Sunday, July 13, 2025
- Advertisement -

घूम रहा ‘सुदर्शन’ चक्र, बनती जा रही सुरंग

  • रैपिड ट्रेन: सुरंग में दौड़ रही लोको ट्रेन भी, लगभग 900 मीटर सुरंग तैयार
  • लोगों को पता भी नहीं चलता, उनके घर के नीचे बन जाती है सुरंग

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: दिल्ली से मेरठ तक दौड़ने वाली रैपिड ट्रेन और मेरठ शहर में चलने वाली मेरठ मैट्रो के लिए शहर के अंदर इन दिनों सुरंगे खोदने का काम तेजी से चल रहा है। सुरंगे बनाने के लिए विदेशी तकनीक वाली टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) सुदर्शन का इस्तेमाल किया जा रहा है। अपने आप में किसी अजूबे से कम नहीं यह सुदर्शन मशीने आम लोगों की निगाह से दूर हैं। 24 घंटे चलने वाली यह मशीने कब आप के घर के नीचे से सुरंग खोदती हुई निकल गर्इं आपको पता भी नहीं चला होगा।

दरअसल, सुदर्शन मशीन को जानने के बारे में लोगों में खासी जिज्ञासा है। बताते चलें कि मेरठ शहर के अंदर साढ़े पांच किलोमीटर का हिस्सा ऐसा है जहां रैपिड और मेट्रो ट्रेन अंडरग्राउंड चलेंगी। इन्ही के लिए यह सुरंगे बनाई जा रही हैं। जब सुदर्शनी चक्र घूमता है तो यह मशीन 50 फीट जमीन के नीचे मिट्टी को चीरती हुए आगे बढ़ती है। कहीं पर भी सुरंग में काम करना हमेशा से ही चुनौती भरा रहा है, यह बेहद पेचीदा और मुश्किल भी होता है।

हालांकि आधुनिक टेक्नालॉजी ने अब इस काम को भी बेहद आसान बना दिया है। कई स्थान पर तो लोगों को पता ही नहीं चल पाता कि उनके घर के नीचे से सुरंग जा रही है। सुदर्शन मशीन इतनी पावरफुल है कि सुरंग जैसे बेहद तकनीकी कार्य को बहुत ही कुशलता के साथ अंजाम दे रही है। यह मशीन बेहद आसानी से जमीन के नीचे की मिट्टी को काटते हुए उसे आगे बढ़ाने का काम बखूबी कर रही है।

07 10

सुदर्शन मशीन कुछ फिट की दूरी पर जैसे ही रास्ता बनाती है तभी ब्लॉक लगाकर सुरंग को गोलाई दे दी जाती है। यह अपने आप में बेहद कठिन कार्य है, लेकिन सुदर्शन मशीन के माध्यम से यह बेहद सरल दिख रहा है। इन्ही सुदर्शन मशीनों की वजह से मेरठ में सुरंगों के काम में तेजी आई हुई है। इसके अलावा एक खास बात यह कि इन सुरंगों में रैपिड और मैट्रो ट्रेनों के दौड़ने में अभी वक्त हो, लेकिन फिलहाल इन सुरंगों में लोको ट्रेन जरूर दौड़ रही है।

इस लोको ट्रेन के माध्यम से ही सुरंग के भीतर सप्लाई के काम को अंजाम दिया जा रहा है। टनल के बनने के बाद इस मशीन को बाहर निकालने के लिए बेगमपुल पर रिट्रीविंग शाफ्ट भी बनाया जा रहा है। सुदर्शन मशीन द्वारा टनल सेगमेंट्स की मदद से जमीन के नीचे टनल के रिंग बनाए जाते हैं। टनल रिंग बनाने के लिए आम तौर पर सात टनल सेगमेंट्स का उपयोग किया जाता है। रैपिड प्रशासन के अनुसार वर्तमान में भैंसाली स्टेशन से मेरठ सेन्ट्रल के बीच लगभग 900 मीटर (अप एण्ड डाउन) सुरंग का काम पूरा कर लिया गया है।

100 मीटर लम्बी सुदर्शन में कई महत्वपूर्ण पार्ट

टीबीएम मशीने 100 से 120 मीटर लम्बी होती हैं। यह सुदर्शन मशीनें कई कलपुर्जों को जोेड़कर बनाई जाती हैं। रैपिड रेल अधिकारियों के अनुसार सुरक्षा मापदंडो के तहत इसकी असेम्बिलिंग की प्रक्रिया में समय लगता है। इस टीबीएम सुदर्शन मशीन में कटर हेड, फ्रंट शील्ड, मिडिल शील्ड, टेल शील्ड, इरेक्टर व स्क्रू कंवेयर के अलावा कई अन्य महत्तवपूर्ण पार्ट होते हैं। इस मशीन को आॅपरेट करने के लिए बाकायदा इंजीनियरों की एक पूरी यूनिट काम करती है।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
2
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Meerut News: नवाबगढ़ी गांव से अपहृत किशोर की निर्मम हत्या,तंत्र क्रिया में हत्या की आशंका

जनवाणी संवाददाता |सरधना: सरधना के नवाबगढ़ी गांव से अपहृत...

Opration Sindoor के बाद सेना की नई रणनीति,आतंकियों का जंगलों में ही होगा खात्मा

जनवाणी ब्यूरो |नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय...
spot_imgspot_img