Tuesday, December 31, 2024
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कोचिंग सेंटरों में असुरक्षित छात्र

Samvad


ashok madhupदिल्ली हाईकोर्ट ने मुखर्जी नगर स्थित एक कोचिंग सेंटर में गुरुवार को लगी आग की घटना का शुक्रवार को खुद से संज्ञान लिया ­कोर्ट ने दिल्ली सरकार, दिल्ली फायर सर्विस डिपार्टमेंट, दिल्ली पुलिस और एमसीडी को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है। कोर्ट ने फायर सर्विस डिपार्टमेंट को निर्देश दिया कि वो ऐसे सभी संस्थानों में आग से बचाव के इंतजामों (फायर सेफ्टी आॅडिट) और उनके फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट की जांच करे। न्यायालय ने आदेश कर दिया। ये ही आदेश जांच अधिकारियों ने लिए लूट का अधिकार दे देगा। इस आदेश के बाद जांच अधिकारी जाएंगे, कोचिंग सेटर में कमी निकालेंगे। नोटिस देंगे। अपना सुविधा शुल्क वसूलेंगे और कुछ दिनों बाद सब फाइलों में दबकर रह जाएगा। कुछ समय बाद फिर हादसा होगा, फिर जांच होंगी। फिर अधिकारियों को आपदा में अवसर मिलेंगे।

फिर खेल होगा। सब ऐसे ही चलता रहेगा, जैसे चल रहा है। इस भ्रष्ट हो चुकी सरकारी मशीनरी के सुधरने की उम्मीद नहीं लगती। कठोर अनुशासन लागू किये बिना ये सुधरने वाली नहीं। जरूरत सरकारी तंत्र को सुधारने की है। दिल्ली के मुखर्जी नगर के कोचिंग सेंटर में गुरुवार (15 जून) को आग लग गई।

छात्रों को कोचिंग सेंटर की खिड़की से निकल जान बचानी पड़ी। इस हादसे में 60 छात्र घायल भी हुए। आग लगने का कारण बताते हुए अधिकारियों ने कहा कि शुरुआती जांच में पता चला है कि बिल्डिंग में ग्राउंड फ्लोर पर लगे मीटर में आग लगी थी, जिसका धुआं पूरी बिल्डिंग में फैल गया।

धुआं निकलते ही पूरी बिल्डिंग में अफरा-तफरी मच गई जिसके बाद छात्रों ने खिड़कियों से बिल्डिंग से बाहर आने की कोशिश की और उनमें से कुछ को चोटें आर्इं। दरअसल मुखर्जी नगर हिंदी भाषी छात्रों का सिविल सेवा की तैयारी करने का बड़ा केंद्र बन गया है। यहां कई कोचिंग संस्थानों का घर है।

सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी के लिए इसे मक्का कहा जाता है। हर वर्ष सिविल सर्विसेज की परीक्षा में सबसे ज्यादा अभ्यर्थी भी यहीं से चयनित होते हैं। एक जानकारी के अनुसार यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी करने के लिए मुखर्जी नगर व आसपास के क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ष करीब एक लाख छात्र तैयारियों के लिए पहुंचते है।

मुखर्जी नगर इलाका अपने आप में मिनी भारत है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के जिन छात्रों को हॉस्टल नहीं मिलता, वे भी यहीं रहकर पढ़ाई करते हैं। यहां हर वर्ष प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, हरियाणा, कर्नाटक, उड़ीसा, पूर्वोत्तर राज्यों से भी छात्र पहुंचते हैं।

मुखर्जी नगर में यूपीएससी की सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले महंगे से लेकर सस्ते कोचिंग भी मौजूद हैं। यही वजह है कि यहां पर आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से आने वाले बच्चे भी अपनी तैयारी आसानी से कर लेते हैं।
बीते एक दशक में यहां कोचिंग सेंटरों की बाढ़ आ गई है।

ज्यादातर घरों में या तो कोचिंग सेंटर चल रहे हैं या फिर लाइब्रेरी या पीजी बनाकर संपत्ति मालिक चांदी काट रहे हैं, लेकिन नगर निगम को शुल्क देने में अब भी कतराते हैं। इन संपत्तियों का व्यावसायिक उपयोग हो रहा है, लेकिन संपत्ति मालिकों ने अभी तक इनका कन्वर्जन नहीं कराया।

इस हादसे के बाद निगम के अनुसार अभी तक छह संपत्तियां सील हैं जबकि तीन संपत्ति मालिकों ने हलफनामा देकर सील खुलवा ली थी कि वह भविष्य में फिर से इसका व्यावसायिक उपयोग नहीं करेंगे। निगम सूत्रों के ज्यादातर इमारतों को कोचिंग संस्थान में बदलने के लिए भवन उपनियमों का उल्लंघन किया गया है।

तय मानकों को नजरअंदाज कर कमरों को हाल में तब्दील कर दिया गया है। इसके चलते कई इमारतें ढांचागत रूप से कमजोर भी हो गई हैं। इन इमारतों की जांच भी जाएगी। एक अधिकारी ने बताया कि जो इमारत भवन निर्माण के नियमों का उल्लंघन करते हुए पाई जाएगी, उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।

अबतक यूपीएससी, एसएससी आदि की तैयारी करने वाले छात्र कोचिंग संस्थान संचालकों की मनमानी के खिलाफ आवाज नहीं उठा पा रहे थे। इन्हें क्लास में भेड़-बकरियों की तरह ठूंस कर पढ़ाया जाता है। बृहस्पतिवार की घटना के बाद छात्र आक्रोशित हैं। उन्होंने रातभर प्रदर्शन किया व कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।

इसके बाद शुक्रवार दोपहर को पुलिस अधिकारी के आश्वासन के बाद उन्होंने धरना समाप्त किया।कई छात्रों ने बताया कि एक कक्षा में 500 से 700 छात्रों को पढ़ाया जाता है।इतने बच्चों के बीच सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। जांच में प्रकाश में आया कि जब इमारत का निरीक्षण किया गया तो अग्नि सुरक्षा के पर्याप्त उपाय नहीं थे। इमारत की छत पर टैंक में पानी नहीं था।

इसके अलावा बिल्डिंग में लगे अग्निशमन यंत्र पुराने लगे हुए थे, जो काम करने की स्थिति में नहीं थे। भवन में धुएं के संकेतक भी नहीं लगे थे। 25 मई 2019 को गुजरात के सूरत के एक कोचिंग में आग लगने से 22 छात्र की मौत के बाद गुजरात सरकार ने अग्नि सुरक्षा निरीक्षण किए जाने तक गुजराज सरकार ने राज्य के सभी निजी कोचिंग केंद्रों को बंद करने का आदेश दिया।

सरकार ने स्कूलों, कॉलेजों, कोचिंग सेंटरों, अस्पतालों, शॉपिंग मॉल और अन्य व्यावसायिक भवनों के अग्नि सुरक्षा निरीक्षण का भी आदेश दिया। दिल्ली अग्निशमन सेवा ने दिल्ली के सभी कोचिंग सेंटरों का अग्नि सुरक्षा निरीक्षण करने का निर्णय लिया था। उस समय भी आदेश हुए थे।

जांच हुई। नियमों के विपरीत चलने वालों को नोटिस देकर कार्रवाई पूरी कर दी गई। लोगों से संबधित अधिकारियों का प्रसन्न कर दिया। काम पहले ही तरह ही चलता रहा।


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