- मशीन से गिनता था नोट, पुलिस ने किया खुलासा
- उप निबंधक कार्यालय में कर्मचारियों की सेटिंग से हुआ साढ़े सात करोड़ का स्टांप घोटाला
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: स्टांप घोटाले के आरोप में वांटेड चल रहे विशाल वर्मा दुबई भागने की फिराक में लगा है। पुलिस ने उसकी मेरठ से दिल्ली तक घेराबंदी कर रखी है। उसके कई रिश्तेदार व पार्टनरशिप में काम कर रहे लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही। दो दिन पहले विशाल वर्मा की लोकेशन पुलिस को देहरादून की मिली थी। इसके बाद वह वहां से फरार हो गया। एसएसपी डा. विपिन ताडा का कहना है कि विशाल वर्मा की तलाश में लगातार दबिश डाली जा रही है। जल्द ही उसकी गिरफ्तारी कर ली जाएगी।
मेरठ के सबसे बड़े स्टांप घोटाले में विशाल वर्मा पुलिस के हाथ नहीं आ रहा है। जबकि पुलिस का कहना है कि वह बार बार अपनी लोकेशन बदल रहा है। जबकि उसकी तलाश में सर्विलांस टीम, एसटीएफ व क्राइम ब्रांच टीम को लगाया गया है। इसके साथ कई अन्य मुकदमों में भी उसका नाम खोल दिया है। व्यापारी नेता जीतू नागपाल का कहना है कि वह दुबई भागने की फिराक में है। पुलिस ने उसका पासपोर्ट जब्त नहीं किया तो वह दुबई भाग सकता है।
हैरत की बात है कि उप निबंधक कार्यालय में बैनामा करने वाले कर्मचारी व अधिकारी पिछले 15 सालों से एक ही सीट पर तैनात है। लंबे समय से एक ही सीट पर तैनाती के दौरान साढ़े सात करोड़ का स्टांप घोटाला हो गया। अभी तक उपनिबंधक कार्यालय में किसी भी कर्मचारी व अधिकारी की सीट नहीं बदला है। यह घोटाला एआईजी स्टांप ज्ञानेंद्र कुमार ने अपनी जांच में पकड़ा था। अगर वह घोटाला नहीं पकड़ते तो अब तक यह घोटाला 10 करोड़ को पार कर जाता।
मुकदमों में बढ़ सकते हैं नाम
पुलिस का कहना है कि उपनिबंधक कार्यालय में मकानों व प्लाटों की रजिस्ट्री के लिए लगाए गए स्टांप पेपरों की कई अधिकारी जांच करते हैं। इसके बाद मकानों की रजिस्ट्री की जाती है। माना जा रहा है कि विशाल की कोषागार से लेकर उपनिबंधक कार्यालय तक जबरदस्त सेटिंग थी। वह लगातार फर्जी स्टांप पेपरों से लोगों की मकान की रजिस्ट्री करवा रहा था।
अधिकारी उसके लाए गए स्टांप पेपरों से मकानों के बैनामों कर रहे थे। एसएसपी का कहना है कि सारे मामले की जांच की जा रही है। उपनिबंधक कार्यालय में उस वक्त जो भी अधिकारी तैनात होगा। उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। पुलिस का कहना है कि उसके अपने आफिस में नोट गिनने की मशीन लगा रखी है। यह मशीन क्यों लगाई? पुलिस ने उसकी दुकान व मकान पर पुलिस बल तैनात कर रखा है।
सब रजिस्टार प्रथम और तृतीय में खपाये फर्जी स्टांप
पुलिस का कहना है कि ज्यादा संख्या शहर के सब रजिस्ट्रार प्रथम और तृतीय के कार्यालय में रही। इसी कार्यालय में कर्मचारियों व अधिकारियों की सेटिंग से फर्जी स्टांप पेपर लगाकर रजिस्ट्री कराई गई। अभी तक एक भी कर्मचारी और अधिकारी पर गाज नहीं गिरी।