जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: इसे प्रभारी मंत्री का अफसरों पर असर कहें या कुछ और 24 घंटे पहले तक मेला नौचंदी का जो मैदान गंदगी व कीचड़ से लबालब था, रातों रात वहां सब कुछ चकाचक कर दिया गया। मेला स्थल पर सब कुछ ठीक हो गया। मेले के लिए आनन-फानन में दुकानदारों को मैसेज भेजकर बुलाया गया ताकि प्रभारी मंत्री के सामने आॅल इज वैल लगे, क्योंकि खामियों को लेकर प्रभारी मंत्री की पूर्व में लगी फटकार नगर निगम के अफसर अभी शायद भूले नहीं हैं, उस फटकार का ही असर है जो मेला स्थल पर प्रभारी मंत्री धर्मपाल के पहुंचने से पहले ही रातों रात सब कुछ ठीक करा दिया गया। मजदूरों की पूरी फौज उतार दी गयी। जहां कीचड़ व पानी भरा था, वहां कई-कई ट्रक लगाकर मिट्टी डलवा दी गयी। जो दुकानदार मेले के लिए शॉर्ट नोटिस पर बुलाए गए हैं उनको भी लेबर दे दी गयी ताकि वो अपनी दुकानों में जहां पानी भर गय है वहां मिट्टी डलवा लें और लगे कि मेले के लिए नौचंदी का मैदान पूरी तरह से तैयार है। पटेल मंडप के पास भी मजदूरों की फौज लगाकर सफाई करा दी गयी। बाले मिया मजार और तिरंगा गेट जहां पूरा साल आसपास के इलाके की गंदगी डंप की जाती है वहां भी सफाई के लिए कई-कई जेसीबी लगवा दी गयीं।
राजस्व बढ़ाने के बजाय घटा दिए रेट
मेला नौचंदी में जहां स्टाफ और दुकान माफियाओं ने खेल कर सरकार को रेवेन्यू का चूना लगा दिया। मेला परिसर में जहां सर्कस लगता है वहां पिछले साल 12 लाख का ठेका छोड़ा गया था बताया जाता है कि वही ठेका इस बार लगभग आधे रेट पर कर दिया गया है। इसके अलावा जहां सर्कस लगता है, वहां पर ठेकेदार ने झूले लगवा दिया। दरअसल, झूले वालों से कमाई ज्यादा होती है। इतना ही नहीं सर्कस के लिए जो जगह अलाट की गयी है उसको उसको भी कम कर दिया गया है।
बद इंतजामी और खुली लूट से दुकानदारों ने बनायी दूरी
मेला नौचंदी में ठेकेदारों की दबंगई और अफसरों की मेले को लेकर उदासीनता के चलते बाहरी दुकानदारों ने अब नौचंदी मेले से दूरी बना ली है। यही कारण है जो मेला जब पूरे शबाब पर होता है तब भी तमाम दुकानें खाली पड़ी रहती हैं। दुकानों को लेकर एक और बात बेहद चौकाने वाली बतायी गयी है वो यह कि मेले में चार पांच दुकान माफिया सक्रिय है जो स्टाफ से सांठगांठ कर कई-कई दुकानें अपने नाम करा लेते हैं। नाम ना छापे जाने पर मेले में आए दुकानदारों ने संवाददाता को बताया कि बाद में कय्यूम और तिवारी जैसे दुकान माफिया जो दुकाने दस हजार में निगम से लेते हैं उसको चालीस हजार तक में देते हैं। इस लूट के चलते अब दुकानदार मेले से कन्नी काटने लगे हैं। सबसे ज्यादा मुसीबत बिजली को लेकर है। दुकानदारों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि अलीगढ में दस हजार रुपए किलोवाट के हिसाब से उन्हें कनेक्शन मिलता है यहां 18 हजार रुपए किलोवाट और उस पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी वसूली जाती है। इसके अलावा तहबाजारी और किलोवाट के अलावा भी ठेकेदार के बाउंसर वसूली करते हैं। जानलेवा गर्मी में बगैर बिजली के रहना पड़ता है। एक पंखे के नाम पर अनाप शनाप पैसों की मांग की जा रही है।
रातोंरात बनवाई सड़क
मेला नौचंदी का उद्घाटन के लिए आने वाले प्रभारी मंत्री की गाड़ी को सड़क के गड्ढों की वजह से झटके ना लगे, इसलिए गढ़ रोड गांधी आश्रम से मेला नौचंदी की ओर जाने वाली सड़क को अफसरों ने रातों रात बना दिया। आसपास के दुकानदारों ने बताया कि यह सड़क अरसे से बदहाल थी। कई बार नगर निगम अफसरों से शिकायकत की जा चुकी थी, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था, लेकिन बीती रात एकाएक सड़क बना दी गयी। पूरे मेले की यदि बात करें तो वीआईपी का जब तक कार्यक्रम नहीं लगा था, तब तक अफसर भी मेले की ओर से पूरी तरह नींद में थे।
मौत का कुआं और सिर पर झूल रही ‘मौत’
मेला नौचंदी में जहां मौत का कुआं लगा है, वहां हकीकत में सिर पर मौत झूल रही है। मौत के कुएं व उसके आसपास लगे झूलों के पास से हाइटेंशन लाइन जा रही है। इन दिनों आंधी तूफान व तेज हवाओं के चलते यदि मेले के दौरान कोई बिजली का तार टूट गया तो कितनी बड़ी जनहानि होगी यह देखने की फुर्सत किसी को नहीं है।
काश!
हापुड़ रोड की गड्ढा सड़क को भी देख लेते प्रभारी मंत्री
काश! जनपद के प्रभारी मंत्री गढ़ रोड से भी होकर गुजरते तो उम्मीद थी दो साल से टूटी सड़क का भी सौंदर्यीकरण कर दिया जाता। जनपद में नाम बड़े और दर्शन छोटे की तर्ज पर विकास कार्यों के दावे तो बड़े-बड़े किए जाते हैं। मगर हकीकत में शहर की बुनियादी जरूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही हैं। कहने को मेरठ अब मेट्रो सिटी हैं। सरकार द्वारा यहां पर कई नई योजनाओं की शुरुआत हुई। मगर धरातल पर शहर की जर्जर सड़कें स्थानीय जनता की परेशानी का कारण बनी हुई है। इसके बावजूद प्रशासन पूरी तरह से मौन है। महीनों से गहरे गड्ढों में तब्दील हुई सड़कें, उड़ता हुआ धूल का गुब्बार इन दिनों गढ़ रोड पर वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। सड़कों में गड्ढों के कारण आए दिन राहगीर चोटिल होते है। आलम यह है कि दो पहिया वाहन चालकों इन्हीं गड्ढों से गुजरने के कारण कमर में दर्द की शिकायत भी होने लगी हैं। प्रदेश की राजधानी को जोड़ने वाली मुख्य सड़क गढ़ रोड में हापुड़ अड्डे से लेकर काली नदी तक जर्जर हालत में टूटी पड़ी है।
सीएम के आदेश की उड़ रही धज्जियां
सूबे के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ ने गत माह आदेश जारी किया था कि हर सड़क को गड्ढा मुक्त किया जाए। ताकि आम आदमी उस पर चले तो उसे सुखद अनुभूति हो। इतना ही नहीं नई बनने वाली हर सड़क की 5 साल की गारंटी हो। सड़क खराब हुई तो निर्माण एजेंसी ही पुनर्निर्माण करे।