Saturday, June 22, 2024
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शहर में अवैध कनेक्शन से फुंक रहे ट्रांसफार्मर

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  • शीश महल इलाके में ट्रांसफार्मर फुंकने का बड़ा कारण अवैध कनेक्शनों का ओवर लोड आया सामने

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: शहर के तमाम इलाकों में तमाम नियम कायदे ताक पर रखकर बांट दिए गए बिजली के अवैध कनेक्शन ट्रांसफार्मरों की जान ले रहे हैं। शीश महल और इसके सरीखे तमाम इलाकों में जहां आए दिन ट्रांसफार्मरों के फुंकने की घटनाएं हो रही है। उसके लिए इलाके में बगैर लोड स्वीकृत किए बांटे गए अवैध कनेक्शन हैं। यह बात पीवीवीएनएल अफसरों की जांच में भी साफ हो गयी। सूत्रों ने जानकारी दी है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही घंटाघर बिजलीघर के एसडीओ व जेई का यहां से तबादला कर दिया गया। सूत्रों ने जानकारी दी है कि थाना कोतवाली व थाना देहलीगेट की सीमा पर पड़ने वाले शीशमहल के बडेÞ हिस्से में कुछ लोगों ने गलियों में काम्प्लेक्स बना लिए हैं।

नियमानुसार जितने भी काम्प्लेक्स हैं, उनमें कनेक्शन से पहले अलग से ट्रांसफार्मर लगाया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। बगैर ट्रांसफार्मर के ही यहां पुराने ट्रांसफार्मर से कनेक्शन बांट दिए गए। कनेक्शनों को लोड पड़ने की वजह से ही पुराने ट्रांसफार्मर आग के गोले मे तब्दील कर रहे हैं। पीवीवीएनएल अफसर भी मान रहे हैं कि ट्रांसफार्मर फुंकने के पीछे लोड को ना बढ़ाया जाना है। जानकारों का कहना है कि यह सिलसिला खत्म होने वाला नहीं। खासतौर से शीश महल सरीखे इलाकों में तो मौसम बदले जाने तक ट्रांसफार्मरों के यूं ही आहूति ली जाती रहेगी।

भरी दोपहरी में बिजली की अघोषित कटौती से मचा त्राहिमाम

जून का महीना दोपहर का वक्त और बत्ती गुल। शनिवार दोपहर को ऐसा ही हुआ। महानगर के कई इलाकों में दोपहर पांच घंटे के लिए बत्ती काट दी गयी। शरीर झुलसा देने वाली जून की गर्मी में दोपहर में यदि लाइट ना मिले तो क्या हालत होगी यह बताने की जरूरत नहीं। उस पर मुसीबत यह है कि बिजलीघर वाले फोन कॉल्स ना उठाएं। शनिवार को दोपहर करीब 12 बजे कई इलाकों में अचानक बिजली कटौती कर दी गयी। करीब पांच बजे कहीं जाकर लाइट आयी। भरी दोपहरी में बगैर लाइट के लोग बिलबिला उठे। कटौती की यदि बात की जाए तो शहर से लेकर देहात तक लोग बिजली कटौती की मार से बेहाल हैं।

लोग बिजली की आंख मिचौनी से ही परेशान नहीं है, बल्कि बिजली के जाते ही पानी भी गायब हो जाता है। जब तक बिजली आती है, तब तक ही पानी मिलता है। एक तो गर्मी उस पर बत्ती गुल और पानी भी ना मिले लोगों पर क्या बीत रही होगी। शहर के ज्यादातर इलाके ऐसे हैं, जहां पानी की आपूर्ति तभी संभव है। जब बिजली चालू होती है, लेकिन जैसे बत्ती गुल होती है। तमाम इलाकों में पानी की किल्लत पैदा हो जाती है। मुसीबत ये है कि जब भी बिजली कटौती पीक ओवर में की जा रही है। मसलन जिस वक्त ज्यादा जरूरत होती है। उस वक्त बिजली गुल की जाती है। वहीं, दूसरी ओर चीफ इंजीनियर धीरज सिन्हा का कहना है कि आपूर्ति का संकट नहीं है, केवल लोकल फॉल्ट होने पर ही शटडाउन लिया जा रहा है।

मौके पर खडेÞ होकर चालू कराई लाइट

शीश महल में जहां पिछले तीन दिन से ओवर लोड होने के कारण ट्रांसफार्मर फूंकने के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित चल रही थी। वहीं, शनिवार को अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण मंडल रंगोली मंडप शास्त्रीनगर व अधिशासी अभियंता महेश कुमार द्वारा शीश महल में खुद खड़े होकर 11 केवीए लाइन का काम पूरा कराया। शीश महल में ओवरलोड होने के कारण बार-बार ट्रांसफार्मर फुंकने की शिकायत चल रही थी, जिसको संज्ञान में लेते हुए शनिवार को डालमपाड़ा में 230 केवीए का नया ट्रांसफार्मर रखने का कार्य किया गया। एक और 230 केवीए ट्रांसफार्मर लगने के लिए जल्दी काम किया जाएगा।

फुंकने से बचा जिला अस्पताल का ट्रांसफार्मर

देहलीगेट थाना क्षेत्र स्थित जिला अस्पताल को बिजली सप्लाई करने वाला ट्रांसफार्मर फुंकने से बाल-बाल बचा। शनिवार को अचानक अस्पताल के ट्रांसफार्मर के केबिल में अचानक गयी। आग की सूचना से हड़कंप मच गया। दमकल को सूचना दी गयी, लेकिन वहां आग लगने के करीब 20 मिनट लेट दमकल की गाड़ी पहुंची। तब तक विद्युत कर्मचारियों ने मौके पर पहुंच कर आग पर काबू पा लिया और दोनों ट्रांसफार्मर को बचा लिया। हालांकि बिजली आपूर्ति सुचारू करने में लगभग तीन घंटे का समय लगा।

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