकबे की जानकारी लेखपाल ने ली थी तथा 2019 में इसका एलाइनमेंट भी फाइनल कर दिया गया था, लेकिन अचानक 2020 में नया एलाइनमेंट कहां से आ गया? ये सुनकर किसान हैरान है। इसमें किसका कितना रकबा जाएगा? वह पूरी डिटेल भी दी गई थी।

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