Sunday, July 20, 2025
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अब विदेशी कारोबारियों को पसंद है योगी सरकार की नीति, निवेश की तैयारी में हैं कंपनियां

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: विदेशी कारोबारियों को उत्तर प्रदेश भी रास आने लगा है। जर्मनी, ब्रिटेन, यूएस समेत कई देशों की कंपनियां इस राज्य में निवेश की तैयारी में हैं। यही कारण है कि यूपी में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) बढ़ रहा है। चार सालों में एफडीआई यूपी में 1771 करोड़ करोड़ रुपये पहुंच गया।

औद्योगिक विकास विभाग ने एफडीआई के क्षेत्र में लंबी छलांग लगाने की तैयारी की है। जापान, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, जर्मनी व दक्षिण कोरिया की कंपनियों के निवेश प्रस्ताव दो साल में अमल में आ गए तो 2022 तक 45 हजार करोड़ रुपये का तो विदेशी निवेश आ जाएगा। फ्रांस की कंपनी सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश के लिए इच्छुक है। जर्मनी की कंपनी वॉनवैलेक्स ने तो फुटवियर निर्माण में 300 करोड़ का निवेश की तैयारी कर ली है।

पहले चरण का कंपनी का निवेश आगरा में इसी कोरोना काल में हो गया है। एसोसिएटेड ब्रिटिश फूड पीएलसी (एबी मौरी) खमीर मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर 750 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। इसे जमीन भी मिल गई है। जापान की कंपनी वायरिंग हारनेस तथा कंपोनेंटस में 2000 करोड़ का निवेश करेगी।

दक्षिण कोरिया की सैमसंग का तो यूपी में पहले से काफी निवेश है और अब वह सैमसंग डिस्प्ले नाम से भारी निवेश की योजना बनाई है। कनाडा की एकैग्रेटा ने खाद्यान्न अवस्थापना उपकरणों में 746 करोड़ का निवेश का लक्ष्य रखा है।

पश्चिमी व दक्षिण के राज्यों से कड़ी चुनौती

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का बड़ा हिस्सा महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, केरल, आंध्रप्रदेश व कर्नाटक जैसे ज्यादा विकसित राज्यों में चला जाता है। इसी कोरोना काल में अप्रैल से सितंबर तक गुजरात में 119566 करोड़ का, कर्नाटक में 27458 करोड़, महाराष्ट्र में 27143 करोड़ का विदेशी निवेश हुआ।

उत्तर प्रदेश में शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि पोर्ट न होने व लैंड लाक्ड राज्य की वजह से विदेशी निवेश उम्मीद से कम हुआ है, लेकिन अब स्थिति बदली है। एक्सप्रेस-वे का जाल बिछने, ईज आफ डूइंग बिजनेस में बेहतर काम होने व यूपी की बेहतर ब्रांडिंग होने के कारण अब आने वाले समय में भारी निवेश होगा।

एफडीआई उत्तरप्रदेश

    वित्तीय वर्ष-विदेशी निवेश-करोड़ रुपये

  • 2015-16-524
  • 2016-17-50
  • 2017-18-578
  • 2018-19-234
  • 2019-20-1771
  • 2020-21-1680 (सितंबर 2020 तक )
    स्रोत : रिजर्व बैंक आफ इंडिया

एफडीआई बढ़ाने के लिए ईज आफ डूइंग बिजनेस के तहत काफी काम किया गया है। विदेशी निवेश के लिए कुछ नीतियों में बदलाव की जरूरत भी महसूस की जा रही है। सोलर इनर्जी के क्षेत्र में फ्रांस समेत कुछ देशों की कंपनियों ने निवेश की इच्छा जाहिर की है। उनसे बात कर दिक्कतों का समाधान कराया जाएगा।
                                                      -आलोक कुमार, अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास विभाग उत्तर प्रदेश

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