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जनवाणी संवाददाता |
हरिद्वार: खिलाडी के जीवन में भोजन का स्थान सामान्य व्यक्ति की अपेक्षा अधिक महत्वपूर्ण है। रोटी-सब्जी खाने वाला व्यक्ति सामान्य जीवन यापन कर सकता है, परन्तु खिलाडी के लिए यह स्थिति खतरा पैदा कर सकती है।
गुरूकुल कांगडी समविश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग में स्पोटर्स न्यूट्रिशन-आवश्यकता अथवा जरूरत विषय पर एमपीएड एवं बीपीईएस पाठयक्रम के छात्रों के लिए एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया।
विशेष सत्र मे एसोसिएट प्रोफेसर डॉ0 शिवकुमार चौहान ने कहा कि शरीर की कार्य क्षमता भोजन से मिलने वाली ऊर्जा पर निर्भर करती है। भोजन व्यक्ति के विकास की नींव का निर्माण करता है। भोजन से मिलने वाले तत्व शरीर में ऊर्जा तथा स्फूर्ति पैदा करते है।
इस स्फूर्ति को प्राप्त करने के लिए एक सामान्य व्यक्ति तथा खिलाडी को अपनी शरीरिक बनावट तथा विकास को ध्यान मे रखकर भोजन का चयन करना चाहिए। अधिकांश तौर पर शरीर को प्रोटीन की मध्यम मात्रा, वसा की कम मात्रा तथा कार्बोहाइड्रेट की अधिक मात्रा लेनी चाहिए।
खिलाडी को अपने दैनिक भोजन में सामान्य व्यक्ति के डायट प्लान से अधिक प्रोटीन, वसा एवं कार्बोहाइड्रेट ग्रहण करना चाहिए। डॉ0 चौहान ने कहॉ कि भोजन से मिलने वाले पोषक तत्व की मात्रा पर ही शरीर के विकास की दर निर्भर करती है। सही भोजन मिलने से खिलाडी बेहतर प्रदर्शन करने मे दक्ष बन सकता है।
अभाव मे खिलाडी को वाहय एवं आन्तरिक कठिनाईयों से गुजरना पड सकता है। डॉ0 शिवकुमार चौहान ने कहॉ कि एक सन्तुलित जीवन-शैली यापन के लिए भोजन एवं निद्रा के बीच तालमेल जरूरी है। पोषक भोजन शरीर की कमियों की पूर्ति करता है।
वही सन्तुलित निद्रा भोजन से मिलने वाले रासायनिक तत्वों से शरीर मे परिवर्तन करके ऊर्जा तथा स्फूर्ति का संचार करती है। उन्होने छात्रों का आहवान किया कि बेहतर जीवन जीने के लिए भोजन एवं नींद के बीच सन्तुलन बनाकर शिक्षा तथा खेल के क्षेत्र मे अविश्वसीय परिणाम प्राप्त किये जा सकते है। विशेष सत्र मे छात्रों ने अपनी रूचि से जुडे खेलो मे न्यूट्रीशन के महत्व से जुडे अनेक प्रश्नों के उत्तर प्राप्त किये।
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