जनवाणी ब्यूरो |
UP Latest News: आज रविवार को कईं महीने बाद उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्षों की सूची जिलेवार दोपहर दो बजे घोषित की जाएगी। इस दौरान हर जिले में एक बड़ा मंत्री भी मौजूद रहेगा। बताया जा रहा है कि यह पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने और आगामी चुनावों के लिए रणनीति बनाने की दिशा में एक अहम कदम हो सकता है।
जिलाध्यक्षों का चुनाव पार्टी के स्थानीय नेतृत्व को सशक्त बनाने में मदद करता है, जिससे वे अपने क्षेत्रों में पार्टी की गतिविधियों और कार्यों को बेहतर तरीके से संचालित कर सकते हैं।
हालांकि, आपसी विवाद के मद्देनजर एक दर्जन से ज्यादा जिलों के अध्यक्षों की घोषणा पर रोक लग गई है। जिसमें भाजपा के संगठनात्मक 98 में से 80 से अधिक जिलों की घोषणा ही हो पाएगी।
क्या बोले यूपी चुनाव अधिकारी?
उत्तर प्रदेश चुनाव अधिकारी डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा है कि लखनऊ गाजियाबाद, जहां जिला और महानगर कार्यालय अलग-अलग हैं, को छोड़कर सभी जिलों में दोपहर दो बजे एक बैठक होगी। दो कार्यालय वाले जिलों में अलग-अलग कार्यक्रम होंगे। सभी जिला पदाधिकारी, वरिष्ठ मोर्चा पदाधिकारी, जिले में रहने वाले राष्ट्रीय, प्रदेश व क्षेत्र के पदाधिकारी, मंडल अध्यक्ष व जिला प्रतिनिधियों की मौजूदगी में बैठक होगी।
डॉ. पांडेय ने यह भी आदेश दिए है कि,मौजूदा और पूर्व अध्यक्षों की उपस्थिति में ही घोषणा की जाए। प्रदेश स्तर पर खुद प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश चुनाव प्रभारी, महामंत्री संगठन प्रदेश स्तर से ऑनलाइन मॉनीटरिंग करेंगे। इसके लिए प्रदेश कार्यालय में एक टास्क सेंटर बनाया गया है। सभी जिला कार्यालयों में कैमरे लगाए गए हैं।
इन जिलों में सूची पर लगी रोक
उत्तर प्रदेश के 98 जिलों में से एक दर्जन से अधिक जिलों के अध्यक्षों के नाम पर सहमति न बन पाने की वजह से इसे रविवार को जारी करने पर रोक लगा दिया गया है। इनमें अयोध्या, अंबेडकरनगर, सीतापुर, झांसी, मेरठ जिला समेत कई जिले शामिल हैं। मेरठ जिलाध्यक्ष की सूची रोक लगी गई है, जबकि महानगर अध्यक्ष की घोषणा की जाएगी।
कहा जा रहा है कि, 80 से अधिक जिलों में ही सूची जारी की जाएगी इनमें पांच जिले तो वे हैं, जहां मंडलीय पदाधिकारियों का ही चुनाव नहीं हो सका था। इनमें अयोध्या नगर और ग्रामीण, कानपुर उत्तरी और लखीमपुर शामिल हैं।