Wednesday, May 28, 2025
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त्योहारों का रंग रहे बरकरार, अपनाओ कोविड अनुरूप व्यवहार

  • 18 साल से अधिक उम्र वाले जल्द से जल्द कराएं टीकाकरण
  • मास्क, दो गज की दूरी व हाथों की सफाई अब भी है जरूरी

वरिष्ठ संवाददाता |

सहारनपुर: रविवार को रक्षाबंधन के एक बड़े त्योहार के साथ अगले तीन-चार महीने प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में त्योहारों की धूम रहेगी । कृष्ण जन्माष्टमी, शिक्षक दिवस, नवरात्र/दशहरा, ईद, दीपावली, बाल दिवस और क्रिसमस जैसे बड़े पर्व इसी दौरान मनाये जायेंगे।

खास बात यह है कि इन त्योहारों को अपने घर-परिवार और समुदाय के बीच मनाने की खास परम्परा रही है किन्तु कोरोना के चलते इसमें विशेष सावधानी बरतने के साथ ही कुछ जरूरी बदलाव लाने की भी जरूरत है ताकि त्योहारों का रंग आगे भी पूरी तरह से बरकरार रहे। इसके अलावा समुदाय को कोरोना की संभावित तीसरी लहर से भी महफूज बनाया जा सके।

इसके लिए जरूरी है कि अगर आप 18 साल से अधिक उम्र के हैं और अभी तक कोविड का टीका नहीं लगवाये हैं तो बगैर विलम्ब किये जल्द से जल्द टीका लगवा लें और त्योहारों की धूम में भी मास्क, दो गज की दूरी और हाथों की स्वच्छता का पूरा ख्याल रखें।

अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने पत्र भेजकर जिलाधिकारी व सीएमओ को आगाह किया है। कहा है कि सरकार का भी पूरा प्रयास है कि कोरोना की तीसरी लहर जैसी स्थिति उत्पन्न ही न हो, इसके लिए ज्यादा से ज्यादा कोविड टीकाकरण व कोविड अनुरूप व्यवहार के बारे में समुदाय को जागरूक किया जा रहा है। उनका कहना है कि रक्षा बंधन पर बहन अपने भाई की कलाई पर राखी जरूर बांधें किन्तु कोविड अनुरूप व्यवहार का पूरा ख्याल रखते हुए । इस दौरान वह मास्क का इस्तेमाल तो करें ही साथ ही राखी बाँधने से पहले साबुन-पानी से हाथों की सफाई करना या सेनेटाइज करना कतई न भूलें।

कोशिश रहे कि बाजार की मिठाई की जगह पर घर ही कुछ मीठा बना लें । रक्षाबंधन पर यात्रा के दौरान भी खास सतर्कता बरतें और कोशिश करें कि इस दौरान छोटे बच्चों को साथ लेकर लम्बी यात्रा न करें क्योंकि कोरोना की संभावित तीसरी लहर का सबसे अधिक असर उन्हीं पर पड़ने की आशंका जताई जा रही है । इसलिए हम सभी ऐसा उपाय करें कि देश में तीसरी लहर की स्थिति ही न बन सके । इसी तरह से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व नवरात्र पर भी पूजा पंडालों में न जाकर घर पर ही पूजा-पाठ को प्राथमिकता देना चाहिए । बुजुर्ग, गर्भवती और बच्चों को तो खास तौर पर भीडभाड़ वाले स्थानों जैसे – पूजा पंडाल और मेला आदि में शामिल होने से बचना चाहिए क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के चलते संक्रमण की जद में जल्दी आने की संभावना रहती है।

घर पर बनी वस्तुओं से खुशियाँ बाँटें

मिठाइयों और पकवानों के लिए प्रसिद्घ इन त्योहारों पर इस बार बाहर की बनी वस्तुओं पर निर्भक रहना ठीक नहीं, जितना संभव हो सके घर पर ही इसे बनाएं और एक-दूसरे से खुशियाँ बाँटें । बाहर से आने वाली वस्तुएं न जाने कितने हाथों से होकर घर तक पहुंचती हैं, ऐसे में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, त्योहार का रंग भंग न होने पाए, इसलिए जरूरी है कि इन छोटे-छोटे उपायों पर पूरा ध्यान रखें ।

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