जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शनिवार को चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि उनका नाम ही मतदाता सूची में मौजूद नहीं है, जिससे वे खुद असमंजस में हैं कि आगामी चुनाव में कैसे नामांकन करेंगे।
इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, “मैंने चुनाव आयोग के एप पर अपना ईपीआईसी नंबर डालकर सर्च किया, लेकिन मेरा नाम ही लिस्ट में नहीं है। बताइए, मैं चुनाव कैसे लड़ूं?”
“8.5% मतदाताओं के नाम हटा दिए गए”
तेजस्वी ने यह भी दावा किया कि हर विधानसभा क्षेत्र से 20-30 हजार नामों को मतदाता सूची से हटाया गया है, और कुल मिलाकर लगभग 65 लाख यानी 8.5% मतदाताओं के नाम अब सूची में नहीं हैं।
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “जब भी चुनाव आयोग कोई विज्ञापन देता था, उसमें यह बताया जाता था कि कितने लोग स्थानांतरित हुए, कितनों की मृत्यु हुई या कितने नाम डुप्लीकेट थे। लेकिन अब जो सूची हमें दी गई है, उसमें न पता है, न बूथ संख्या और न ही ईपीआईसी नंबर — यह पूरी प्रक्रिया को अपारदर्शी बनाने की साजिश है।”
“चालाकी से जानकारी छुपाई गई”
राजद नेता ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने जानबूझकर जरूरी जानकारी छुपाई है, जिससे यह पता लगाना मुश्किल हो जाए कि किन-किन लोगों के नाम सूची से हटाए गए हैं। उन्होंने इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए।
राजनीतिक गलियारों में हलचल
तेजस्वी यादव के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में नई बहस शुरू हो गई है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को गंभीर चुनावी गड़बड़ी बताते हुए जांच की मांग की है, जबकि सत्ता पक्ष ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।