नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन है। आज नवरात्रि का पांचवा दिन है। आज के दिन मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप मां स्कंदमाता की आराधना की जाती हैं। स्कंदमाता शेर पर सवार चार भुजाओं वाली देवी हैं। माता हाथों में कमल का फूल धारण करती हैं और उनकी गोद में उनके पुत्र स्कंदकुमार होते हैं।
भगवान कार्तिकेय को ही स्कंद कुमार कहा जाता हैं इसी कारण देवी का नाम स्कंदमाता पड़ा। सच्चे मन से पूजा करने पर स्कंदमाता सभी भक्तों की इच्छाओं को पूरी करती हैं और कष्टों को दूर करती हैं। वहीँ, स्कंदमाता मोक्ष का मार्ग दिखाती हैं और इनकी पूजा करने से ज्ञान की भी प्राप्ति होती है।
मां स्कंदमाता की ऐसे करें आराधना
आज सुबह स्नान के बाद मां स्कंदमाता की पूजा करें। मां स्कंदमाता को लाल पुष्प जैसे गुड़हल, गुलाब, अक्षत्, कुमकुम, धूप, दीप, नैवेद्य, गंध आदि चढ़ाएं। फिर मां स्कंदमाता के मंत्रों का उच्चारण करें। मंत्र करने के बाद माता को केले और बताशे का भोग लगाएं। फिर कपूर या घी के दीपक से स्कंदमाता की आरती करें। पूजा अर्चना के बाद मां के चरणों में शीश झुकार नमन करें।
मां स्कंदमाता के मंत्र
बीज मंत्र: ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:
पूजा मंत्र: ओम देवी स्कन्दमातायै नमः
महाबले महोत्साहे महाभय विनाशिनी। त्राहिमाम स्कन्दमाते शत्रुनाम भयवर्धिनि।।