Monday, July 1, 2024
- Advertisement -
Homeधर्म ज्योतिषYogini Ekadashi Vrat 2024: आषाढ़ माह में इस दिन मनाई जाएगी योगिनी...

Yogini Ekadashi Vrat 2024: आषाढ़ माह में इस दिन मनाई जाएगी योगिनी एकादशी,यहां जानें तिथि और पूजा के नियम

- Advertisement -

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से सभी परेशानियां, रोग और कमियां दूर होते हैं और मनोकामनाएं जल्द पूरी होती हैं।

वहीं,आषाढ़ मास की पहली एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है। योगिनी एकादशी के दिन व्रत करने से मनुष्य को पृथ्वी पर सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। यदि वह इस दिन दान करता है तो उसे 84,000 ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर फल मिलता है। तो आइए योगिनी एकादशी कब है और इस दिन क्या शुभ संयोग बनता है?

किस दिन है योगिनी एकादशी

  • आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है। योगिनी एकादशी व्रत इस साल 2 जुलाई को मनाया जाएगा। वैसे तो ये एकादशी सभी के लिए विशेष है लेकिन यह एकादशी रोगियों के लिए बहुत शुभ मानी जाती है, क्योंकि इस एकादशी का व्रत और भगवान विष्णु की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
  • इस साल योगिनी एकादशी के दिन विशेष योग बनेगा। योगिनी एकादशी के दिन धृति और शूल योग के साथ-साथ कृतिका नक्षत्र भी मौजूद रहेगा, जो इस दिन को और भी शुभ बनाता है। इसलिए योगिनी एकादशी के दिन व्रत रखें और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।

एकादशी तिथि

योगिनी एकादशी तिथि 1 जुलाई को सुबह 10:12 बजे शुरू होगी. इसका समापन अगले दिन 2 जुलाई को सुबह 9 बजकर 23 मिनट पर होगा। उदयातिथि के उपलक्ष्य में एकादशी व्रत 2 जुलाई को ही रखा जाएगा। पूजा का शुभ समय 2 जुलाई को शाम 5:11 से 8:43 तक है।

पूजा के नियम

  • एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
  • एकादशी के दिन से एक दिन पहले सात्विक भोजन करना चाहिए।
  • एकादशी से एक दिन पहले अपने नाखून, दाढ़ी और बाल काट लें।
  • एकादशी के दिन, भूल जाने पर भी चावल नहीं खाना चाहिए, उपवास करना चाहिए और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
  • एकादशी के दिन रात्रि जागरण करना चाहिए, इससे लक्ष्मी नारायण प्रसन्न होंगे। घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है।
  • एकादशी में पारण का बहुत ही विशेष महत्व होता है।
  • एकादशी के अगले दिन, यानी द्वादशी तिथि के दिन सुबह स्नान करके सूर्य देव को जल देना चाहिए और पारण करना चाहिए।
  • तुलसी के पत्तों को प्रसाद के रूप में ग्रहण करके एकादशी व्रत का पारण करें।
What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments