Saturday, May 17, 2025
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सात दिन के भीतर सीएए लागू करने के BJP के दावों पर टीएमसी ने किया जबरदस्त पलटवार

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने देश में सात दिनों के भीतर नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू करने का दावा किया है। उन्होंने दक्षिण 24 परगना के काकद्वीप में एक सार्वजनिक बैठक में भाषण के दौरान इसकी घोषणा की। उन्होंने लिखित में भी सीएए को लागू करने की गारंटी दी है। शांतनु ठाकुर के इस दावे के बाद बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है।

भाजपा के दावों पर टीएमसी का पलटवार
पश्चिम बंगाल की मंत्री और टीएमसी प्रवक्ता डॉ. शशि पांजा ने सीेएए को लेकर भाजपा के दावों पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा, ‘हमेशा की तरह भाजपा अपनी पुरानी हरकतों पर लौट रही है। उन्होंने कहा है कि सीएए बंगाल में लागू होगा। वो खुद यह कहते हुए आत्मविश्वास की कमी से जूझ रहे हैं। हमारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ कहा है कि लोगों की नागरिकता भाजपा के लिए चुनाव का मुद्दा है। बंगाल के लोग पहले ही देश के नागरिक हैं और उन्हें दोबारा नागरिकता नहीं दी जा सकती।’

टीएमसी नेता ने आगे कहा, ‘वे लोग जो बंगाल में हैं, उन्हें आश्वस्त रहना चाहिए कि उन्हें बंगाल में अलग-अलग योजनाओं का लाभ मिलता रहेगा, राशन मिलता रहेगा और वे चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा बने रहेंगे। भाजपा इस मुद्दे को उठा रही है, चुनावी मुद्दे के तौर पर। उनके पास बंगाल के लोगों के लिए कोई नजरिया नहीं है, न तो लोगों से जुड़े मुद्दों के लिए, न ही सुरक्षा के मुद्दे पर। यह (सीएए) सिर्फ उनका नजरिया है, जिसे वे आगे रख रहे हैं।’

देश में सात दिनों के भीतर सीएए लागू करने के भाजपा के दावों पर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, ‘जब कोई मंत्री कोई घोषणा करता है, तो उसे तब तक मंत्रिमंडल का बयान माना जाता है, जब तक उसका खंडन न किया जाए। भाजपा को इस बयान का खंडन करना चाहिए। संसद सत्र के शुरू होने में ज्यादा समय नहीं बचा है।’

2019 में पारित हुआ था सीएए
दिसंबर 2019 में संसद में सीएए पारित किया गया था। इसके तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिमों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को नागरिकता दी जाने की बात कही गई थी। कानून पारित होने और राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन भी हुआ था। बंगाल में साल 2020 में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था।

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