- पेपर लीक कराकर कराते थे तैयारी प्रोफेसर
- पुलिस भर्ती परीक्षा का भी पेपर कराया था लीक, एसटीएफ ने दबोचा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: भारी भरकम रकम लेकर पेपर लीक कराकर परीक्षा की तैयारी कराने वाले दो प्रोफेसर एसटीएफ ने दबोचे हैं। उन्होंने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उम्मीद की जा रही है कि पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक होने के बाद शुरू हुआ धरपकड़ का एसटीएफ का सिलसिला अभी लंबा चलने वाला है। मेरठ के पड़ोसी जनपद बागपत से भी इसको लेकर एसटीएफ की मेरठ यूनिट गिरफ्तारी कर चुकी है।
एसटीएफ मेरठ यूनिट के एसपी बृजेश सिंह ने जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा 17 व 18 फरवरी को आयोजित उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक कराकर उसकी एवेज में मोटी धन उगाही करने वाले दो प्रोफेसर मोनू पंडित पुत्र महावीर शर्मा निवासी ग्राम अभ्यापुरा मानागढ़ी नोहझील मथुरा व गौरव चौधरी पुत्र चंद्रपाल सिंह निवासी जाबरा मांट को मथुरा से दबोचा गया है। दबोचा गया मोनू पंडित 25 हजार का फरार इनामी है।
उसके खिलाफ नवाबाद झांसी में मुकदमा दर्ज है। सूचना मिली थी कि मोनू पंडित मथुरा की टेकमैन कालोनी में आने वाला है। बस इसके बाद एसटीएफ की फील्ड यूनिट ने जाल बिछा दिया और मौका पाते ही उसको दबोच लिया। एसटीएफ के अनुसार गिरफ्तार गौरव साल 2015 में खुद भी एसएससी की परीक्षा दे चुका है। उसी दौरान वह पेपर लीक गैंग के दूसरे सरगनाओं के संपर्क में आया। उसने बताया कि साल 2015 में वह भर्ती व पेपर लीक गैंग चलाने वाले श्यामबीर बाबा नाम के एक-दूसरे शातिर के संपर्क में आया।
वह पेपर लीक कराकर भर्ती कराने का गिरोह संचालित कर रहा था। झटके में मोटी कमाई के लालच में वह क्लाइंट फांसकर श्यामबीर बाबा के पास ले जाने लगा। गौरव ने यह भी जानकारी दी कि उसने अपना ठिकाना देहरादून के सहस्त्रधारा इलाके में बनाया। पहले वह आॅनलाइन परीक्षा कराने का काम करता था। वहीं पर उसके संपर्क में मोनू गुर्जर भी आया। इसके बाद वह मेरठ के आशीष पालीवाल और मथुरा के मोनू पंडित के संपर्क में आया।
कुछ और गिरफ्तारियां संभव
गौरव चौधरी व मोनू पंडित की गिरफ्तारी के बाद पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक व साल्व कराने के मामले में अभी कुछ और भी गिरफ्तारियां संभव हैं। उम्मीद की जा रही है कि गिरफ्तारियों का सिलसिला लंबा चलने वाला है। एसटीएफ के अफसर जहां से जो भी सूचना मिलती है वहां फोक्स करते हैं। इसन खुलासों का सिलसिला भी एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने ही शुरू किया था।