मुख्य संवाददाता |
बागपत: बागपत-मेरठ नेशनल हाइवे 334 बी पर शिलान्यास के 31 महीने बाद भी गड्ढों में ही वाहनों को दौड़ाना पड़ रहा है। 20 फरवरी 2019 को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने जब इसका शिलान्यास किया था तो गड्ढा मुक्त हाइवे पर चलने की उम्मीद जगी थी, लेकिन निर्माण की खामियों ने उन सब दावों को गुम कर दिया है।
एक तो यहां कछुआ चाल से निर्माण चल रहा है वहीं दूसरी ओर जहां निर्माण हो चुका था वहीं अब वह गड्ढों में तब्दील हो गया है। आलम यह है कि निर्माण कंपनी को हाइवे को जगह-जगह से उखाड़ना पड़ गया है और दोबारा निर्माण किया जा रहा है। या यूं कहे कि अब बनने के साथ ही उसकी मरम्मत का कार्य भी शुरू हो गया है। गड्ढों में तब्दील हो चुके हाइवे पर बारिश के मौसम में मुश्किल खड़ी हो रही है। यही नहीं बाइक सवार पत्थरों से फिसलकर चोटिल भी हो रहे हैं।
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