Monday, July 8, 2024
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पहले दिन से कॉम्प्लेक्स अवैध, फिर तीन मंजिल कैसे बनने दिया ?

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  • हनुमान चौक स्थित बॉम्बे बाजार में पैलेस सिनेमा में पहले दिन से ही अवैध कॉम्प्लेक्स हो रहा तैयार

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: हनुमान चौक स्थित बॉम्बे बाजार में पैलेस सिनेमा में पहले दिन से ही अवैध कॉम्प्लेक्स तैयार हो रहा है। ग्राउंड स्तर से तीसरी मंजिल तक इसका निर्माण पहुंच गया हैं। इसमें छावनी परिषद के तमाम अधिनियमों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। दरअसल, 18 जुलाई 2019 को पहले सिनेमा जहां पर चलता था, उसका मानचित्र कैंट बोर्ड की तरफ से स्वीकृत किया गया था, लेकिन कुछ कारणों की वजह से परिसर का निर्माण नहीं हो सका। लंबे समय तक ये निर्माण नहीं हुआ।

इस तरह से छावनी परिषद बोर्ड के अधिनियम 2006 के अनुसार 2 वर्ष के लिए मानचित्र स्वीकृत किया जाता हैं, लेकिन इस बीच कॉम्प्लेक्स का निर्माण नहीं किया गया। तभी तक मानचित्र स्वीकृत था, इस दौरान निर्माण नहीं करने पर स्वत: ही मानचित्र निरस्त हो जाता हैं। इस बीच में यदि आवेदन कर्ता निर्माण नहीं कर पता है तो उसको एक-एक वर्ष आवेदन करने पर मानचित्र को एक्सटेंशन दे दिया जाता है।

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ये नियम कहता हैं, लेकिन यहां पहले सिनेमा में 2023 तक कोई निर्माण नहीं हुआ। अब अचानक से कॉम्पलेक्स का निर्माण शुरू कर दिया। कहा गया कि इसका मानचित्र स्वीकृत है, जबकि मानचित्र अधिनियम के अनुसार पहले ही स्वत: ही मानचित्र निरस्त हो चुका है। क्योंकि जो छावनी परिषद के नियम होते हैं, उनके अनुसार मानचित्र स्वीकृत होने के बाद निर्माण कार्य नहीं किया गया। यही नहीं, पहले दिन से ही कॉम्पलेक्स का निर्माण अवैध किया जा रहा है। पहले सिनेमा राजेश अग्रवाल के नाम से था और उन्हीं के नाम से मानचित्र स्वीकृत कराया था,

लेकिन मानचित्र स्वत: ही खत्म होने के बाद पुन: मानचित्र स्वीकृत नहीं कराया, जो पूर्व में मानचित्र स्वीकृत बताया जा रहा था, उसमें 70 दुकानों के निर्माण करने का मानचित्र स्वीकार था, जबकि वर्तमान में 122 दुकान का निर्माण किया जा रहा है, जो पूरी तरह से अवैध है। महत्वपूर्ण बात ये है कि पहले सिनेमा के मामले में कैंट बोर्ड के इंजीनियर अनुज सिंह और पीयूष को भी चार्जसीट मिल चुकी है। कैंट बोर्ड के अफसरों ने कैसे अवैध निर्माण होने दिया?

अब ये अवैध निर्माण ग्राउंड स्तर से तीसरी मंजिल पर पहुंच गया है। इस पूरे अवैध निर्माण में कैंट अफसर की गर्दन पूरी तरह फंसी हुई है। इसके सरकारी दस्तावेजों में बड़ा खेल कैंट अफसरों ने कर दिया है। यही वजह है कि पूरे मामले को कुछ लोगों ने सीबीआई तक पहुंचा दिया है। जांच की आंच कैंट अफसर तक पहुंच सकती हैं। इसमें अफसरों की गर्दन फंसना लाजिमी हैं।

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होटल करीम से विवाद में है ये ग्रुप

दरअसल, पैलेस सिनेमा का निर्माण जो लोग कर रहे हैं, उनके होटल करीम पर भी मेडा सील लगा चुका हैं। होटल करीम के मामले को लेकर भी इसके मालिक सुर्खियों में बने हुए हैं। अभी तक होटल करीम की सील नहीं खुल पाई है। होटल का भी अवैध निर्माण कर दिया गया था, जिसको मेडा वीसी अभिषेक पांडेय ने सील की कार्रवाई उद्घाटन वाले दिन ही कराई थी। ठीक वैसे ही उसके मालिकों ने पैलेस सिनेमा को तोड़कर जो निर्माण किया जा रहा है वह भी अवैध है। नियमों के विपरीत इसका निर्माण कर दिया गया, जिसके चलते कैंट बोर्ड के अफसरों ने अवैध निर्माण जानते हुए भी कोई कार्रवाई अभी नहीं की है।

ये बोले-कैंट सीईओ

कैंट बोर्ड के सीईओ ज्योति कुमार का कहना है कि 18 जुलाई 2019 में पहले सिनेमा को तोड़कर कॉम्प्लेक्स बनाने का मानचित्र स्वीकृत हुआ था। बीच में ये रुक रहा, लेकिन 2023 में 1 वर्ष का एक्सटेंशन देकर इसको दोबारा निर्माण कराया गया है। उनका कहना है कि मानचित्र के विपरीत कोई निर्माण नहीं है। इसके लिए उन्होंने स्वयं टीम भेज कर जांच कराई हैं।

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