नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। हृदय रोग अब केवल बुज़ुर्गों की बीमारी नहीं रही। पिछले कुछ वर्षों के आंकड़े बताते हैं कि 20 वर्ष से कम उम्र के किशोरों और युवाओं में भी हृदय संबंधी बीमारियां और हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, अनियमित जीवनशैली, जंक फूड का बढ़ता चलन, नींद की कमी, तनाव और शारीरिक गतिविधि की कमी इसके प्रमुख कारण हैं। कई मामलों में, लक्षण दिखाई ही नहीं देते, और जब तक पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
बच्चों में भी देखी जाती हैं हार्ट अटैक की दिक्कत
कुछ दशकों पहले तक हृदय संबंधित समस्याओं को उम्र बढ़ने के साथ होने वाली बीमारी के रूप में जाना जाता था, हालांकि अब सभी उम्र के लोगों में ये दिक्कत देखी जा रही है। हाल के वर्षों में बच्चों में भी हार्ट अटैक-कार्डियक अरेस्ट के मामले सामने आए थे। ऐसे में चलिए जानते है बच्चे-युवा, वयस्क हर उम्र के लोगों में बढ़ते इस जानलेवा मामले के क्या कारण हैं?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
नेशनल सेंटर फॉर हेल्थ स्टैटिस्टिक्स के आंकड़ों के अनुसार, साल 2019 में 18 से 40 वर्ष की आयु के केवल 0.3% अमेरिकी वयस्कों को दिल का दौरा पड़ा था। इस आयु वर्ग में हार्ट अटैक के मामले अभी भी दुर्लभ माने जाते हैं, हालांकि पिछले चार-पांच वर्षों में इसमें काफी वृद्धि हुई है।
हृदय रोग विशेषज्ञ और महामारी विज्ञानी कहते हैं कि दुनियाभर में हृदय रोगों के मामलों के लिए मोटापा की समस्या एक प्रमुख कारक हो सकती है। अगर वजन को कंट्रोल कर लिया जाए तो हृदय रोगों के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
मोटापा के कारण बढ़ रहा है हृदय रोगों का खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मोटापा की स्थिति उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल के साथ टाइप-2 डायबिटीज जैसी समस्याओं को बढ़ाने वाली मानी जाती है। अध्ययनों से पता चलता है कि मोटापा सीधे तौर पर डायस्टोलिक डिसफंक्शन का कारण बनती है जिसके कारण हृदय फेलियर का खतरा हो जाता है। मोटापे से ग्रस्त रोगियों में हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल दोनों का जोखिम रहता है जिसके कारण हार्ट अटैक की दिक्कत हो सकती है।
इन संकेतों को भी जानिए
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, हार्ट अटैक के कई लक्षण साइलेंट भी होते हैं जिसपर गंभीरता से ध्यान देते रहना जरूरी है। अगर आपको अस्पष्ट रूप से थकान, सांस लेने में तकलीफ या पसीना आने की दिक्कत बनी रहती है तो आपको सावधान रहने की आवश्यकता है। इसके अलावा यदि आपको बिना किसी शारीरिक मेहनत के अत्यधिक पसीना आता है तो ये भी हार्ट अटैक और हृदय रोगों का गंभीर संकेत हो सकता है।