जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: अतिसंवेदनशील तथा अति सुरक्षित माने वाले कैंट क्षेत्र में तोपखाना के नजदीक पुलिस सुरक्षा को खुली चुनौती देते हुए कार सवार बदमाशों ने प्रॉपर्टी डीलर पर रुपयों के लेन-देन को लेकर सरेशाम ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। हमलावर अंधाधुंध फायरिंग करते हुए पुलिस की किलेबंदी को तोड़ते हुए फरार हो गए। अति सुरक्षित कैंट क्षेत्र में गोलियों की तड़तड़ाहट की आवाज सुनकर अफरा-तफरी मच गई। सूचना पर पुलिस अधीक्षक नगर फोरेंसिक टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने घटनास्थल से खोखा कारतूस कब्जे में लिए। साथ ही, फोरेंसिक टीम ने सैंपल कलेक्ट किए। हमले में 8-10 राउंड फायरिंग की बात सामने आ रही है। लालकुर्ती थाने पर पीड़ित प्रॉपर्टी डीलर ने अपने साथी प्रॉपर्टी डीलर समेत तीन-चार हमलावरों के खिलाफ लालकुर्ती थाने पर मुकदमा दर्ज कराया है।
कैंट क्षेत्र में माल रोड पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय मैनेमेंट कालेज के ठीक पीछे अति सुरक्षित माने जाने वाले तोपखाना के समीप कार सवार हमलावरों ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देते हुए इंचौली थाना क्षेत्र के गांव नंगली ईशा निवासी प्रॉपर्टी डीलर अक्षय उर्फ जोनी पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। हमले के समय अक्षय थार गाड़ी में सवार था। फायरिंग करते ही हमलावर पुलिस की किलेबंदी के बैरियर आसानी से तोड़ते हुए फरार हो गए, जबकि फायरिंग में अक्षय बाल-बाल बचा। अति सुरक्षित और संवेदनशील कैंट क्षेत्र में गोलियां चलने की आवाज सुनकर क्षेत्र में हड़कंप मच गया। सूचना पर लालकुर्ती थाना पुलिस, सीओ सदर संतोष सिंह, एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह समेत कई थानों की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। सेना के जवान भी गोलियों की आवाज सुनकर वहां पहुंचें। एसपी सिटी ने फोरेंसिक टीम को तलब किया। टीम ने घटनास्थल सैंपल खोखा कारतूस कब्जे में लिए। जिस स्थान पर गोलीबारी हुई, उससे कुछ ही दूरी पर पूर्व विधायक संगीत सोम तथा रियल स्टेट एपेक्स ग्रुप के प्रबंध निदेशक अतुल गुप्ता के भी आवास हैं। इसके बाद एसपी सिटी पीड़ित अक्षय उर्फ जोनी को लेकर लालकुर्ती थाने आए। अक्षय से पुलिस ने पूछताछ की। प्रॉपर्टी विवाद तथा रुपयों के लेन-देन का मामला निकलकर सामने आया। लालकुर्ती थाने पर अक्षय ने गंगानगर निवासी आदर्श चौधरी समेत 3-4 हमलावरों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है।
हमले के पीछे पुलिस लापरवाही आई सामने
आदर्श चौधरी ने गंगानगर थाने पर शुक्रवार को तहरीर देते हुए आरोप लगाए थे कि 23 मई की अपराह्न 3.50 बजे जब वह अपने पिता पुष्पेंद्र चौधरी के साथ आईआईएमटी से मवाना रोड होते हुए अपने घर जा रहे थे तो अक्षय उर्फ जोनी चार अन्य अज्ञात बदमाशों के साथ थार जीप में सवार होकर आया। अक्षय ने उनका पीछा किया जिस पर उन्होंने तरह बचकर जान बचाई। इसके बाद आदर्श व उसके पिता पुष्पेंद्र ने अपने श्री श्याम प्रॉपर्टीज आॅफिस पर पहुंचें और वहां जमकर तोड़फोड़ की। आदर्श चौधरी ने अक्षय को इंचौली थाने का पूर्व हिस्ट्रीशीटर और कई मामलों में जेल जाने का भी हवाला तहरीर में दिया था, लेकिन पुलिस ने आदर्श चौधरी की तहरीर पर अक्षय उर्फ जोनी पर तोड़फोड़ और हमले के प्रयास का मुकदमा गंगानगर थाना पुलिस ने दर्ज नहीं किया। हालांकि तहरीर की जांच की जिम्मेदारी सब इंस्पेक्टर अनुराग को सौंपी गई। शनिवार की दोपहर करीब 12 बजे अक्षय व आदर्श चौधरी दो-तीन अन्य लोगों के साथ गंगानगर थाने पर पहुंचे। थाने पर पुलिस मौजूदगी में भी मामला नहीं सुलझ सका। साथ ही, पुलिस द्वारा आदर्श चौधरी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज न किए जाने से उसके मन में पुलिस से इंसाफ न मिलने की संभावना बलवती हो गई। इसकी परिणति कुछ घंटे बाद कैंट क्षेत्र में अक्षय पर हमले के रूप में सामने आई। इस तरह से देखा जाए तो पुलिस की घोर लापरवाही मामले में सामने आई है।
पुलिस की चार टीमें गठित
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि हमलावारों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की चार टीमों के अलावा स्वॉट टीम को लगाया गया है। घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी को खंगाला गया है। जांच में पता चला कहासुनी और गाली-गलौज व मारपीट के बाद फायरिंग हुई है। हमले में कोई हताहत नहीं हुआ। दोनों पक्षों में पैसों के लेन-देन का पुराना विवाद है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सुसंगत धाराराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। हमलावरों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
मंत्री-पूर्व विधायक भी नहीं सुलझा सके विवाद
आदर्श चौधरी तथा अक्षय उर्फ जोनी के बीच चले आ रहे 27 लाख रुपये के विवाद को प्रदेश सरकार के एक मंत्री तथा जनपद के एक पूर्व विधायक भी नहीं सुलझा सके। दरअसल, पीड़ित पक्ष प्रदेश के एक मंत्री के दरबार में पहुंचा था। यहां घंटों तक मवाना क्षेत्र के कुछ गणमान्य की मौजूदगी में मंत्री ने दोनों पक्षों में सुलह समझौते की कोशिश की थी, लेकिन समझौता परवान नहीं चढ़ सका था। इस दौरान दोनों पक्षों में जमकर हॉट टॉक भी हुई थी। इसके बाद मंत्री ने हाथ खड़े कर दिए थे। इसके बाद मामला एक पूर्व विधायक के पास पहुंचा। उनको उम्मीद थी कि यहां से कुछ राहत मिल जाएगी, लेकिन बात नहीं बनी।
अतुल गुप्ता पर हमले की फैली अफवाह
कैंट क्षेत्र में जहां पर अक्षय उर्फ जोनी पर कार सवार हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसार्इं, वहां से कुछ दूरी पर रियल स्टेट के प्रमुख कारोबारी अजय गुप्ता का आवास है। इसलिए जब आसपास के लोगों ने गोलियां चलने की आवाज सुनीं तो उन्होंने अतुल गुप्ता पर फायरिंग का अंदेशा हुआ। दूसरी ओर, पुलिस फोर्स के आला अफसर भी घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। लेकिन जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो मामला अक्षय उर्फ जोनी तथा आदर्श चौधरी के बीच प्रॉपर्टी व रुपयों के लेन-देन का निकला। इस पर पुलिस ने राहत की सांस ली।
अक्षय पर हमले के पीछे 27 लाख का लेन-देन
पुलिस हमले के पीछे के कारण अपनी जांच में तलाश रही है, लेकिन दूसरी ओर पीड़ित और आरोपी पक्ष के जो आरोप-प्रत्यारोप सामने आ रहे हैं, उनके अनुसार विवाद की जड़ में 400 वर्गगज का एक प्लाट है। दरअसल, अक्षय उर्फ जोनी तथा आदर्श चौधरी ने साझे में ये प्लाट खरीदा था। आदर्श चौधरी ने अक्षय को बिना बताए इस प्लाट को 27 लाख रुपये में बेच दिया। साथ ही, धनराशि अपने बैंक खाते में ट्रांसफर करा ली। इसका विरोध अक्षय ने करते हुए अपने हिस्से की रकम मांगी जिस पर आदर्श चौधरी आना-कानी करने लगा।