Wednesday, June 18, 2025
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दिवाली पर क्रांतिधरा के दीयों से रोशन होगा सरयू का तट

  • पिछले एक अरसे से चीन निर्मित उत्पादों ने दीपावली के पर्व के दौरान बाजारों पर सेंध लगाई हुई थी

जनवाणी संवाददाता

मेरठ: तमसो मां ज्योर्तिगमय अर्थात हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला पर्व दीपावली नजदीक है। वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकल फॉर वोकल के संकल्प ने देशभर में स्थापित लघु उद्योग कारोबारियों के लिये न केवल एक नया अध्याय लिखा, बल्कि देश की अर्थ व्यवस्था को भी मजबूती प्रदान की। दरअसल, पिछले एक अरसे से चीन निर्मित उत्पादों ने दीपावली के पर्व के दौरान बाजारों पर सेंध लगाई हुई थी। मगर लोकल फॉर वोकल कि मुहिम ने प्रजापति समाज का खोता अस्तित्व एक बार फिर जीवंत बना दिया।

दीपावली की खरीदारी को देखते हुए लोगों में काफी उत्साह नजर आ रहा है। दीपावली पर घरों और प्रतिष्ठानों को सजाने व उपहार में देने के लिये मिट्टी से तैयार दीये, कंडील, की-चैन होल्डर, फ्लावर पोट, शोपीस, पेन होल्डर, लक्ष्मी गणेश आदि को लोग जमकर पसंद कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त दीपावली की रात्रि पर पूजन करने के लिए जरी गोटे के कपड़े से तैयार लक्ष्मी गणेश, हनुमान, मां दुर्गा, मां काली, मां सरस्वती की प्रतिमाएं भी लोग पसंद कर रहे हैं। दुकानदारों ने बताया कि मिट्टी से बन्ंो सभी आइटम इको फ्रेंडली है।

तुलसी दीयों की अधिक मांग

मेडिकल रोड निवासी दुकानदार दीपक प्रजापति ने बताया कि दीपावली के लिए मिट्टी को मेटेलिक रूप देकर दीपकों को कई प्रकार का आकार दिया गया है। जिसमें शंकर, कछुआ, हाथी, प्लेट दीया, कमल, शेर आदि शामिल है। इस बार तुलसी दीये की सबसे अधिक मांग है। दरअसल, सनातन धर्म में तुलसी का पौधा बहुत शुभ माना जाता है। अमूमन लोग तुलसी के चारों तरफ दीपक जलाते हैं।

उसकी तर्ज पर इस बार तुलसी के आकार के रंग बिरंगे छोटे दीपक तैयार किये गये हैं। इसके साथ ही चिकनी मिट्टी से बने रंग-बिरंगे हाथी, हिरन, खरगोश तथा फूलों के आकार के शोपीस दिवाली पर घरों को सजाने के लिये लोगों को खूब भा रहे हैं। बात करें फूलदान की तो मिट्टी के फूलदानो को एंटीक लुक दिया गया है। जिनको शिव परिवार, राधा कृष्ण, बुद्ध, गणपति की कलाकृति से सजाया गया है।

दुकानदार दीपक प्रजापति ने बताया कि वह रिटेलर भी है। इस बार दीपावली और देव दीपावली पर अयोध्यापुरी में सरयू किनारे जलने वाले मिट्टी के दीपक उनके यहां से ही तैयार होकर गये हैं। उन्होंने बताया कि दो लाख 51 हजार दीपक तैयार करके अयोध्या राम मंदिर भेजे गये हैं। इसके साथ ही दिल्ली, गुरुग्राम, मथुरा, बुलंदशहर, जयपुर, हरियाणा, चंडीगढ़ में भी दीये भेजे गये हैं।

तीसरी पीढ़ी बढ़ा रही काम

मेडिकल रोड स्थित सचिन प्रजापति ने बताया कि तीसरी पीढ़ी इस काम को आगे बढ़ा रहे हैं। हस्तशिल्प का सारा काम मिट्टी कला बोर्ड के अंतर्गत किया जाता है। मिट्टी का समस्त कारोबार जीएसटी मुक्त है। इस बार दीपावली पर छह लाख रुपये का फुटकर व तीन लाख रुपये का थोक कारोबार होने की संभावना है।

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