जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: छठ पूजा कार्तिक मास की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इसमें भगवान सूर्यदेव की अराधना की जाती है। यह पर्व पूरे चार दिनों तक चलता है, जिसमें 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है। यह मुख्य रूप से भारत में बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है।
जानिए- छठ पूजा कब और क्यों मनाई जाती है
छठ पर्व कार्तिक मास की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस वजह से इसे छठ पर्व कहा जाता है। साथ ही तिथि के स्त्रीलिंग होने की वजह से इस माता की संज्ञा दी गई है। इसे छठी मईया की उपासना के रूप में देखा जाता है।
जानिए- क्या है छठ पूजा का इतिहास
एक कथा के अनुसार, महाभारत काल में जब पांडव अपना सारा राजपाट जुए में हार गए, तब द्रौपदी ने छठ व्रत किया। इससे उनकी मनोकामनाएं पूर्ण हुईं तथा पांडवों को राजपाट वापस मिल गया। इसके अलावा छठ महापर्व का उल्लेख रामायण काल में भी मिलता है। छठ या सूर्य पूजा महाभारत काल से की जाती है।
छठ पूजा का पहला अरग कब
पहला अर्घ्य- 30 अक्टूबर 2022
छठ पूजा के तीसरे दिन- सूर्यास्त के समय डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं।
व्रती महिला और पुरुष नदी, तालाब या फिर घर में ही पानी में खड़े होकर अर्घ्य देते हैं।
जानिए-छठ पर्व किन राज्यों में मनाया जाता है
दिवाली के बाद छठ पूजा चार दिनों तक मनाई जाती है। यह मुख्य रूप से भारत में बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है।
छठ व्रत मे क्या खाना चाहिए
गेहूं और चावल का आटा तथा गुड़। इसके अलावा खरना वाले दिन छठ पूजा का प्रसाद में ठेकुआ जरूर बनाया जाता है। यह गेहूं के आटे, गुड़ या चीनी मिलाकर तैयार किया जाता है। इसके अलावा चावल के आटे से कसार भी बनाया जाता है।