Wednesday, August 13, 2025
- Advertisement -

हरियाली तीज 2023 पर बन रहे हैं शुभ संयोग, भूलकर भी न करें यह काम

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। हमारे सनातन धर्म में कई त्योहार होते हैं। कभी होली तो कभी दिवाली आदि। जैसे की आप सब जानते ही हैं सावन का महीना चल रहा है। यानि त्योहारों की शुरूआत हो चुकी है। वहीं सावन में एक बहुत ही खास त्योहार आता है तीज इसको हरियाली तीज भी कहते है। उत्तर भारत में इस त्योहार को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

बता दें इस बार हरियाली तीज का त्योहार 19 अगस्त को मनाया जाएगा। हिन्दू केलिन्डर के मुताबिक यह व्रत श्रावस मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। इस बार तीज पर कुछ खास योग बन रहे हैं। चलिए जानते हैं योग के बारे में..

बताया जा रहा है कि, इस दिन शुक्र, मंगल और चंद्रमा, कन्या राशि में त्रिग्रही योग बनाएगा साथ ही बुध और सूर्य मिलकर सिंह राशि में बुधादित्य योग का निर्माण करेंगे। यह संयोग हरियाली तीज के व्रतियों के लिए बहुत ही शुभ माना जा रहा है। इस साल हरियाली तीज पर शिव-गौरी से न सिर्फ अखंड सौभाग्य का वरदान मिलेगा बल्कि धन भी बरसेगा।

इस दिन करें यह काम

जैसे की आप सब जानते है कि, हरियाली तीज सुहागिनों का त्योहार माना जाता है। महिलाओं को इस दिन हरे रंग के कपड़े और सोलह श्रृंगार करना चाहिए और निर्जला व्रत रखना चाहिए।

इस दिन भगवान शिव का अभिषेक दूध से किया जाता है इसीलिए व्रत में दूध नहीं पीना चाहिए। सुहागिनों को भूलकर भी हरियाली तीज पर काले या सफेद कपडे़ नहीं पहनने चाहिए।

याद रहे भूलकर भी न करें यें गलतियां

  • सुहागिनों को काली चूड़ियां नहीं पहननी चाहिए। इस दिन सिर्फ हरी या ला रंग की चूड़ियां ही पहनें।

  • काला रंग शादीशुदा जिंदगी में तनाव और झगड़े को बढ़ाता है। इस रंग को पहनने से नेगेटिविटी बढ़ती है।

  • व्रत के दौरान सुहागिनों को पानी का एक घूट भी नहीं पीना चाहिए, निर्जला व्रत रखना चाहिए।

  • हरियाली तीज के दिन पति के साथ लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए और मन को खुश रखना चाहिए।

  • हरियाली तीज के व्रत की पूजा शुभ मुहूर्त में ही करनी चाहिए और व्रत का पारण भी मुहूर्त देखकर ही करना चाहिए।

spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

करियर में न करें ये दस गलतियां

पढ़ाई खत्म करते ही नौकरी की टेंशन शुरू हो...

सीबीएसई और आईसीएसई बोर्डों की पढ़ाई का पैटर्न

दोनों बोर्डों का उद्देश्य छात्रों को अपने तरीके से...

अंधविश्वास

एक पर्वतीय प्रदेश का स्थान का राजा एक बार...

न्यू इंडिया में पुरानी चप्पलें

न्यू इंडिया अब सिर चढ़कर बोल रहा है। हर...

विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन जरूरी

उत्तराखंड मानवीय हस्तक्षेप और विकास की अंधी दौड़ के...
spot_imgspot_img