जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: दुनिया के अलग-अलग देशों में अलग-अलग वक्त पर कृषक दिवस मनाया जाता है। भारत में 23 दिसंबर को राष्ट्रीय कृषक दिवस मनाया जाता है। इसी दिन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्मदिवस भी होता है। भारत के किसानों की स्थिति को सुधारने के लिए चरण सिंह ने काफी काम किए थे और यही कारण है कि उनके जन्मदिवस को राष्ट्रीय कृषक दिवस के लिए चुना गया।
रक्षा मंत्रा राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ ने पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी है। रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया, ”पूर्व प्रधानमंत्री एवं देश के सबसे सम्मानित किसान नेताओं में अग्रणी, चौधरी चरण सिंह जी को उनकी जयंती के अवसर पर मैं स्मरण एवं नमन करता हूँ।
चौधरी साहब आजीवन किसानों की समस्याओं को आवाज़ देते रहे और उनके कल्याण के लिए काम करते रहे। देश उनके योगदान को हमेशा याद रखेगा. चौधरी चरण सिंह चाहते थे कि देश के किसानों की आमदनी बढ़े, उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य मिले और किसानों का मान सम्मान सुरक्षित रहे।”
पूर्व प्रधानमंत्री एवं देश के सबसे सम्मानित किसान नेताओं में अग्रणी, चौधरी चरण सिंह जी को उनकी जयंती के अवसर पर मैं स्मरण एवं नमन करता हूँ।
चौधरी साहब आजीवन किसानों की समस्याओं को आवाज़ देते रहे और उनके कल्याण के लिए काम करते रहे। देश उनके योगदान को हमेशा याद रखेगा।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) December 23, 2020
चौधरी चरण सिंह चाहते थे कि देश के किसानों की आमदनी बढ़े, उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य मिले और किसानों का मान सम्मान सुरक्षित रहे।
हमारे प्रधानमंत्री श्री @narendramodi उनकी प्रेरणा से ही किसानों के हित में अनेक कदम उठा रहे हैं। किसानों का वे किसी सूरत में अहित नहीं होने देंगे।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) December 23, 2020
उन्होंने आगे लिखा, ”हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी प्रेरणा से ही किसानों के हित में अनेक कदम उठा रहे हैं. किसानों का वे किसी सूरत में अहित नहीं होने देंगे। आज किसान दिवस के अवसर मैं देश के सभी अन्नदाताओं का अभिनंदन करता हूँ।
आज किसान दिवस के अवसर मैं देश के सभी अन्नदाताओं का अभिनंदन करता हूँ। उन्होंने देश को खाद्य सुरक्षा का कवच प्रदान किया है।
कृषि क़ानूनों को लेकर कुछ किसान आंदोलनरत हैं। सरकार उनसे पूरी संवेदनशीलता के साथ बात कर रही है। मैं आशा करता हूँ कि वे जल्द ही अपने आंदोलन को वापिस लेगें।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) December 23, 2020
उन्होंने देश को खाद्य सुरक्षा का कवच प्रदान किया है। कृषि क़ानूनों को लेकर कुछ किसान आंदोलनरत हैं। सरकार उनसे पूरी संवेदनशीलता के साथ बात कर रही है। मैं आशा करता हूँ कि वे जल्द ही अपने आंदोलन को वापिस लेगें।”
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दी श्रद्धांजलि ट्वीट कर ये कहा
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते #UPCM श्री @myogiadityanath जी… https://t.co/BMidH7X2iR
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) December 23, 2020
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, किसानों के सशक्तिकरण के लिए आजीवन समर्पित रहने वाले, वंचितों के उत्थान हेतु सदैव प्रयत्नशील, सादगी और सरलता की प्रतिमूर्ति, महान जन नेता चौधरी चरण सिंह जी को उनकी जयंती पर कोटिशः नमन एवं किसान दिवस पर सभी किसान बंधुओं का सादर अभिनन्दन।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 23, 2020
संसद में किसानों की आवाज चौधरी चरण सिंह
भारत को कृषि प्रधान देश माना जा रहा है। हमारे देश के किसानों को अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता रहा है। चौधरी चरण सिंह देश के किसान नेता थे जिन्होंने देश की संसद में किसानों के लिए आवाज बुलंद की थी। चरण सिंह 28 जुलाई 1979 से लेकर 14 जनवरी 1980 तक देश के प्रधानमंत्री रहे थे। 23 दिसंबर 1902 को उनका जन्म पश्चिमी यूपी के हापुड़ में हुआ था। उनके पिता का नाम चौधरी मीर सिंह थी।
गांधी जी के डांडी मार्च के समर्थन में किया आंदोलन
वे छेटे ही थे जब उनका परिवार जानी इलाके में जाकर बस गया था। उन्होंने आगरा यूनिवर्सिटी से पढाई की और फिर गाजियाबाद में कुछ वक्त के लिए वकालत भी की। वे गांधी जी से काफी प्रभावित थे। उन्होंने गाजियाबाद में कांग्रेस कमेटी बनाई और जब गांधी जी ने नमक बनाने के लिए डांडी मार्च निकाला तब चरण सिंह ने भी हिंडन में नमक कानून को तोड़ा। इसके लिए उन्हें छह महीने की जेल हुई लेकिन जेल से निकलते ही वह फिर से देश सेवा में लग गए।
यूपी के सीएम भी रहे, पहले डिप्टी पीएम और फिर पीएम बने
वे यूपी के सीएम भी रहे और इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण काम किए। उनकी बदौलत ही किसान सही मायनों में स्वतंत्र हो सका। उन्होंने जमींदारी उन्मूलन किया और किसानों के हित के लिए लेखपाल पद बनाया। बाद में वे उपप्रधानमंत्री बने और फिर प्रधानमंत्री बन कर देश की सेवा की। उनको आज भी किसान काफी याद करते हैं। खास तौर पर पश्चिमी यूपी के किसान अभी भी उनकी बातें करके देखे जा सकते हैं।