नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। आज शनिवार 29 मार्च को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा। बताया जा रहा है कि यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण है, जो कि दोपहर 2:21 से लेकर शाम 6:14 तक रहेगा। हालांकि यह भारत में नहीं लगेगा, इसलिए यह सूतक काल मान्य नहीं होगा। यह ग्रहण यूरोप, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, और अटलांटिक और आर्कटिक महासागरों के क्षेत्रों में देखा जा सकेगा।
सूर्य ग्रहण कब लगेगा?
वैदिक पंचांग के अनुसार, सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या तिथि पर और चंद्र ग्रहण पूर्णिमा तिथि पर घटित होता है। आज, 29 मार्च 2025 को चैत्र अमावस्या के शुभ संयोग में तथा शनि के मीन राशि में गोचर के दौरान वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है।
सूर्य ग्रहण कैसे लगता है ?
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और सूर्य की रोशनी को पृथ्वी तक पहुंचने से आंशिक या पूरी तरह रोक देता है। इससे दिन के समय कुछ समय के लिए अंधेरा छा सकता है।
इन जगहों पर दिखेगा सूर्यग्रहण
बरमूडा, बारबाडोस, डेनमार्क, जर्मनी, फ्रांस, हंगरी, आयरलैंड, मोरक्को, ग्रीनलैंड, कनाडा का पूर्वी भाग, लिथुआनिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, उत्तरी ब्राज़ील, फिनलैंड, हॉलैंड, पुर्तगाल, उत्तरी रूस, स्पेन, नॉर्वे, यूक्रेन, स्विट्जरलैंड, सूरीनाम, स्वीडन, पोलैंड, पुर्तगाल, इंग्लैंड और अमेरिका के पूर्वी क्षेत्र में नज़र आएगा।
सूर्य ग्रहण साल में कितने लगते हैं?
साल 2025 में दो सूर्य ग्रहण लगेंगे। पहला सूर्य ग्रहण आज यानी 29 मार्च को लग रहा है और दूसरा 21 सितंबर को लगेगा।
क्या नहीं करना चाहिए सूर्य ग्रहण के दौरान ?
- ग्रहण के समय मंदिरों में मूर्तियों को स्पर्श करने से बचें।
- ग्रहण काल में भोजन पकाना और खाना उचित नहीं माना जाता। हालांकि, छोटे बच्चों, बीमार और बुजुर्गों के लिए इस नियम में ढील दी जा सकती है।
- ग्रहण काल के दौरान शरीर पर तेल मालिश नहीं करनी चाहिए।
- साथ ही नाखून काटने और बाल कटवाने से भी बचना चाहिए।
- इसके अलावा कैंची, सुई-धागे और धारदार वस्तुओं का उपयोग न करें।
क्या करना चाहिए सूर्य ग्रहण के दौरान?
- सूतक काल शुरू होने से पहले ही दूध, दही, पानी और अन्य खाद्य पदार्थों में तुलसी या कुशा डाल दें, ताकि वह दूषित न हों।
- इस अवधि में मूर्तियों का स्पर्श नहीं करना चाहिए, लेकिन धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन किया जा सकता है।
- ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान जरूर करना चाहिए।
- ग्रहण में मंत्र जाप करने से नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।
- इस समय तर्पण, श्राद्ध, जप, हवन और दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है।
- ग्रहण समाप्त होने पर मंदिर की सफाई करें और पूजा-अर्चना के बाद दान करें।