- जरूरतमंद जनता हो रही हलकान, जनसंख्या वृद्धि पर अंकुश अपनाने वाले भी हो रहे मायूस
जनवाणी संवाददाता |
खरखौदा: देशभर में बढ़ती जनसंख्या के चलते देश बेरोजगारी की ओर बढ़ता जा रहा है जिसके चलते अनेक संगठन जनसंख्या वृद्धि रोकने के लिए धरना प्रदर्शन कर सरकार से कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। वहीं, सरकार द्वारा 3.0 के तहत जनसंख्या वृद्धि में भागीदार परिवारों का आयुष्मान कार्ड बनना प्रोत्साहन मिलना जैसा साबित हो रहा है। नई गाइडलाइन से जनसंख्या वृद्धि पर अंकुश अपनाने वाले जरूरत मंद छोटे परिवार आयुष्मान कार्ड से वंचित होने पर काफी मायूस हैं।
गत सरकार द्वारा वर्ष 2011 में कराई गई जनगणना के अनुसार जारी सूची में नामित लोगों के सरकारी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। एक तरफ सरकार राशन कार्ड में शामिल परिवार के पास वाहन, सरकारी नौकरी आदि कारणों के चलते राशन कार्ड निरस्त करने की सोच रही तो वहीं दूसरी तरफ सरकार व स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई 3.0 गाइडलाइन के जरिए राशन कार्ड में छह यूनिट या छह से अधिक यूनिट अंकित वाले राशन कार्ड धारकों के ही आयुष्मान कार्ड बनवा रही है।
सरकार की इस गाइडलाइन से जरूरत मंद जिनके परिवार में पांच या उससे कम सदस्य है और परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उन्हें आयुष्मान कार्ड की आवश्यकता है। वह लोग गाइडलाइन से काफी परेशान है। साथ ही जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है और आयुष्मान की आवश्यकता है वो भी काफी परेशान है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी के 73वें जन्म दिवस पर सरकार व स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित आयुष्मान भव: के तहत सरकार द्वारा आयुष्मान मेला, आयुष्मान सभा सहित विभिन्न
कार्यक्रम आयोजित कर शत प्रतिशत जरूरतमंद लोगों को आयुष्मान कार्ड के जरिये पांच लाख तक के मुफ्त इलाज का लाभ देने की कोशिश की जा रही है। वहीं, जारी की गई गाइडलाइन 3.0 के अनुसार आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए राशन कार्ड में छह यूनिट या उससे अधिक यूनिट होना जरूरी है । ऐसे में छोटे जरूरत मंद गरीब परिवार जिसमें कोई सदस्य गंभीर बीमारी से पीड़ित है और आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते उसका इलाज कराने में असमर्थ है ऐसे में वो लोग कहां जाएं,
कैसे अपना आयुष्मान कार्ड बनवाएं। सरकार की इस गाइडलाइन से छोटे परिवार आयुष्मान कार्ड जरूरत मंद लोग काफी परेशान है। वहीं जनसंख्या वृद्धि पर अंकुश अपनाने वाले गरीब परिवार भी गाइडलाइन से काफी आहत नजर आ रहें हैं और सरकार की गाइडलाइन पर सवाल उठा रहे हैं। खरखौदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डा. प्रफुल्ल वर्मा ने बताया कि नामित सूची के आधार पर आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं।
साथ ही 3.0 के मुताबिक सूची में नाम होने के बावजूद यदि राशनकार्ड में परिवार की यूनिट छह से कम है तो उनका भी आयुष्मान कार्ड आगामी सूचना तक नहीं बन सकेगा। सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि जारी सूची में यदि नाम है और राशनकार्ड में छह यूनिट से कम है तो उनका भी आयुष्मान कार्ड बनाया जाना चाहिए और यदि छह यूनिट से कम वाले का आयुष्मान नहीं बनाया जा रहा उसके लिए सीएमओ से बात कर आयुष्मान कार्ड बनवाए जायेंगे।