- सोशल मीडिया से दूरी दोस्त और परिवार वालों को दिया श्रेय
जनवाणी ब्यूरो |
सरूरपुर: कलीना के गोल्डन ब्वॉय सौरभ चौधरी ने मीडिया से बातचीत के दौरान खुद को गोल्डन ब्वॉय के नाम से पुकारे जाने के पीछे कहानी बयां करते हुए कहा कि उसकी शुरू से ही कड़ी मेहनत और लगन और मिशन टारगेट को अचीव मान कर काम करना शुरू किया।
टेंपो के जरिए गांव से 10 किलोमीटर का सफर तय करके बागपत जिले में जोहडी गांव में निशानेबाजी करने सीखने जाना एक बड़ी चुनौती थी।
टैंपो के पीछे लटक कर आना और जाना, कम वक्त में घर का भी काम करना, पढ़ाई और निशानेबाजी सीखना उसके लिए जैसे बड़ी चुनौती थी। लेकिन, उसने सोशल मीडिया अन्य खेलकूद और व्यस्तता का त्यागकर अपने टारगेट को पूरा करने के लिए बस एक ही धुन लगा रखी थी।
जिसके चलते उसे इस कड़ी मेहनत और लगन के बूते ही आज अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया है। इस पर उसने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इसका पूरा श्रेय उसके माता पिता और परिवार वालों को जाता है।
जिन्होंने उसे सहयोग समय और उधारी के रूपए लेकर पिस्टल दिलाई और उसने निशानेबाजी का शौक पूरा करके आज इस मुकाम तक पहुंचाया।
अर्जुन अवॉर्डी सौरभ चौधरी ने बातचीत में बताया कि सोशल मीडिया से दूरी और दोस्तों की मदद और सहयोग से हुए आज अर्जुन अवॉर्डी घोषित हुआ है।
इसका पूरा श्रेय दोस्त और परिवार वालों को जाता है। पिता जगमोहन ने भी अपने बेटे पर फक्र करते हुए कहा कि आज जिस मुकाम पर पहुंचा है।
उसकी उन्हें कभी उम्मीद नहीं थी। लेकिन, कड़ी मेहनत और लगन के चलते लगातार प्रयास में लगे रहे और अपने बूते से अधिक काम करके बुलाने पर सौरव को इस मुकाम तक पहुंचाने में कोई कमी नहीं छोड़ी।