- बढ़ी हुई जीएसटी का विरोध, ईट भट्ठा संचालक हुए लामबंद, सरकार के खिलाफ आक्रोश
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: यदि नए साल में आप अपने लिए नया घर बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम हैं। दरअसल केन्द्र सरकार की नीतियों के खिलाफ र्इंट-भट्ठा मालिक पूरे देश में र्इंट-भट्ठों पर तालाबंदी की तैयारी कर रहे हैं। यह तालाबंदी दीपावली के फौरन बाद शुरू हो जाएगी जो अनिश्चतकालीन होगी। इस संबध में मेरठ जनपद र्इंट निर्माता समीति के महामंत्री सतीश गुप्ता ने बताया कि सरकार की नीतियों के खिलाफ र्इंट निर्माता स्वयं को ठगा-सा महसूस कर रहे हैं।
बकौल सतीश गुप्ता जब वित्तीय वर्ष 2016-17 में केन्द्र द्वारा र्इंट-भट्ठा संचालकों पर जीएसटी लगाई गई थी तो इसके दो स्लैब थे। पहला स्लैब एक प्रतिशत व दूसरा स्लैब पांच प्रतिशत था और साथ ही डेढ़ करोड़ रुपये के सालाना टर्न ओवर की शर्त भी थी। महामंत्री के अनुसार वर्तमान वित्तीय वर्ष (2022-23) में सरकार ने अचानक र्इंट-भट्ठा संचालकों पर जीएसटी के लागू दोनों स्लैबों की दरें बढ़ा दीं।
उन्होंने बताया कि जो दर पहले एक प्रतिशत थी उसे बढ़ाकर छह प्रतिशत और जो दर पांच प्रतिशत थी उसे बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है, जिस कारण र्इंट-भट्ठा संचालकों को काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा जो कोयला उन्हें पहले आठ से 10 हजार रुपये प्रति टन मिलता था उसका रेट भी बढ़ाकर अब 20 से 24 हजार रुपए प्रति टन कर दिया गया है।
अपनी इन्ही मांगों को लेकर र्इंट निर्माता समिति के प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी गत दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिल चुके हैं, लेकिन मामले का कोई हल नहीं निकला। समिति ने तय किया है कि यदि उनकी दोनों (जीएसटी की दरों को कम करना व कोयले के दामों में कटौती करना) मांगे केन्द्र सरकार ने नहीं मानी तो अगले 10 से 15 दिनों में रूपरेखा तैयार कर आन्दोलन की घोषणा कर देंगे और इसके तहत सबसे पहले देश भर के र्इंट-भट्ठों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो जाएगी।