Thursday, January 23, 2025
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स्टेट हाईवे पर हादसे में तीन की मौत, कई लोग घायल

  • ट्रैक्टर ट्राली और ब्रेजा कार में हुई टक्कर, घायलों को अस्पताल भेजा

जनवाणी संवाददाता |

सहारनपुर: देवबंद स्टेट हाईवे -59 पर सोमवार चौथे पहर भीषण सड़क हादसा हुआ। इसमें एक युवक और दो महिलाओं की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक दर्जन से अधिक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। सभी ग्रामीण ट्रैक्टर ट्राली में सवार होकर तेरहवीं में शामिल होकर लौट रहे थे। उपचार के लिए सीएचसी लाए गए घायलों की चीख पुकार से पूरा परिसर हिल उठा। सभी घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। इनमें से कुछ की हालत नाजुक है।

देवबंद कोतवाली क्षेत्र के गांव सुनेहटी निवासी दर्जनों महिलाएं और पुरुष जनपद मुजफ्फरनगर के गांव पचेंडा खेड़ी में तेरहवीं में शामिल होने गए। शाम को ये सभी ट्रैक्टर ट्राली में सवार होकर वापस लौट रहे थे। जैसे ही वह स्टेट हाईवे 59 पर घलौली चेक पोस्ट के निकट पहुंचे तो पीछे से तेज रफ्तार में आ रही ब्रेजा कार ने ट्राली में जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी की कार और ट्रॉली के प्रखच्चे उड़ गए। दुर्घटना के बाद मौके पर चीख पुकार मच गई और हाईवे खून से लथपथ हो गया। राहगीरों द्वारा दुर्घटना की पुलिस को जानकारी दी गई। भीषण हादसे की खबर से पुलिस प्रशासन में हड़कम्प मच गया और अस्पताल की एम्बूलेंस मौके की ओर दौड़ पड़ी।

दुर्घटना में ब्रेजा कार चालक रुहाना शुगर मिल निवासी सार्थक भारद्वाज पुत्र दिनेश कुमार और कार में ही सवार गांव रणसुरा निवासी शिवानी पुत्री सतेंद्र त्यागी की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। जबकि ट्रैक्टर ट्राली में सवार दर्जनों ग्रामीण महिलाओं और मासूम बच्चों को बेहद गंभीर हालत में प्राथमिक उपचार के लिए देवबंद सीएचसी लाया गया। जहां पर सावित्री पत्नी तेजपाल ने भी दम तोड़ दिया। घायलों की चीख पुकार से सीएचसी परिसर गूंज उठा। यह दर्दनाक मंजर देखकर वहां मौजूद लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। चिकित्सकों द्वारा आनन-फानन में प्राथमिक उपचार देते हुए गम्भीर घायलों को जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। जिनमें से कई घायलों की हालत बेहद नाजुब बनी हुई थी।

सभी का कलेजा बैठ गया

देवबंद: हाईवे पर हुए भीषण हादसे की खबर मिलने के बाद गांव सुनेहटी निवासी दर्जनों युवक और भीम आर्मी के कार्यकर्ता सीएचसी पहुंच गए और वॉलिंटियर बनकर लोगों की जीवन की डोर बचाने में जुट गए। जिन ग्रामीणों के कम चोट थी उन्हें एम्बूलसें, ई-रिक्शा और गोद में लेकर सीएचसी के आस पास मौजूद प्राईवेट अस्पतालों की और दौडऩे लगे। मंजर ऐसा था कि जिसने भी देखा उसका कलेजा बैठ गया।

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