Sunday, May 11, 2025
- Advertisement -

अहम् पदों पर बैठे दागदारों पर कब होगी कार्रवाई ?

  • नगर निगम में भ्रष्टाचारियों पर आखिर मेहरबानी की वजह क्या है? कार्रवाई करने से कतरा रहे अफसर

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: नगर निगम में भ्रष्टाचार का संज्ञान शासन ने ले लिया है, लेकिन उसके बावजूद नगर निगम के जो दागदार कर्मचारी या अधिकारी है आखिर उन पर कब होगी कार्रवाई? शासन से हाल ही में एक्सईएन विकास कुरील समेत पांच अभियंताओं को शासन ने दोषी माना है, जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। बावजूद इनको अहम जिम्मेदारी देकर भ्रष्टाचार को नगर निगम में बढ़ावा दिया जा रहा है। जब शासन ने ही भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे एक्सईएन समेत पांच अभियंताओं को दोषी मान लिया है तो फिर उन पर नगर निगम के आला अफसरों की मेहरबानी की वजह आखिर क्या है?

यही नहीं, भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार हाउस टैक्स निरीक्षक नवल राघव जेल जा चुके हैं, लेकिन उनका भी अभी तक विभाग के आला अफसरों ने निलंबन तक नहीं किया है। ऐसी चर्चाएं नगर निगम में हो रही हैं। शासन ने हाल ही में दो अवर अभियंताओं को भी निलंबित कर दिया है। इस तरह से नगर निगम में भ्रष्टाचार चरम पर है। आखिर इस भ्रष्टाचार पर कैसे अंकुश लगेगा? यह कहना बेहद मुश्किल होगा। क्योंकि शासन की तमाम सख्ती के बावजूद जिस तरह से भ्रष्टाचार किया जा रहा है, वह रुकता हुआ नजर नहीं आ रहा हैं।

भ्रष्टाचार के एक दो नहीं, बल्कि कई मामले सामने आ चुके हैं, मगर बावजूद इसके भ्रष्टाचार में संलिप्त कर्मचारी विशेष कृपा के पात्र बने हुए हैं। ऐसा तब है जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जीरो टोलरेंस नीति पर काम कर रहे हैं तथा मुख्यमंत्री जो दो टूक कह चुके हैं की जीरो टोलरेंस की नीति पर प्रत्येक विभाग में काम होना चाहिए। मुख्यमंत्री ईमानदार हैं, लेकिन अधिकारियों के स्तर पर भ्रष्टाचार व्यापक स्तर पर चल रहा हैं। हालांकि भ्रष्टाचार के मामले मिलने के बाद मुख्यमंत्री स्तर से बड़ी कार्रवाई भी की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चला रखे हैं, बावजूद इसके सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया हैं। नगर निगम में कई बड़े मामले भ्रष्टाचार के खुले हैं, जिसमें से 300 मीटर सड़क निर्माण की गई और भुगतान 600 मीटर का लेने के लिए प्राक्कलन तैयार कर दिया। इस मामले में नगर निगम का भ्रष्टाचार सामने आया तो शासन तक हिल गया। शासन स्तर से ही इसमें एक्सईएन विकास कुरील समेत पांच अभियंताओं की विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।

इसकी जांच अपर आयुक्त महेंद्र प्रसाद कर रहे हैं। यही नहीं, इस मामले में 2 अवर अभियंता भी सस्पेंड हो चुके हैं। कई ऐसे क्लर्क हैं जो एक ही सीट पर या फिर एक ही अनुभाग में 8 से 9 साल हो चुके हैं, लेकिन उनका पटल परिवर्तन नहीं किया गया। इसको लेकर नगर निगम के आला अफसर दागदार कर्मचारियों पर क्यों मेहरबान हैं? इसको लेकर चर्चार्एं आम है।

spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Meerut News: सहेली के पेट में छिपा है खुशी की मौत का राज

जनवाणी संवाददाता |मेरठ: जानी थाना क्षेत्र टिमकिया में मिले...

Meerut News: नालों की गंदगी, सीएम ग्रिड सड़क निर्माण धीमा देख भड़के प्रमुख सचिव

जनवाणी संवाददाता |मेरठ: प्रदेश के प्रमुख सचिव नगर विकास...

Muzaffarnagar News: एसडीएम निकिता शर्मा का अवैध खनन पर कड़ा प्रहार

जनवाणी संवाददाता |मुजफ्फरनगर: तहसील सदर के गांव नारा के...
spot_imgspot_img