Sunday, September 8, 2024
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दारोगा को गोली मारने वाला 12वें दिन ढेर

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  • गोलियों की ताबड़तोड़ आवाज से गूंजा एनएच-58
  • बदमाश की गोली से सिपाही घायल, अस्पताल में भर्ती
  • पुलिस ने कंकरखेड़ा बाइपास से दबोचा था, आगरा भागने की थी तैयारी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कंकरखेड़ा थाना के हाइवे चौकी इंचार्ज को गोली मारने वाले 25 हजारी गैंगस्टर में निरुद्ध बदमाश विनय वर्मा को पुलिस ने आज 12वें दिन मुठभेड़ में ढेर कर दिया। इसके एक अन्य साथी नरेश सागर पुलिस ने दबोच लिए हैं। हैरानी की बात तो यह है कि दारोगा को गोली मारने वाले शातिर विनय ने दबोच लिए जाने के बाद भी एक बार फिर भागने का प्रयास किया, इस दौरान उसने एक सिपाही पर फायर भी झोंक दिया। हालांकि बाद में मुठभेड़ में वह बुरी तरह जख्मी हो गया, जब उसको इलाज के लिए हायर सेंटर ले जाया जा रहा था, तभी रास्ते में उसने दम तोड़ दिया।

बदमाशों की बाइपास पर पर मिली थी लोकेशन

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चौकी इंचार्ज दारोगा मुनेश कसाना को गोली मारने वाले तीनों बदमाशों की लोकेशन कंकरखेड़ा पुलिस को एनएच-58 पर मिली थी। यह सूचना मिलते ही पुलिस ने बगैर वक्त गवांए मौके पर पहुंचकर घेराबंदी कर ली। बस का इंतजार कर रहे विनय वर्मा और नरेश सागर को पुलिस वालों ने दबोच लिया। वहां से दबोचकर उन्हें थाना कंकरखेड़ा लाया गया। जहां काफी देर तक पूछताछ का सिलसिला चला। बकौल पुलिस विनय वर्मा ने बताया कि उसने 32 बोर की पिस्टल से कंकरखेड़ा क्षेत्र में पुलिस टीम द्वारा घेर लिए जाने के बाद फायर किया था। इस पिस्टल को वह बरामद करा सकता है।

भागने का किया था प्रयास

जिस पिस्टल से चौकी इंचार्ज पर उसने फायर किया था, उस पिस्टल को बरामद कराने के लिए पुलिस टीम उसको लेकर पूठ क्षेत्र में पहुंची। बदमाश ने बताया था कि उसने इसी इलाके में पिस्टल छिपाया हुआ है। एक सिपाही ने उसको कब्जे में किया हुआ था। अचानक उसने इस सिपाही का हाथ छुड़ाकर भागना शुरू कर दिया और घटना में प्रयुक्त जिस पिस्टल को वह बरामद करने के लिए आया था, उसी पिस्टल से उसने सिपाही पर फायर कर दिया और मौके से भागने के लिए पूठ के जंगलों में एक खेत में जा छिपा।

अन्य पुलिस टीमें भी पहुंची

इस बीच पुलिस की दूसरी टीमें भी मौके पर पहुंच चुकी थीं। जिस खेत में विनय वर्मा जाकर छिप गया था, उसको चारों ओर से घेर लिया गया। पुलिस वालों ने उसको समर्पण के लिए ललकारा, लेकिन बजाय समर्पण करने के इस शातिर अपराधी ने पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायर शुरू कर दिए। इसके जवाब में पुलिस वालों ने भी फायर किए।

दो गोलियां उसको जा लगीं। जब दूसरी ओर से गोलियां चलनी बंद हो गयीं तो पुलिस वाले सावधानी से फरार होने का प्रयास कर रहे विनय की तलाश में खेत में घुसे। इस खेत में एक जगह वह घायल अवस्था में मिला। जहां से उसको तत्काल हायर सेंटर इलाज के लिए रेफर कर दिया, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।

शातिर अपराधी था विनय

विनय वर्मा एक बेहद शातिर अपराधी था। वह मेरठ से आगरा भागने की फिराक में था, लेकिन समय रहते उसको दबोच लिया गया। दारोगा को गोली मारने की घटना में जब प्रयुक्त हथियार को बरामद कराने के लिए जब उसको ले जाया जा रहा था तभी उसने अचानक फायरिंग कर दी। एक गोली सिपाही को लगी है। सिपाही को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शातिर मुठभेड़ में मारा गया है।

सीसीटीवी फुटेज से हुई थी पहचान

चौकी इंचार्ज को गोली मारने वाले बदमाशों की शिनाख्त सीसीटीवी फुटेज से की गई थी। पूठखास के जंगलों में पुलिस की गोली का शिकार बने शातिर विनय पर हत्या का प्रयास व लूट सरीखे मामले दर्ज हैं। उसको गैंगस्टर में निरुद्ध कर दिए जाने के बाद 25 हजार का इनाम घोषित किया गया था। बकौल, एसएसपी इस शातिर ने पूछताछ में बताया गया कि वारदात वाले दिन विनय वर्मा के द्वारा पुलिस के ऊपर स्वयं बचने के लिए और अपने साथी को पुलिस की गिरफ्त से छुड़ाने के लिए जान से मारने की नीयत से फायर किया गया था।

दरअसल, पुलिस ने घेर लिया था। चौकी इंचार्ज को गोली मारे जाने की घटना के अलावा जो अन्य वारदात अंजाम दी गयीं उनमें सुभाष नगर में एक मकान से बाइक चोरी करने का असफल प्रयास किया गया था उसके बाद ईव्ज चौराहे के पास एक गली में मकान के नीचे खड़ी बुलेट को चुराना। यह वारदात उसने सेट्रो लूट की घटना के उपरान्त अंजाम दी। हालांकि बाद में बाइक को वापस वही मकान के नीचे खडा कर दिया गया।

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सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तीन बदमाशों की पहचान की गई थी। जिसमें से विनय वर्मा, अनुज पुत्र कृष्ण पाल और नरेश सागर शामिल हैं। इन पर 25-25 हजार का इनाम एसएसपी रोहित सिंह सजवाण द्वारा घोषित किया गया था। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि आज मुठभेड़ के दौरान जिस सिपाही सुमित चपराणा पर फायर किया और गोली उसके हाथ में लगी वह अब स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहा है।

इनाम के साथ ही कस गया था शिकंजा

शातिर विनय वर्मा पर तीन चार दिन पहले ही एसएसपी ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। इसके अलावा उसको गैंगस्टर में भी निरुद्ध किया गया था। इसके बाद तय हो गया था कि इस शातिर अपराधी के गिने चुने दिन ही बाकि रह गए हैं। तमाम पुलिस टीमें व कंकरखेड़ा पुलिस सरगर्मी से इसकी तलाश में जुट गयी थी। और आखिरकार आज शाम पुलिस के प्रयास रंग लाए और एनएच-58 से विनय व उसके साथी नरेश सागर निवासी ब्रहमपुरी को दबोच लिया गया।

एसएसपी ने बताया कि विनय के साथ नरेश सागर पर भी 25 हजार का नाम घोषित किया गया था। मारे गए बदमाश के दो अन्य साथी अब पुलिस के शिकंजे में हैं। पुलिस इस शातिर को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी। शायद यही कारण है कि जिस वक्त एनकाउंटर हुआ उस वक्त कई थानों की पुलिस फोर्स मौके पर तलब कर ली गयी थी। पूठ के जिस इलाके में एनकाउंटर किया गया वो पूरा इलाका पुलिस ने घेर लिया। चौकसी ऐसी कि परिंदा भी पर ना मार सके।

गोली की घटना के बाद भी उठे थे सवाल

गत 23 जनवरी को कंकरखेड़ा क्षेत्र से सेंट्रो लूटकर भागने वाले बदमाशों के कैलाशी नर्सिंगहोम के समीप घिर जाने के बाद चौकी इंचार्ज को गोली मारे जाने की घटना के बाद खाकी की कार्यशैली पर कई प्रश्न चिन्ह लग गए थे। दरअसल, बताया गया था कि लूट की वारदात की सूचना मिलते ही हाइवे चौकि इंचार्ज मुनेश कसाना मौके पर पहुंच गए थे। उन्होंने बदमाशों का पीछा करना शुरू कर दिया जीपीएस सिस्टम की मदद से बदमाशों को कंकरखेड़ा घेर में घेर लिया।

उसके बाद जो कुछ हुआ वह सबके सामने है। चौकी इंचार्ज को गोली मारे जाने की घटना के बाद यह सवाल जरूर पूछा गया कि लूटकर भाग रहे बदमाश जब फायर कर रहे थे तो पुलिस वालों ने गोली क्यों नहीं चलायी। आमतौर पर जब बदमाश फायरिंग करते हैं तो पुलिस वाले अपने हथियारों का खुलकर प्रयोग करते हैं। मुनेश कसाना को गोली मारे जाने की घटना के बाद ऐसा क्या हुआ जो पुलिस वालों ने गोली नहीं चलायी, जबकि चौकी इंचार्ज को गोली मारने की घटना को अंजाम देने के बाद लूट करने वाले बदमाश लूटी सेंट्रो को मौके पर ही छोड़कर भागे थे।

जो बदमाश गोली मारकर भाग रहे थे, उन पर किस कारण से मौके पर मौजूद पुलिस ने फायर नहीं खोला। ऐसे सवाल हैं जो आज भी महकमे में खाकी के बीच चर्चा बने हैं, लेकिन अब विनय वर्मा पुत्र दिनेश वर्मा निवासी मेहंदी मोहल्ला जिसने मुनेश कसाना को गोली मारी थी उसका काम तमाम होने के साथ ही तमाम सवालों पर भी विराम लग जाना चाहिए। जबकि साथी नरेश सागर निवासी ब्रह्मपुरी पुलिस के शिकंजे में है।

2024: दो माह, दो एनकाउंटर

मेरठी पुलिस ने वर्ष 2024 में लगातार शुरू के दो महीने जनवरी और फरवरी माह में दो बदमाशों का एनकाउंटर कर अपने ऊपर प्रदेश सरकार द्वारा पीठ थपथपाने का तमगा विभाग ने लगवा लिया है। दो माह में लगातार दो एनकाउंटर करने के बाद खाकी का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है।

कंकरखेड़ा में शनिवार की रात बदमाश रवि वर्मा का एनकाउंटर तो पुलिस के लिए एक बड़ा गुड़वर्क माना जा रहा है, जिसमें दारोगा के सीने पर गोली बरसाने वाला बदमाश पुलिस के लिए बारह दिन से चुनौती बना हुआ था। आखिर खाकी की वर्दी पर हमला करने वाले शातिर बदमाश को मुठभेड़ में मार गिराने के बाद पुलिस ने अपना हिसाब बराबर कर दिया।

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कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र में बाइपास चौकी इंचार्ज दारोगा मुनेश सिंह पर 23 जनवरी की रात मुसीबत बनकर आई थी। कंकरखेड़ा स्थित एक विवाह मंडप की पार्किंग से तीन बदमाशों द्वारा खुर्जा के व्यक्ति से कार लूटे जाने की खबर जैसे ही दारोगा मुनेश सिंह को मिली तो वे पुलिस फोर्स के साथ कार में लगे जीपीएस के सहारे पीछा करते हुए लिसाड़ी गेट तक पहुंच गये थे, लेकिन बदमाश इतना शातिर और चालाक थे कि कार को मोड़कर फिर कंकरखेड़ा क्षेत्र में घुस गये थे।

इस बीच दारोगा मुनेश सिंह बदमाशों का पीछा करते हुए कंकरखेड़ा क्षेत्र में उनके पीछे आ गये थे। दो बदमाशों को उन्होंने जैसे ही पकड़ा वैसे ही बदमाशों ने दारोगा मुनेश को गोली मार दी और वहां से फरार हो गये। गनीमत रही कि दारोगा बदमाशों द्वारा गोली से घायल होने के बाद बच गये। जिस प्रकार उनके सीने के नीचे गोली लगी और वह खून में लथपथ होकर वहीं गिर पड़े। शरीर से अधिक खून स्राव होने पर उनकी हालत बेहद गंभीर बनी थी, लेकिन किसी तरह समय रहते हुए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया।

जहां उनकी जान बच गई। पुलिस की खाकी पर हाथ डालने वाले बदमाश 12 दिन से फरार थे। उनकी गिरफ्तारी के लिए एसएसपी ने चार टीम गठित की थी। खाकी पर लगे दाग को धोना एसएसपी की पहली प्राथमिकता बन गई थी। सबसे बड़ी चुनौती थी कि दारोगा के सीने पर गोली मारने वालों को जितना जल्दी हो मुठभेड़ में मार गिराया जाये। आईजी से लेकर एडीजी और डीजीपी के आदेश थे कि खाकी पर दुस्साहस करने वाले कब पकड़े जायेंगे। पुलिस ने आखिर 12 वें दिन शनिवार की रात बदमाश विनय वर्मा को कंकरखेड़ा क्षेत्र दायमपुर के जंगल में मुठभेड़ में मार गिराया।

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