- पश्मिांचल में कई जेई को नियम विरुद्ध दे दी गई गृह जनपद में तैनाती
- स्वास्थ्य विभाग के बाद विद्युत विभाग का खेल भी हुआ उजागर
- मनचाही पोस्टिंग के नाम जम कर बटोरने की हो रही चर्चाएं
जनवाणी संवाददाता |
मुजफ्फरनगर: स्वास्थ्य विभाग में ट्रांसफर पोस्टिंग के खेल में धनवसूली का खुलासा होने के बाद अब पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में खेल होने का मामला प्रकाश में आया है। पश्मिांचल विद्युत वितरण निगम में जूनियर इंजीनियरों के ट्रांसफर मामले में सभी नियमों को ताक पर रख दिया गया और नियम विरुद्ध कई जेई को उनके गृह जनपद में ही तैनाती दे दी गयी। हालांकि इस खेल का खुलासा होने के बाद पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशक द्वारा इस मामले मेें की जांच कराये जाने की बात कही जा रही है।
शासन स्तर से उन सभी जूनियर इंजीनियरों का मंडल परिवर्तित होना था, जिन्हें एक मंडल में आठ वर्ष पूरे हो गये थे। शासन से यह आदेश जारी होने के बाद विभाग के सूरमा वजूद में आ गये और उन्होंने मनचाही पोस्टिंग दिलाने के नाम पर खेल शुरू कर दिया। पूरे मंडल में 30 जूनियर इंजीनियरों का स्थानांतरण होना था। सभी अपने मनमाफिक पोस्टिंग चाहते थे, जिसके लिए उन्होंने अपने राजनीतिक जुगाड़ लेकर लेनदेन तक की प्रक्रिया अपनाई गयी।
30 जून को पश्मिांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी की ओर से एक पत्रांक संख्या 1374 जारी हुआ, जिसमें अधीक्षण अभियन्ता (हा) राजीव महेश्वरी के हस्ताक्षर भी थे। इस पत्र 30 जूनियर इंजीनियरों का स्थानांतरण किया गया, जिनमें क्रमांक संख्या 13 पर रविशंकर पुत्र ब्रहमप्रकाश का स्थानांतरण शामली जनपद से मुजफ्फरनगर के लिए गया, जबकि क्रमांक संख्या-22 पर ओमकार सिंह का स्थानांतरण बिलासपुर से मुरादाबाद के लिए किया गया।
उक्त दोनों ट्रांसफर नियमविरुद्ध किये जाने के आरोप लग रहे हैं, क्योंकि रविशंकर का गृह जनपद मुजफ्फरनगर है, जबकि ओमकार सिंह का गृहजनपद मुराबादाबाद है। विद्युत विभाग में नियम यह है कि जूनियर इंजीनियरों का स्थानांतरण उनके गृह जनपद में नहीं हो सकता, परन्तु इन नियमों को ताक पर रखकर पश्मिांचल विद्युत वितरण निगम में स्थानांतरण किय गये ।
इसके अलावा जो 28 स्थानांतरण हुए हैं, उनको लेकर भी सवालिया निशान लग रहे हैं। बताया जा रहा है कि मनचाही पोस्टिंग पाने जूनियर इंजीनियरों को भारी कीमत चुकानी पड़ी है। विद्युत विभाग के सूत्रों की माने तो एक-एक पोस्टिंग में लाखों का खेल हुआ है।
क्या कहते हैं विद्युत विभाग के अधिकारी?
पश्मिांचल विद्युत विभाग में नियम विरुद्ध हुए स्थानांतरण को लेकर जब पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी अरविन्द मलप्पा से बात की गयी, तो उन्होंने बताया कि नियमानुसार किसी भी जेई को उसका गृह जनपद नहीं मिल सकता, यदि पश्मिांचल विद्युत वितरण निगम में स्थानांतरण नियम विरुद्ध हुए हैं, तो इसकी जांच करायी जायेगी और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
वहीं, दूसरी ओर इस सूची को जारी करने वाले अधीक्षण अभियन्ता राजीव महेश्वरी से जब बात की गयी, तो उन्होंने बताया कि शासन से आठ वर्ष पूर्ण कर चुके जेई का स्थानांतरण किये जाने के आदेश प्राप्त हुए थे, क्योंकि एक दिन का समय था और हजारों की लिस्ट बननी थी, जिसके चलते भूलवश दो लोगों का गलत स्थानांतरण हो गया और उन्हें उनका गृह जनपद दे दिया गया है। इस भूल का सूधार किया जायेगा।
स्वास्थ्य विभाग में भी हुआ था बड़ा खेल
जिस तरह से पश्मिांचल विद्युत वितरण निगम में नियम विरुद्ध स्थानांतरण होने का मामला प्रकाश में आया है, इसी तरह का मामला स्वास्थ्य विभाग में भी हुआ था। शासन से आदेश के बाद अधिकारियों ने चिकित्सकों को मनचाही पोस्टिंग देने के नाम पर बड़ा खेल कर दिया था, जिसका संज्ञान होने पर स्वास्थ्य मंत्री व उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक हरकत में आ गये थे और उन्होंने इस स्थानांतरण पर सवाल उठाये थे।
उपमुख्यमंत्री के सवाल उठाये जाने के बाद मामले की जांच हुई तो पूरी परतें खुल गयी और नतीजा यह हुआ कि स्वास्थ्य विभाग को गलत तरीके से किये गये 48 तबादलों को रद्द करना पड़ा। अब देखना यह है कि क्या विद्युत विभाग में हुए नियम विरुद्ध तबादलों को लेकर भी कोई जांच बैठेगी या फिर इसे दबा दिया जायेगा।