जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: दिसंबर के मध्य तक पहुंचते-पहुंचते सर्दी ने अपना तेवर बढ़ा दिया है। हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में तेज ठंडी हवाएं चल रही हैं, वहीं उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी, ठंडी हवाओं और घने कोहरे ने मौसम को और ठंडा कर दिया है।
इस बार असामान्य रूप से विदर्भ, उत्तर महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और ओडिशा जैसे क्षेत्र, जहां आमतौर पर शीतलहर कम देखी जाती है, वहां भी सर्द हवाओं का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार यह बदलाव पश्चिमी विक्षोभ, जेट स्ट्रीम और हवाओं की दिशा में असंतुलन का परिणाम है।
मौसम विभाग के ताजा अपडेट के अनुसार, वर्तमान में मध्य स्तरों पर सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ उत्तर-पश्चिम भारत के मौसम को प्रभावित कर रहा है। लगभग 12.6 किमी ऊंचाई पर सक्रिय उपोष्णकटिबंधीय पश्चिमी जेट स्ट्रीम की गति 100 नॉट (करीब 185.2 किमी प्रति घंटा) तक पहुंच रही है। यह स्थिति हिमालयी क्षेत्रों में नमी और ठंड को बढ़ा रही है, जबकि मैदानी इलाकों में ठंडी हवाओं और कोहरे की स्थिति बनी हुई है।
इस मौसम व्यवस्था के कारण ठंडी हवा सामान्य से अधिक दक्षिण की ओर फैल गई है। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में 14 से 18 दिसंबर के बीच हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी की संभावना है। ऊंचाई वाले इलाकों में तापमान पहले ही काफी नीचे जा चुका है, जिससे ठंड का असर और तेज हो गया है। बर्फबारी के चलते पर्वतीय मार्गों पर फिसलन और यातायात में बाधा आने की आशंका जताई गई है।
यूपी में कोहरे के चलते सतर्क रहने की आवश्यकता
उत्तर प्रदेश में आने वाले दिनों में मौसम को लेकर विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है, क्योंकि कोहरे की तीव्रता जनजीवन और यातायात पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 14 और 15 दिसंबर को बहुत घना कोहरा छाने की संभावना है, जिससे दृश्यता बेहद कम हो सकती है। वहीं, पूर्वी उत्तर प्रदेश में 14 से 16 दिसंबर के बीच घने से बहुत घने कोहरे के हालात बने रह सकते हैं।
मध्य और दक्षिण भारत में असामान्य शीतलहर
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, विदर्भ, मध्य महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, दक्षिण और उत्तर आंतरिक कर्नाटक तथा ओडिशा जैसे इलाके सामान्यतः शीतलहर से प्रभावित नहीं होते, क्योंकि ये उष्णकटिबंधीय अक्षांशों में स्थित हैं और यहां सर्दियों में रात का तापमान अपेक्षाकृत अधिक रहता है। पिछले वर्षों में इन क्षेत्रों में शीतलहर जैसी स्थिति बहुत कम दर्ज की गई है।
पुलवामा और शोपियां जम्मू-कश्मीर में सबसे ठंडे
जम्मू-कश्मीर में ठंड का असर जारी है। पुलवामा और शोपियां क्षेत्र इस समय सबसे ठंडे रहे, जहां न्यूनतम तापमान माइनस 5.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हालांकि शनिवार को बादलों के छाए रहने से तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी देखी गई। अगले 48 घंटों में ऊंचे इलाकों में हल्की बर्फबारी की संभावना है। कश्मीर घाटी चिल्ले कलां की ओर बढ़ रही है। 21 दिसंबर से शुरू होने वाली 40 दिनों की कठोर सर्दियों की अवधि के दौरान बर्फबारी अधिक होती है और तापमान काफी गिर जाता है।
उत्तराखंड में ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी, मैदान में ठंडक
उत्तराखंड के चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जैसे ऊंचाई वाले जिलों में भारी बर्फबारी की चेतावनी जारी की गई है। इन क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे जाने की संभावना है। मैदानी इलाकों में सुबह और शाम को तेज ठंडी हवाएं और घना कोहरा जनजीवन को प्रभावित कर सकते हैं। कई जगहों पर पाले की सफेद चादर नजर आ रही है, हालांकि दिन में धूप निकलने से आंशिक राहत मिलने की संभावना है।
पश्चिमी विक्षोभ का असर, दिल्ली में मौसम में बदलाव
उत्तर-पश्चिमी भारत के कई हिस्सों में कमजोर पश्चिमी विक्षोभ का असर दिखना शुरू हो गया है। यह विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान और आसपास के क्षेत्रों में साइक्लोनिक सर्कुलेशन के रूप में सक्रिय है। दिल्ली में रविवार को आसमान साफ रहेगा, लेकिन मौसम विभाग के अनुसार 15 और 16 दिसंबर को न्यूनतम तापमान में थोड़ी कमी देखी जा सकती है। राजधानी में सर्दी अपने तेवर बढ़ा रही है।

