वरिष्ठ संवाददाता |
सहारनपुर: छोटी-बड़ी 26 रसोली। सुनकर आप भी दांत तले उंगली दबा लेंगे। लेकिन, इतनी संख्या मेें मरीज की रसोली को निकाला आपरेशन के जरिये शहर की प्रमुख महिला रोग विशेषज्ञ डा. नूतन उपाध्याय। उन्होंने महिला मरीज का सफल आपरेशन कर बच्चेदानी से छोटी-बड़ी 26 रसोली निकाली।
डा. उपाध्याय का कहना है कि यदि समय पर रसोली का सही उपचार कराया जाए तो आपरेशन किए बगैर दवाओं से भी रसोली को खत्म किया जा सकता है।
चरथावल (मुजफ्फरनगर) के ग्राम कुटेशरा निवासी 33 वर्षीय महिला को तीन-चार साल से अक्सर पेट में दर्द होता था। उसे अन्य परेशानी भी रहती थी और शरीर में हीमोग्लोबिन भी काफी कम हो रहा था।
महिला ने कई चिकित्सकों के यहां इलाज कराया, लेकिन आराम नहीं मिला। अल्ट्रासाउंड कराया गया तो बच्चेदानी में पांच-छह रसोली होना बताया गया।
चिकित्सकों का कहना था कि आपरेशन होगा। जिसमें बच्चेदानी नहीं बचेगी। जिसके बाद महिला के परिजनों ने लिंक रोड स्थित संतोष हॉस्पिटल की संचालिका डा. नूतन उपाध्याय से संपर्क किया।
उन्होंने महिला का कोरोना टेस्ट कराने के साथ ही पहले हीमोग्लोबिन की कमीं को पूरा किया। इसके बाद उन्होंने आपरेशन किया तो महिला की बच्चेदानी में एक या दो नहीं बल्कि छोटी-बड़ी 26 रसोली थी।
जिन्हे करीब डेढ घंटे के सफल आपरेशन में सुरक्षित तरीके से निकाल दिया गया। डा. नूतन उपाध्याय ने बताया कि पहले 40 वर्ष या इससे अधिक उम्र की महिलाओं में रसोली की समस्या होती थी, लेकिन अब ये 20-22 वर्ष की महिलाओं में भी होने लगी है और वर्तमान में 20 प्रतिशत महिलाएं इससे पीड़ित है।
इसका मुख्य कारण हारमोन्स, खानपान, रहन सहन में बदलाव होना है। डा. उपाध्याय का कहना है कि यदि सही समय पर रसोली का इलाज कराया जाए तो गुर्दे की पथरी की तरह बिना आपरेशन के दवाओं से भी इसे खत्म किया जा सकता है। इससे महिलाओं को बिल्कुल भी घबराना नहीं चाहिए, क्योकि हर रसोली का इलाज आपरेशन नहीं है।