नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक अभिनंदन और स्वागत है। आज उन तीन बेटों की लहू के इंसाफ की घड़ी नजदीक आ गई है जिनकी बहुत की बेरहमी से मेरठ के गुदड़ी बाजार में निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी। 16 साल तक चले इस ट्रिपल मर्डर केस का आज फैसला होगा।
आपको बता दें कि मेरठ कोतवाली अंतर्गत गुदड़ी बाजार के तिहरे हत्याकांड में 16 साल बाद आज फैसले की घड़ी है। अदालत ने सारे दस्तावेज सुरक्षित कर लिए हैं। आज निर्णय सुनाया जाएगा। वहीं हाईकोर्ट ने इस मामले में निचली अदालत से मुकदमे का स्टेटस मांगा और फैसले को टाल दिया था। हाईकोर्ट ने 30 जुलाई तक रिपोर्ट मांगी थी। वहीं मंगलवार को ट्रांसफर के प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया। आज अदालत इस मामले में फैसला सुनाएगी।
सनद रहे कि 23 मई 2008 को मेरठ कॉलेज के छात्र 27 वर्षीय सुनील ढाका निवासी जागृति विहार, 22 वर्षीय पुनीत गिरि निवासी परीक्षितगढ़ रोड और 23 वर्षीय सुधीर उज्जवल निवासी गांव सिरसली बागपत के शव बागपत के बलैनी में नदी के किनारे पड़े मिले थे। तीनों को गोलियां मारने के बाद गला काटकर मारा गया था। पुलिस की जांच में सामने आया कि 22 मई की रात तीनों का गुदड़ी बाजार में हाजी इजलाल कुरैशी के साथ झगड़ा हुआ था।
पुलिस के आरोप पत्र के मुताबिक झगड़े के बाद इजलाल ने अपने भाइयों के साथ मिलकर तीनों को पकड़ लिया। पहले पाइपों से बुरी तरह पिटाई की। इसके बाद तीनों को गोलियां मारी। फिर सबके गले काट दिए। आंखें तक नोंच ली गईं। इसके बाद शवों को पानी से धोकर कार की डिग्गी में रखकर गाड़ी सहित नदी किनारे ले जाकर शवों को फेंक दिया।
इस घटना का खुलासा होने के बाद मेरठ में हजारों युवाओं ने गैर-राजनीतिक संगठनों ने 25 मई को मेरठ बंद का ऐलान कर दिया था। पूरा मेरठ बंद हुआ था। तत्कालीन कोतवाली इंस्पेक्टर और सीओ की भूमिका पर सवाल उठने के बाद जांच सदर बाजार थाने के इंस्पेक्टर डीके बालियान को दी गई थी।
पुलिस ने इस मामले में हाजी इजलाल, उसके भाई अफजाल व परवेज समेत दस आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। कुल 14 आरोपियों पर चार्जशीट दाखिल हुई है। इनमें हाजी इजलाल कुरैशी, परवेज और अफजाल पुत्रगण स्वर्गीय इकबाल, मेहराज पुत्र मेहताब, इसरार पुत्र रशीद, कल्लू उर्फ कलुआ पुत्र हाजी अमानत, इजहार, मुन्नू ड्राइवर उर्फ देवेंद्र आहूजा पुत्र विजय, वसीम पुत्र नसरुद्दीन, रिजवान पुत्र स्वर्गीय उस्मान और बदरुद्दीन पुत्र इलाहीबख्श, शम्मी और माजिद के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करते हुए हत्याकांड को साबित करने के लिए कुल 37 गवाहों के नाम दिए। युवती को इस मामले में इजलाल को घटना के लिए उकसाने का आरोपी बनाया गया। इस पर युवती कोर्ट से स्टे ले आई थी।
धाराओं में फांसी तक की सजा का प्रावधान
इस मामले में पहले बागपत में रिपोर्ट दर्ज हुई थी, लेकिन बाद में इजलाल समेत बाकी आरोपियों के खिलाफ (अपराध संख्या 190/08)के तहत धारा 147, 148, 149, 364, 302, 201, 404, 411 और 3/2 गैंगस्टर एक्ट के तहत थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज है।
एडवोकेट प्रमोद त्यागी बताते हैं कि इन धाराओं में उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा का प्रावधान है। अब इस मामले में सिर्फ एक आरोपी शम्मी जेल में है। बाकी सभी आरोपियों की जमानत हो चुकी है। मुकदमे में बहस पूरी हो गई है। आज हाईकोर्ट ने इस मामले में निचली अदालत से मुकदमे का स्टेटस मांगने के बाद फैसले को टाल दिया।
गुदड़ी बाजार ट्रिपल मर्डर केस में अभियुक्त गण की ओर से न्यायालय में प्रार्थना दी गई कि ट्रांसफर से संबंधित प्रार्थना पत्र उच्च न्यायालय में विचाराधीन है और 30 जुलाई की तिथि नियत है, इसलिए कोई निर्णय पारित न किया जाए।
अभियोजन पक्ष की ओर से वरिष्ठ फौजदारी अधिवक्ता प्रमोद त्यागी ने कोर्ट को बताया था कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा प्रोसीडिंग्स को स्टे नहीं किया गया तथा माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिन प्रतिदिन सुनवाई किए जाने के आदेश दिए हुए थे। प्रार्थना पत्र के संबंध में न्यायालय को अपनी रिपोर्ट उच्च न्यायालय को प्रस्तुत करनी थी।
मुख्य न्यायालय अपर जिला स्पेशल भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट संख्या दो पवन शुक्ला ने हाईकोर्ट की 30 जुलाई को तारीख लगने के चलते फैसले को अब 31 जुलाई की तिथि नियत की थी। ऐसे में अदालत आज इस पर फैसला सुनाएगी।
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