Sunday, June 29, 2025
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विस्फोट में दो जिंदगी खत्म, तीन की हालत नाजुक

  • पांच किमी दूर तक गई बॉयलर फटने की आवाज
  • चंद घंटों में मच गया मौत से हाहाकार
  • अवैध रूप से चलायी जा रही थी टायर फैक्ट्री
  • खुद अफसरों को भी नहीं पता किस की अनुमति से दोबारा हुई शुरू
  • फैक्ट्री में नहीं लगाए गए थे हादसों से बचाव के लिए सुरक्षा के उपकरण

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: इंचौली के फिटकरी गांव स्थित टायर चलाने की फैक्ट्री दुर्गा इंडस्ट्रीज अवैध रूप से चलायी जा रही थी। एक बार बंद करा दिए जाने के बाद किस अफसर की अनुमति से यह फैक्ट्री दोबारा चालू की गयी, उसको लेकर खुद पुलिस प्रशासन के आलाधिकारी भी अनभिज्ञ हैं। किशोरीपुर निवासी दो श्रमिक शंकर व प्रवीण की मौत का कारण बनी अवैध दुर्गा इंडस्ट्रीज मालिकों अमित जैन व दीपक जैन साल 2018 में बाकायदा शपथ पत्र देकर बंद कर दी थी।

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दरअसल, यह फैक्ट्री पूरे इलाके को बीमारियां बांट रही थी। इससे निकले वाले कार्बन से दर्जनों गांव के लोग बीमार हो रहे थे। इसका जबरदस्त विरोध हो रहा था। पुलिस प्रशासन व जिला उद्योग केंद्र के आलाधिकारियों ने इसका मामला पहुंचा था, उसके बाद इस फैक्ट्री पर ताला लटका दिया गया था।

आलाधिकारी हैं अनजान

जबरदस्त विरोध के चलते बंद करा दी गयी दुर्गा इंडस्ट्रीज किस की अनुमति से दोबारा शुरू की गयी, इसको लेकर जब हादसे की सूचना पर मौके पर पहुंचे आलाधिकारियों से सवाल किया गया तो उन्होंने भी इसको लेकर अनभिज्ञता जाहिर की। उनका बस इतना ही कहना था कि मामले की जांच करायी जाएगी। इसको नहीं चलने दिया जाएगा। लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती।

बचाव के नहीं है उपकरण

फैक्ट्री की हालत देखकर लगता ही नहीं था कि यह कोई फैक्ट्री है। बुरी तरह से क्षतिग्रस्त ऊंची दीवारों के बीच भारी भरकम दो-दो बॉयलर देखकर लगता था मानों रेल के दो पुराने कोयले से चलने वाले इंजन खडेÞ होे। इनके ऊपर टीन की छत बेहद कमजोर व जगह जगह से टूटी हुूई थी।

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फैक्ट्री में खुले आसमान के नीचे पुराने टायरों का पहाड़ था। बॉयलर में जलाकर टायरों से निकाला गया तारों का गुच्छा बड़ी मात्रा में वहां पड़ा था। टायरों के जलने से जो आयल निकलता है, उसके कई ड्रम वहां रखे थे। सब कुछ था सिवाय सुरक्षा उपकरणों के। कहीं भी सुरक्षा उपकरण नजर नहीं आए।

महंगा बिकता है आॅयल

लोगों ने जानकारी दी कि टायरों को जलाकर जो आयल निकाला जाता है यह काफी महंगा बेचा जाता है। पुराने टायर का स्क्रैप कोडियो के दामों पर खरीदकर यहां लाकर उनसे तेल निकाला जाता है। जो तेल निकाला जाता है वह रोड बनाने के काम आता है। कोल तार डालने से पहले टायरों से निकाला गया तेल ही रोड पर डाला जाता है। यह काफी महंगी कीमत पर बिकता है।

शव रखकर हंगामा-प्रदर्शन

विस्फोट के बाद फैक्ट्री में अलग-अलग जगह शव जाकर गिरे थे। जहां शव गिरे वहीं पर उनके परिजन व गांव वाले धरना देकर बैठ गए। उन्होंने जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान तमाम राजनीतिक दलों से जुडेÞ लोग व सामाजिक कार्यकर्ता भी वहां पहुंच गए। सभी इस बात से नाराज थे कि जब फैक्ट्री साल 2018 में बंद करा दी गयी थी तो फिर किसी की अनुमति से इसे चालू किया गया। उनका कहना था कि यह हादसा नहीं बल्कि हत्या है। इसके लिए जो भी जिम्मेदार है उस पर हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

बसपा नेता पहुंचे

इंचौली थाना क्षेत्र के गांव फिटकरी में फैक्ट्री बॉयलर फटने की घटना की सूचना मिलने पर बसपा जिला अध्यक्ष जयपाल सिंह पाल, मंडल प्रभारी मोहित जाटव व डा. कमल राज, जिला प्रभारी ओमपाल खादर, भोपाल चांदना, पप्पू जाटव, धीर सिंह जाटव, विधानसभा अध्यक्ष बृजपाल फौजी, शेखर गौतम आदि पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने मृतकों के परिजनों को ढाढस बंधाया।

डीएम और कप्तान ने किया फिटकरी गांव का दौरा

मंगलवार को डीएम दीपक मीणा ने एसएसपी रोहित सिंह सजवाण के साथ थाना इंचौली क्षेत्र में फिटकरी गांव के पास फैक्ट्री में हुए हादसे का संज्ञान लेते हुए तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर जायजा लिया तथा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराते हुए नियमित उपचार दिया जा रहा है। डीएम ने अस्पताल में भर्ती घायल व्यक्तियों के स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त करते हुए संबंधित को आवश्यक निर्देश दिए। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

विस्फोट में दो की मौत फिर भी नो एफआईआर

इंचौली के गांव फिटकरी में अवैध रूप से संचालित की जा रही दुर्गा इंडस्ट्रीज में हुए विस्फोट में दो की मौत हो गयी। तीन जिंदगी मौत के बीच झूल रहे हैं। घटना को लेकर दिन भर हंगामा चलता रहा। पुलिस प्रशासन का पूरा अमला मौके पर घंटों डटा रहा। मृतकों के शवों के पोस्टमार्टम कराने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। पूरा गांव छावनी में तब्दील रहा।

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घटना को लेकर लखनऊ तक के अफसर अपडेट लेते रहे, लेकिन इतना कुछ होने के बाद भी इंचौली पुलिस लिखा पढ़ी की जरूरत नहीं समझती। इस संबंध में जब इंचौली इंस्पेक्टर से जानकारी ली गयी तो उन्होंने कहा कि पीड़ित की ओर से तहरीर नहीं दी गयी। वहीं दूसरी ओर विधि विशेषज्ञों की राय में ऐसे मामलों में आमतौर पर पुलिस अपनी ओर से मामला दर्ज करती है।

कौन करेगा लाली को विदा

हादसे में मारे गए प्रवीण की बहन लाल की अप्रैल माह में बारात आनी है। परिजनों ने बताया कि पूरे परिवार की जिम्मेदारी उसी के कंधों पर थी, लेकिन हादसे में वह चल गया। परिजनों का कहना है कि अप्रैल में उसकी बहन लाली की बरात जब आएगी तो भाई के नाम की रस्म कौन पूरी करेगा। परिजनों ने बताया कि प्रवीण की मौत से पूरा परिवार बर्बाद हो गया है। वो परिवार को बड़ा सहारा था।

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