नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत है। देवों के देव देवाधिदेव महादेव ही एक मात्र ऐसे भगवान हैं, जो शीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्तों को मनचाहा फल देते है। भगवान शिव की भक्ति हर कोई करता है। चाहे वह इंसान हो, राक्षस हो, भूत-प्रेत हो अथवा देवता हो। यहां तक कि पशु-पक्षी, जलचर, नभचर, पाताललोक वासी हो अथवा बैकुण्ठवासी हो।
अगर कोई भक्त सोमवार को सच्चे मन और पूरे समर्पण से उनकी आराधना करता है तो वह अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर कर देते हैं। धार्मिक मान्यताओं की मानें तो भगवान शंकर का न आदि है और न अंत है। भगवान भोले के कई प्रसिद्ध मंदिर भी हैं। तो आज हम आपको भगवान शंकर के उन प्रमुख मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां पर भगवान शिव को दर्शन करने से भक्तों की हर इच्छा पूरी होती है…
रामेश्वरम मंदिर
रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडू के रामनाथपुर में स्थित है। कहा जाता है कि रामेश्वरम मंदिर के शिवलिंग की स्थापना स्वयं श्री राम द्वारा की गई थी। मंदिर की दीवारों पर छोटी-छोटी बनी प्रतिमा और दीवारों में सुंदर नक्काशी की गई है। ब्राह्मण रूपी रावण को मारने के बाद भगवान श्रीराम ने दोष से छुटकारा पाने के लिए इसी स्थान पर शवलिंग स्थापित कर पूजा-अर्चना की थी। यह मंदिर हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी से घिरा हुआ है। बता दें कि रामेश्वरम मंदिर पूरे विश्व में काफी ज्यादा प्रसिद्ध है।
महाकालेश्वर मंदिर
महाकालेश्वर का मंदिर उज्जैन में स्थित है। यह भी बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। बता दें कि उज्जैन स्थित महाकालेश्वर के दर्शन किए बिना 12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा पूर्ण नहीं मानी जाती है। महाकाल को उज्जैन का विशिष्ट पीठासीन देवता माना जाता था।
12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर का शिवलिंग स्वयंभू यानि कि अपने आप से प्रकट हुआ माना जाता है। बता जें कि महाकालेश्वर मंदिर में लिंग स्वरुप भोलेनाथ की प्रतिमा दक्षिणामुखी है। पहले यहां पर जलती हुई चिता की राख लाकर भगवान शिव की पूजा की जाती थी