Monday, July 1, 2024
- Advertisement -
HomeUttar Pradesh NewsMeerutकालातीत प्रबंध समिति की कारगुजारी पड़ रही भारी

कालातीत प्रबंध समिति की कारगुजारी पड़ रही भारी

- Advertisement -
  • महिला टीचर निमिषा तिवारी का निलंबन बन गया गले की फांस
  • हाईकोर्ट में दायर मुकदमे में प्रबंध समिति को भी पीड़िता ने बनाया पार्टी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: उच्च प्राथमिक विद्यालय कृष्ण पुरी नगर क्षेत्र की कालातीत कमेटी की कारगुजारी सूबे के शिक्षा सचिव को भारी पड़ गई। दरअसल विद्यालय की प्रबंध समिति के एक फैसले के खिलाफ दायर की गयी याचिका में सूबे के शिक्षा सचिव को भी पीड़ित ने पार्टी बना लिया है। जिसके बाद शिक्षा सचिव को भी नोटिस जारी किया गया है। उल्लेखनीय है कि यह पूरा मामला उच्च प्राथमिक विद्यालय कृष्ण पुरी नगर की महिला टीचर निमिषा तिवारी की सेवाएं समाप्त किए जाने से जुड़ा है।

शासन के नियम की यदि बात की जाए तो किसी भी स्टाफ के खिलाफ कोई भी निर्णय कालातीत कमेटी नहीं ले सकती। इसको आधार बनाकर निमिषा तिवारी ने कोर्ट में याचिका दायर की जिसको स्वीकार कर हाईकोर्ट ने सूबे के शिक्षा सचिव, बीएसए, खंड शिक्षा अधिकारी व विद्यालय के कालातीत सचिव को नोटिस जारी किया है। 20 नवंबर को अदालत में पेश होने को समन जारी किए गए हैं। हाईकोर्ट के नोटिस से जिन्हें इस मामले में पार्टी बनाया गया है, उनमें हड़कंप मचा हुआ है।

अनुमोदन कर गए फंस

शासन के नियमानुसार किसी भी विद्यालय की कमेटी जब कालातीत हो जाती है तो उसके पदाधिकारियों के तमाम वैधानिक अधिकार स्वत ही सीज हो जाते हैं। वो कोई भी नीतिगत निर्णय नहीं ले सकते। यहां तक कि जो बैक एकाउंट होते हैं, उसमें भी उनके हस्ताक्षर मान्य नहीं होते, लेकिन टीचर निमिषा तिवारी का आरोप है कि कालातीत होते हुए भी प्रबंध समिति ने मौखिक आदेश सुनकर उनकी सेवाएं समाप्त कर दीं। उन्होंने बताया कि सेवा समाप्ति के लिए जो प्रक्रिया अपनायी जाती है बात रखने का मौका दिया जाता है, वह उन्हें नहीं दिया गया।

अधिकारियों ने नहीं की सुनवाई

पीड़ित महिला टीचर का कहना है कि तमाम कायदे कानून ताक पर रखकर सेवा समाप्ति के आदेश के खिलाफ उन्होंने मेरठ के तमाम प्रशासनिक व शिक्षा विभाग के अधिकारियों से फरियाद की, लेकिन किसी ने भी उनकी मदद नहीं की। ना ही बात रखने का मौका ही दिया।

निमिषा तिवारी ने बताया कि उनकी सेवा समाप्ति के विद्यालय प्रबंध समिति के सचिव मधुसूदन कौशिक द्वारा 31 दिसंबर 2022 को सेवा समाप्ति के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। जिसके बाद निमिषा तिवारी नियमानुसार सेवा की हकदार हो गयी थीं, लेकिन आरोप है कि हाईकोर्ट के आदेशों को लेकर प्रबंध समिति ने गंभीरता नहीं प्रदर्शित की। निमिषा तिवारी का कहना है कि प्रबंध समिति के सचिव ने आदेश मानने से ही इंकार कर दिया था।

ये कहना है सचिव सुभाष का

इस संबंध में जब कथित सचिव सुभाष से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि वह अब प्रबंध समिति में नहीं हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी बेटी इस विद्यालय में पढ़ती थी, लेकिन कब पढ़ती थी, उस सन् की जानकारी उन्हें नहीं। कब उसकी टीसी कटी इसकी भी जानकारी उन्हें नहीं।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

Recent Comments