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भूखंड नवीनीकरण संबंधी प्रस्ताव पर निदेशालय की ओर से खड़े किए गए तमाम सवाल
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प्रक्रिया को नियम विरुद्ध आगे बढ़ाने वाले कई अधिकारियों पर गिर सकती है गाज
जनवाणी संवाददाता |
रुड़की: बीटी गंज (सुभाष गंज) के भूखंडों को लेकर के नवीकरण को लेकर बोर्ड की ओर से पारित प्रस्ताव पर निदेशालय शहरी विकास ने तमाम सवाल खड़े कर दिए हैं । इस संबंध में नगर निगम से सवाल जवाब किए गए हैं। जिससे कि नगर निगम मशीनरी चकरा गई है।
इस संबंध में निदेशक शहरी विकास नवनीत पांडे की ओर से जो डिटेल भूखंडों के बारे में मांगी गई है उससे कई अधिकारियों पर भी गाज गिरने की आशंका बढ़ गई है। जानकारी मिली है कि निदेशालय शहरी विकास की की ओर से जिन बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी गई है।
उन पर स्पष्ट करती रिपोर्ट प्रस्तुत करना इतना आसान नहीं है। सबसे बड़ा सवाल किया गया है कि जब 1982 को लीज अवधि समाप्त हो गई तो इसके बाद नवीनीकरण संबंधी बोर्ड प्रस्ताव हुए बिना रसीद कैसे काट दी गई। आवंटन प्रक्रिया के प्राविधानों में कटिंग किसने की।
भूखंड पीएनबी को किराए पर किसके आदेश पर दिए गए। डीजीसी की रिपोर्ट को नजरअंदाज कैसे किया गया। जब भूखंड शुरू से आवासीय उपयोग के लिए आवंटित हुए तो फिर उन का व्यवसायिक उपयोग कैसे किया गया।
निदेशक शहरी विकास नवनीत पांडे की ओर से नगर निगम अधिकारियों को साफ तौर पर कहा गया है कि जो भी नियम विरुद्ध हुआ है उस पर कार्रवाई होगी और इस संबंध में हाईकोर्ट की ओर से जो जवाब मांगा गया है।
उसमें सब कुछ नियमानुसार लिखकर भेजा जाएगा। इसीलिए कोई भ्रमित और तथ्य छुपाती भी रिपोर्ट न दी जाए। वही निदेशालय शहरी विकास ने बोर्ड की ओर से भूखंड नवीनीकरण संबंधी पारित किया गये प्रस्ताव की प्रक्रिया को आगे बढ़ने से फिलहाल रोक दिया गया है।
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