Sunday, July 20, 2025
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97 बच्चों की जिम्मेदारी तीन शिक्षिकाओं के कंधे पर

  • सरकारी स्कूलों का हाल-बेहाल, कहीं छत से टूटा लिंटर तो कहीं बदहाल पड़े शौचालय

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: सरकारी स्कूलों की दयनीय अवस्था किसी से छुपी नहीं है। इन स्कूलों की दीवारें चीख-चीख कर अपना हाल बयां करती है। केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार सर्व साक्षरता अभियान पर करोड़ों का बजट खर्च कर रही है। इसके बावजूद धरातल पर हकीकत बद से बदतर है और आज भी प्राइमरी स्कूल के बच्चे कहीं जमीनों पर बैठकर खाना खाने को मजबूर हैं तो कहीं एक ही छत के नीचे कई कक्षाओं के बच्चे एक साथ पढ़ाई करते देखे जा सकते हैं। ऐसे में साफतौर पर समझा जा सकता है कि देश का नौनिहाल कितना विकास कर पा रहा है।

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गुरुवार को जनवाणी टीम मोहनपुरी स्थित नगर के प्राथमिक कन्या विद्यालय पहुंची, जहां पहुंचते ही पहले तो स्कूल की शिक्षिका सीमा रानी के तेवर गर्म नजर आये, फिर मौके की नजाकत को समझते हुए उन्होंने हमारे कुछ सवालों के जवाब देना मुनासिब समझा। पूछने पर उन्होंने बताया कि स्कूल में कुल पंजीकृत बच्चों की संख्या 97 है। जिनमें से 60 से 70 बच्चे उपस्थित रहते हैं। साथ ही स्कूल में 3 टीचर्स का स्टाफ मिला। जिनमें से प्रधानाध्यापिका ट्रेनिंग पर गयी हुई थीं और एक अध्यापिका आॅन ड्यूटी होते हुए डॉक्टर के यहां बताई गयी।

साथ ही शौचालय की साफ-सफाई कैसे कराई जाती है। इस पर भी हमें घुमा फिराकर जवाब दिया गया। विद्यालय का जायजा लेते हुए स्कूल की छत का लिंटर हो या बच्चों का मिड-डे मील सब ही अपनी दयनीय अवस्था का हाल खुद बयान कर रहे थे। एक तरफ जहां क्लासरूम की छत का लिंटर जगह-जगह से दिखाई दे रहा था। वहीं, दूसरी ओर नन्हें बच्चे अपना खाना भी खुद ही परोसते नजर आये। स्कूल की तरफ से खाने के लिये बर्तन तक बच्चों को मुहैया नहीं कराए हुए हैं,

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बच्चों के हाथों में रोटियां थाली की दरकार करती दिखाई दीं तो सोने पर सुहागा तब हुआ जब ये नन्हें बच्चे भोजन शौचालय के सामने जमीन पर खाते नजर आये। हालांकि सरकारी स्कूलों की हालत कोई नई नहीं हैं। पहले की तरह आज भी सरकारी स्कूल अपनी लचर व्यवस्था लिये चीखकर अपनी आपबीती सुनाते रहे हैं, पर सवाल ये उठता है कि कागजों पर व्यवस्था को अव्वल दर्जे का बताने वाले हकीकत में काम क्यों नहीं कर रहे?

तेज हवाओं ने कराया बर्फीली सर्दी का एहसास

मोदीपुरम: तेज हवाओं ने सर्दी के एहसास को लगातार बना रखा है। खिली धूप जरूर निकल रही है, लेकिन तेज हवाओं के कारण सर्दी का एहसास बढ़ने से लोगों की अब भी कपकपी बनी हुई है। इसलिए मौसम में अभी बेहद सावधानी बरतने की आवश्यकता है। मौसम विशेषज्ञों की माने तो अभी मौसम खिली धूप के साथ सुहाना रहेगा, लेकिन हवाओं का असर अभी बना रहेगा। इसलिए इस मौसम में बेहद सावधानी रखनी होगी। खासकर बुजुर्ग महिलाएं और बच्चों के लिए सावधानी आवश्यक है। उधर, तेज हवाओं के चलने से महानगर का प्रदूषण धड़ाम हो गया है।

इस समय महानगर में प्रदूषण की स्थिति बेहतर है और अच्छी बनी हुई है। राजकीय मौसम वैधशाला पर गुरुवार को दिन का अधिकतम तापमान 21.0 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम आर्द्रता 74 एवं न्यूनतम आर्द्रता 31 प्रतिशत दर्ज की गई है। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि के मौसम वैज्ञानिक डा. यूपी शाही के अनुसार अभी मौसम में सर्दी का एहसास रहेगा। तेज हवाओं के चलने के कारण सर्दी बनी रहेगी। इसलिए इस मौसम में सावधान रहने की बेहद आवश्यकता है। उधर, प्रदूषण तेज हवाओं के चलने के कारण बेहद ठीक और बेहतर हो गया है।

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